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  1. बाजार की टेंशन के बीच निवेशक खरीद रहे सोना, AMFI आंकड़ों में गोल्ड ईटीएफ बना हीरो

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बाजार की टेंशन के बीच निवेशक खरीद रहे सोना, AMFI आंकड़ों में गोल्ड ईटीएफ बना हीरो

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 16:27 IST

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सारांश

अक्टूबर 2025 के AMFI आंकड़ों में गोल्ड ईटीएफ में तगड़ा निवेश जारी रहा है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के विश्लेषण के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ में 7,743 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो आया। यह सितंबर के 8,363 करोड़ के रिकॉर्ड निवेश के बाद आया है। निवेशक इसे महंगाई और जोखिम से बचने के लिए खरीद रहे हैं।

When you invest in a Gold ETF, you are basically investing in the price of gold itself, without having to worry about buying physical gold or storing it

2025 में अब तक गोल्ड ईटीएफ में 27,573 करोड़ का निवेश आ चुका है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने अक्टूबर 2025 के लिए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 79.87 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है । इस महीने इंडस्ट्री में सभी स्कीम्स को मिलाकर 2.15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नेट इनफ्लो देखने को मिला । लेकिन इन बड़े आंकड़ों के बीच, निवेशकों का सोने के प्रति आकर्षण एक बार फिर चमक कर सामने आया है।

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गोल्ड ETF में लगातार तगड़ा निवेश

बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) निवेशकों के लिए एक 'सेफ हेवन' यानी सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया द्वारा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, अक्टूबर 2025 में भी गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों का रुझान बरकरार रहा। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की सीनियर एनालिस्ट नेहा मेश्राम के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ ने अक्टूबर 2025 में भी निवेशकों का स्थिर रुझान आकर्षित करना जारी रखा है। इस महीने गोल्ड ईटीएफ में 7,743 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया। यह आंकड़ा इसलिए भी खास है क्योंकि यह सितंबर में आए 8,363 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड इनफ्लो के ठीक बाद आया है।

क्यों चमक रहा सोना?

नेहा मेश्राम बताती हैं कि यह लगातार मिल रहा तगड़ा निवेश निवेशकों की सोने के प्रति पसंद को दर्शाता है। निवेशक सोने को एक 'सेफ-हेवन' और 'पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर' (जोखिम बांटने वाला) के तौर पर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह दुनिया भर में बने हुए भू-राजनीतिक जोखिम, वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों को लेकर जारी अनिश्चितता है। जब भी दुनिया में टेंशन बढ़ती है या बाजार गिरते हैं, निवेशक सुरक्षा के लिए सोने की ओर भागते हैं।

महंगाई और करेंसी से भी बचाव

नेहा मेश्राम के अनुसार, घरेलू निवेशक सोने को महंगाई और करेंसी में उतार-चढ़ाव, दोनों के खिलाफ एक प्रभावी बचाव (Hedge) के रूप में देख रहे हैं। भले ही महीने भर वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें एक दायरे में बंधी रहीं, लेकिन घरेलू निवेशकों ने अपना निवेश जारी रखा।

लगातार आ रहा यह निवेश यह भी बताता है कि निवेशक अपनी संपत्ति को संरक्षित करने और जोखिम को बांटने के लिए रणनीतिक रूप से सोने का उपयोग कर रहे हैं। यह तब और जरूरी हो जाता है जब ग्लोबल बॉन्ड यील्ड बढ़ी हुई है और इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है।

2025 में अब तक 27,573 करोड़ का निवेश

सोने की यह चमक सिर्फ एक या दो महीने की नहीं है। साल 2025 में अब तक गोल्ड ईटीएफ में कुल 27,573 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो आ चुका है। नेहा मेश्राम के मुताबिक, "गोल्ड ईटीएफ पैसिव स्पेस में सबसे मजबूत सेगमेंट में से एक बना हुआ है।" यह आंकड़े पोर्टफोलियो में स्थिरता लाने और जोखिम को कम करने में सोने की बढ़ती भूमिका की पुष्टि करते हैं।

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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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