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How to manage expenses: बहुत कोशिश के बावजूद महीने के अंत में खत्म हो जाते हैं पैसे? ये टिप्स आएंगे काम

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 13:28 IST

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सारांश

How to manage monthly expenses: अपने खर्चों पर कंट्रोल रखने के पॉपुलर तरीकों में से एक है- बजट बनाना। इसके लिए आमतौर पर एक्सपर्ट्स 50/30/20 नियम को फॉलो करने का सुझाव देते हैं। इस नियम के मुताबिक चलकर आप ना सिर्फ अपने लिए रोजमर्रा की जरूरी चीजों में खर्च कर पाएंगे, बल्कि अपनी पसंदीदा चीजों को खरीदने के साथ ही बचत भी कर पाएंगे।

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Financial Management: अपने खर्च करने के पैटर्न को समझने के लिए हर खर्च पर नजर रखना जरूरी है।

How to manage expenses: फाइनेंशियल मैनेजमेंट एक ऐसी चीज है, जिससे आप बचत करके लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। हालांकि, कई लोगों के लिए यह संभव नहीं हो पाता। फाइनेंशियल मैनेजमेंट का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने लिए जरूरी और पसंद की चीजों पर भी खर्च ना करें। इसमें बस यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि आपका पैसा कहां खर्च हो रहा है। अगर आप भी अपने खर्चों को मैनेज करके बचत नहीं कर पाते हैं, तो यहां आपके लिए जरूरी टिप्स दिए गए हैं।

बजट बनाना

अपने खर्चों पर कंट्रोल रखने के पॉपुलर तरीकों में से एक है- बजट बनाना। इसके लिए आमतौर पर एक्सपर्ट्स 50/30/20 नियम को फॉलो करने का सुझाव देते हैं। इस नियम के मुताबिक चलकर आप ना सिर्फ अपने लिए रोजमर्रा की जरूरी चीजों में खर्च कर पाएंगे, बल्कि अपनी पसंदीदा चीजों को खरीदने के साथ ही बचत भी कर पाएंगे।

इस नियम के मुताबिक आपको अपनी सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा रोजमर्रा की जरूरी चीजों पर खर्च करना चाहिए। वहीं, 30 फीसदी हिस्सा अपनी पसंद की चीजों को खरीदने के लिए और शेष 20 फीसदी सैलरी का इस्तेमाल सेविंग और इनवेस्टमेंट के लिए करना चाहिए।

खर्चों को ट्रैक करना

अपने खर्च करने के पैटर्न को समझने के लिए हर खर्च पर नजर रखना जरूरी है। आप हर दिन या सप्ताह में एक बार खर्चों का हिसाब कर सकते हैं। अपने खर्चों को दो कैटेगरी में बांट लें। पहली कैटेगरी में ऐसे खर्चों को शामिल करें जो हर महीने होते ही हैं, जैसे EMI और रेंट। इसके अलावा, दूसरी कैटेगरी में ऐसे खर्च होंगे, जो फिक्स्ड नहीं हैं, जैसे शॉपिंग और बाहर लंच या डिनर करना। इस तरह आप गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर सकते हैं।

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें

आज के समय में कई ऐसे ऐप्स मौजूद हैं जो आपके खर्चों को ट्रैक करने का काम आसान बना देते हैं। ये ऐप्स आपके बैंक अकाउंट से जुड़कर आपके खर्चों को अपने आप रिकॉर्ड कर लेते हैं। साथ ही, आप अपने मोबाइल में बिल पेमेंट के लिए रिमाइंडर लगा सकते हैं, जिससे कोई भी बिल चूकने की संभावना कम हो जाती है और लेट फीस से बचा जा सकता है।

खर्च की सीमा तय करें

अपने खर्चों को कंट्रोल में रखने के लिए यह जरूरी है कि आप पहले से यह तय करें कि किन चीजों पर कितना खर्च करना है। खासकर जो खर्च जरूरी नहीं हैं, जैसे – बाहर खाना, मनोरंजन या शॉपिंग, उन पर एक तय सीमा बना लें। इससे आप अनावश्यक खर्च से बच सकते हैं और अपने पूरे फाइनेंशियल प्लान के अंदर रहकर खर्च कर सकते हैं।

खर्चों को कम करने की कोशिश करें

अगर आप अपने नियमित खर्चों को थोड़ा-थोड़ा कम करें, तो ज्यादा पैसे बचा सकते हैं। इसके लिए आप अपने मकान मालिक से किराया कम करवाने की बात कर सकते हैं, बिजली बचाने वाले उपकरण इस्तेमाल कर सकते हैं, या सस्ता इंटरनेट प्लान चुन सकते हैं। इसके अलावा, खरीदारी करते समय ऑफर्स, कैशबैक और लॉयल्टी प्रोग्राम्स का इस्तेमाल भी काफी मददगार होता है।

हर महीने रिव्यू करें

हर महीने के अंत में अपने खर्चों की समीक्षा करना भी जरूरी है। आप अपने बजट को देखें, उसमें क्या सही चला और क्या नहीं, यह जानें और जरूरत के अनुसार उसमें बदलाव करें। अगर आप सही टूल्स और स्ट्रैटेजी अपनाते हैं, तो अपनी फाइनेंशियल स्थिति पर कंट्रोल पा सकते हैं और समझदारी से खर्च कर सकते हैं, जिससे आपके लंबे समय के लक्ष्य पूरे हो सकें।

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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.