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3 min read | अपडेटेड February 11, 2025, 02:03 IST
सारांश
EPFO UAN Activation: EPFO अपने सदस्यों को एक 12 अंकों का UAN जारी करता है। संगठन की ऑनलाइन सेवाओं का फायदा लेने के लिए इस यूनीक नंबर का ऐक्टिवेशन जरूरी होता है।
EPFO की ऑनलाइन सेवाएं सदस्यों के लिए क्लेम ट्रैक करना, प्रोफाइल अपडेट करना आसान बनाती हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employeess Provident Fund Organisation, EPFO) के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को ऐक्टिवेट करने की आखिरी तारीख एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive Scheme, ELIS) के तहत बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है।
UAN एक 12 अंकों का नंबर होता है। इसे EPFO अपने सदस्यों को जारी करता है। इस यूनीक नंबर को ऐक्टिवेट करने से संगठन के सदस्य इसकी ऑनलाइन सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं।
EPFO की डिजिटल सेवा, जैसे प्रॉविडेंट फंड अकाउंट को मैनेज करने, पासबुक देखने, विदड्रॉअल और अडवांस के लिए क्लेम दाखिल करने और क्लेम ट्रैक करने जैसी सेवाएं का ऐक्सेस ऑनलाइन हो जाता है जो सदस्यों के काम तेजी से और पारदर्शिता के साथ करता है।
UAN ऐक्टिवेशन और आधार लिंकिंग के लिए पहले आखिरी तारीख 30 नवंबर, 2024 थी जिसे पहले 15 दिसंबर, 2024 और फिर 15 जनवरी, 2025 तक आगे बढ़ाया गया। अब इसे 15 फरवरी, 2025 कर दिया गया है।
-EPFO सदस्य पोर्टल पर जाएं।
-'जरूरी लिंक्स' में 'ऐक्टिवेट UAN' पर क्लिक करें।
-अपना UAN, आधार नंबर, नाम, जन्मतिथि, आधार से लिंक मोबाइल नंबर एंटर करें।
-आधार OTP के जरिए वेरिफिकेशन करें।
-इसके बाद एक ऑथराइजेशन PIN और मोबाइल पर आए OTP को एंटर करें।
-ऐक्टिवेट होने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड आएगा। इसकी मदद से आप अपना अकाउंट ऐक्सेस कर सकते हैं।
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना देश नौकरियों को बढ़ाने की कवायद है। इसके तहत दो साल में दो करोड़ नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ₹2 करोड़ का बजट तय किया गया है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया है कि सगंठन ने इस वित्त वर्ष में ₹2,05,932.49 करोड़ की कीमत के 5.08 करोड़ क्लेम सेटल किए हैं जो उसके इतिहास में सबसे ज्यादा है। संगठन ने वित्त वर्ष 203-24 में ₹1,82,838.28 करोड़ के 4.45 करोड़ क्लेम सेटल करने के अपने पुराने रेकॉर्ड को तोड़ दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ऑटो-क्लेम सेटलमेंट , PF ट्रांसफर की प्रक्रिया में से नियोक्ताओं की जरूरत को कम करने, प्रोफाइल को सेल्फ अपेडट करने के विकल्प देने से ज्यादा से ज्यादा क्लेम सेटल किए जा सके हैं।
इसके अलावा रिजेक्शन रेट भी कम हो गया है। सिर्फ 1.11% केस ऐसे हैं जिन्हें नियोक्ता ने खारिज किया है और 0.21% केस ऐसे हैं जिन्हें ऑफिस ने खारिज किया है।
इन बदलावों की मदद से सदस्यों की शिकायतें और परेशानियां भी कम हुई हैं। इससे EPFO के ऊपर सदस्यों का विश्वास भी गहरा हुआ है।
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