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Budget 2025 से एक्सपर्ट्स को उम्मीद, NRIs से संपत्ति खरीदना होगा आसान

Upstox

3 min read | अपडेटेड January 09, 2025, 07:48 IST

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सारांश

Budget 2025 for NRIs: NRI से संपत्ति खरीदने पर टैक्स भी ज्यादा लगता है और इसकी प्रक्रिया भी काफी जटिल होती है।

NRIs से संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया को आसान बनाने और टैक्स में राहत की उम्मीद

NRIs से संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया को आसान बनाने और टैक्स में राहत की उम्मीद

राजीव कुमार

केंदीय बजट 2025-26 अगले महीने पेश होने जा रहा है। इसको लेकर देश में तो चर्चा चल ही रही है, देश के बाहर भी टैक्स को लेकर अटकलें लग रही हैं। दरअसल, निगाहें अनिवासी भारतीयों (Non-Resident Indians, NRI) के लिए टैक्स की प्रक्रिया को आसान बनाने की सरकार की कोशिशों पर टिकी हैं।

इसमें एक बड़ा मुद्दा NRIs की संपत्ति पर टैक्स से जुड़ा हुआ है। मौजूदा व्यवस्था में NRIs से रिहायशी संपत्ति खरीदने पर टैक्स की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसकी तुलना में भारतीयों से ही संपत्ति खरीदने पर यह काफी आसान हो जाता है।

क्या है मौजूदा व्यवस्था?

आयकर नियमों के मुताबिक घर खरीदने वालों को जिस कीमत पर संपत्ति खरीदी गई है उसका 1% स्रोत पर कर कटौती (Tax Deducted at Source, TDS) की शक्ल में काटना होता है। ऐसा संपत्ति के ₹50 लाख या उससे ज्यादा होने पर करना जरूरी होता है। TDS को डिपॉजिट करना तब आसान हो जाता है जब बेचने वाला भारत में ही रहता हो। इसे फॉर्म 26QB के साथ डिपॉजिट कर दिया जाता है।

हालांकि, संपत्ति बेचने वाला अगर NRI है तो प्रक्रिया जटिल हो जाती है। डेलॉइट में पार्टनर दिव्या बावेजा के मुताबिक ऐसे में टैक्स भी ज्यादा होता है और खरीददार को पहले टैक्स डिडक्शन ऐंड कलेक्शन अकाउंट नंबर (Tax Deduction and Collection Account Number, TAN) लेना होता है, काटा गया टैक्स डिपॉजिट करना होता है और फिर e-TDS फाइल करना होता है।

बवेजा का कहना है कि सिर्फ NRI से संपत्ति खरीदे पर TAN हासिल करने की जरूरत के कारण कई इनैक्टिव TAN बन गए हैं क्योंकि ऐसा ट्रांजैक्शन बार-बार नहीं होता है।

क्या हैं प्रस्ताव?

इस मुद्दे को सुलझाने के लिए डेलॉइट का सुझाव है कि आगामी बजट में NRI से संपत्ति खरीदने पर TDS की प्रक्रिया को आसान करना चाहिए। इसके लिए चालान-कम-स्टेटमेंट जारी किए जा सकते हैं जो भारतीयों से घर खरीदने में इस्तेमाल होते हैं।

डेलॉइट के एक्सपर्ट्स को यह भी उम्मीद है कि आगामी बजट में NRIs को अपने विदेशी बैंक अकाउंट्स में टैक्स पेमेंट करने की इजाजत मिलेगी। अभी नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, NEFT/ RTGS या बैंक काउंटर से ही टैक्स भरा जा सकता है। इसके लिए भारतीय बैंक में अकाउंट होना जरूरी है। इसके चलते NRIs को टैक्स भरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

एक्सपर्ट्स को यह भी उम्मीद है कि बजट में टैक्स रीफंड विदेशी बैंक अकाउंट में करने और आयकर रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन विदेशी मोबाइल नंबरों के जरिए करने की सुविधा भी दी जाएगी।

बजट 205-26 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगी। इसके लिए बजट के पहले देश के अलग-अलग क्षेत्रों से एक्सपर्ट्स अपनी राय दे रहे हैं। वित्त मंत्री ने इन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के दौर में उनकी मांगें भी सुनी हैं।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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