पर्सनल फाइनेंस
5 min read | अपडेटेड August 01, 2025, 08:32 IST
सारांश
इस महीने पर्सनल फाइनेंस और और मनी रिलेटेड बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जिनमें नए UPI नियम और मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) ऑपरेशन के लिए संशोधित ट्रेडिंग घंटे शामिल हैं। हर महीने ही कुछ नए वित्तीय बदलाव देखने को मिलते हैं, जो किसी शख्स की लाइफ के अलग-अलग पहलुओं पर असर डालते हैं।
अगस्त से होने वाले फाइनेंशियल बदलाव, यहां देखें पूरी लिस्ट
Financial Changes in August 2025: इस महीने यानी अगस्त में कुछ बड़े फाइनेंशियल बदलाव देखने को मिलने वाले हैं। इस महीने पर्सनल फाइनेंस और और मनी रिलेटेड बदलाव लागू होने वाले हैं, जिनमें नए UPI नियम और मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) ऑपरेशन के लिए संशोधित ट्रेडिंग घंटे शामिल हैं। हर महीने ही कुछ नए वित्तीय बदलाव देखने को मिलते हैं, जो किसी शख्स की लाइफ के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करते हैं। ये वित्तीय बदलाव इन्वेस्टर्स के साथ-साथ अन्य भारतीय नागरिकों के लिए अहम हैं, क्योंकि ये उनके बजट और फाइनेंशियल प्लैनिंग को प्रभावित कर सकते हैं। चलिए एक नजर डालते हैं कि आने वाले महीने में कौन से अहम बदलाव होने वाले हैं।
National Payments Corporation of India (NPCI) यानी कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने ग्राहकों के लिए यूपीआई एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कई एपीआई-लेवल लिमिट्स लागू की हैं।
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी गैर-ग्राहक-प्रारंभिक एपीआई (जो सिस्टम द्वारा ऑटोमेटिकली ट्रिगर होते हैं) को व्यस्त समय के दौरान रिस्ट्रिक्ट किया जाना चाहिए। यूपीआई ऐप्स को इन बदलावों को लागू करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने का निर्देश दिया गया था।
जून 2025 में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कॉल मनी और रेपो बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटों के विस्तार की घोषणा की थी। 1 अगस्त से, मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (टीआरईपी) ऑपरेशन्स के लिए ट्रेडिंग घंटे एक घंटे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक कर दिए जाएंगे। अपडेटेड टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। सरकारी प्रतिभूति बाजार, विदेशी मुद्रा बाजार और ब्याज दर डेरिवेटिव बाजार के लिए अन्य समय समान रहेंगे। कॉल मनी के समय में संशोधन 1 जुलाई, 2025 से पहले ही लागू हो चुका था, जिसे दो घंटे बढ़ाकर शाम 7 बजे कर दिया गया था। अब ट्रेडिंग का समय रात 9 बजे से शाम 7 बजे तक है।
10 जुलाई, 2025 को जारी NPCI के एक सर्कुलर के मुताबिक, यूजर्स को 31 अगस्त से FD, शेयर, बॉन्ड, सोना, संपत्ति, व्यक्तिगत/व्यावसायिक लोन आदि द्वारा समर्थित पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों (लोन/ओवरड्राफ्ट) को UPI से जोड़ने की अनुमति होगी। उपयोगकर्ता UPI के जरिए P2P, P2PM, मर्चेंट भुगतान (P2M) और यहां तक कि नकद निकासी भी कर सकेंगे, जिसमें भुगतान के लिए 1 लाख रुपये, नकद निकासी के लिए 10,000 रुपये और प्रतिदिन 20 P2P ट्रांसफर की डेली लिमिट होगी। Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे UPI प्लैटफॉर्म को इन ट्रांजैक्शन को सपोर्ट करने के लिए अतिरिक्त मर्चेंट कैटेगरी कोड (MCC) सक्षम करने होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 4 से 6 अगस्त तक निर्धारित है। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी, जिनमें रेपो दर में बदलाव (अगर कोई होता है) भी शामिल है। जून की MPC बैठक में, RBI ने रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट्स की भारी कटौती की घोषणा की, जिससे 2025 के लिए कुल रेपो दर में 100 बेसिस पॉइंट्स (1%) की कटौती हो गई। रेपो रेट अब 5.5% है।
जून की बैठक के दौरान मौद्रिक नीति का रुख भी 'तटस्थ' कर दिया गया था। RBI द्वारा रेपो दर में कटौती के साथ, बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन और जमा दरें भी कम हो जाती हैं, जिसका भारतीय परिवारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कम रेपो दर का मतलब है कि बैंक RBI से सस्ती दर पर पैसा उधार ले सकते हैं, जिससे वे लोन और FD दरों को कम कर सकते हैं। आने वाले महीनों के लिए देश की मौद्रिक नीति निर्धारित करने के लिए अगस्त की MPC बैठक पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
संसद का मॉनसून सेशन 21 जुलाई 2025 को शुरू हुआ था और यह 21 अगस्त 2025 को खत्म होगा। संसद टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाने और बिजनेस सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कई आर्थिक और टैक्स-रिलेटेड विधेयकों पर विचार कर रही है। मॉनसून सेशन के परिणामों की घोषणा अगस्त के अंत में की जाएगी, जिससे यह बिजनेस, टैक्स पेयर्स और इन्वेस्टर्स के लिए अपेक्षित नीतिगत और विधायी बदलावों पर नजर रखने का एक अहम समय बन जाता है, जो उनकी वित्तीय गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।
हर महीने, एलपीजी सिलेंडर की कीमतों के साथ-साथ सीएनजी, पीएनजी और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों की समीक्षा की जाती है और जरूरत पड़ने पर उनमें बदलाव किए जाते हैं। 1 अगस्त यानी कि आज से एलपीजी सिलेंडर के दाम में बदलाव हुआ है, कमर्शियल सिलेंडर 35 रुपये तक सस्ते हो गए हैं।
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