पर्सनल फाइनेंस
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3 min read | अपडेटेड October 14, 2025, 07:51 IST
सारांश
EPFO ने पीएफ निकालने के नियम आसान कर दिए हैं, अब 100% तक निकासी संभव होगी। कंपनियों के लिए 'विश्वास स्कीम' और पेंशनर्स के लिए घर पर जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा शुरू की गई है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये बड़े फैसले लिए गए।

ईपीएफओ की तरफ से आया बड़ा अपडेट
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों को एक बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 238वीं बैठक में आपकी जेब और भविष्य से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों का मकसद कर्मचारियों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' यानी जीवन को आसान बनाना है। सबसे बड़ा बदलाव पीएफ से पैसा निकालने के नियमों को लेकर किया गया है, जिसे अब पहले से कहीं ज्यादा सरल और उदार बना दिया गया है। इसके अलावा, पेंशनर्स और कंपनियों के लिए भी राहत भरे ऐलान किए गए हैं।
अब तक पीएफ से आंशिक निकासी यानी जरूरत पर पैसा निकालने के नियम काफी जटिल थे। इसके लिए 13 अलग-अलग प्रावधान थे, जिन्हें समझना मुश्किल था। EPFO ने इन सभी को खत्म कर अब सिर्फ एक सरल नियम बना दिया है, जिसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है - जरूरी जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), घर की जरूरतें और विशेष परिस्थितियां।
सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि अब सदस्य अपने पीएफ खाते में जमा कुल राशि (कर्मचारी और कंपनी दोनों का हिस्सा मिलाकर) का 100% तक निकाल सकेंगे। शिक्षा के लिए निकासी की सीमा को 10 गुना और शादी के लिए 5 गुना बढ़ा दिया गया है। साथ ही, किसी भी तरह की निकासी के लिए न्यूनतम नौकरी की शर्त को घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है। अब 'विशेष परिस्थितियों' में पैसा निकालने के लिए आपको कोई कारण भी नहीं बताना होगा, जिससे क्लेम रिजेक्ट होने की आशंका खत्म हो जाएगी।
कई बार कंपनियां समय पर पीएफ का पैसा जमा नहीं कर पाती थीं, जिस पर EPFO भारी जुर्माना लगाता था। यह जुर्माना 5% से लेकर 37% सालाना तक था, जिसके कारण हजारों केस अदालतों में अटके पड़े थे। इस समस्या को सुलझाने के लिए 'विश्वास स्कीम' लॉन्च की गई है। इसके तहत, जुर्माने की दर को घटाकर सिर्फ 1% प्रति माह कर दिया गया है। इससे न केवल कंपनियों पर बोझ कम होगा, बल्कि अटके हुए मामलों का निपटारा भी तेजी से होगा और कर्मचारियों को उनका पैसा जल्दी मिलेगा।
EPFO ने पेंशनर्स को बड़ी राहत देते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ एक समझौता किया है। अब EPS'95 के पेंशनर्स को अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) जमा करने के लिए बैंक या ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पोस्टमैन खुद आपके घर आकर यह प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके लिए लगने वाला 50 रुपये का शुल्क भी EPFO खुद वहन करेगा, यानी पेंशनर्स के लिए यह सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी। यह सुविधा खासकर ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए एक वरदान साबित होगी।
बैठक में 'EPFO 3.0' के तहत एक व्यापक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन फ्रेमवर्क को भी मंजूरी दी गई। इसका लक्ष्य पीएफ सेवाओं को पूरी तरह से आधुनिक बनाना है। आने वाले समय में आपको ऑटोमेटेड क्लेम, तुरंत निकासी और कई भाषाओं में सेल्फ-सर्विस जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही, मंत्री ने रिटर्न फाइलिंग के लिए एक नया मॉड्यूल और बेहतर यूजर मैनेजमेंट सिस्टम भी लॉन्च किया, जिससे पूरी प्रक्रिया और पारदर्शी और तेज हो जाएगी। ये सभी कदम EPFO को भविष्य के लिए तैयार करेंगे और 30 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को बेहतर सेवा देंगे।
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