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2 min read | अपडेटेड March 12, 2025, 14:07 IST
सारांश
पहले, अगर किसी EPF सदस्य की मृत्यु नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड के बाद होती थी, तो ऐसे में अक्सर उसका परिवार EDLI से मिलने वाले लाभ के लिए पात्रता खो देता था। नए नियमों के तहत अब परिवार EDLI लाभ का दावा कर सकता है।
EPFO के बदले नियम से कैसे बेहतर हुआ EDLI
Employees' Provident Fund Organisation (EPFO) यानी कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल ही में Employees' Deposit Linked Insurance (EDLI) यानी कि कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना में अहम बदलाव किए हैं, ऐसे में अगर किसी ईपीएफ सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में उसके परिवार को पहले से बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इस बदलाव के पीछे का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि इससे कर्मचारी का कवरेज बढ़े और साथ ही बेहतर पेआउट मिले।
पहले, अगर किसी EPF सदस्य की मृत्यु नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड के बाद होती थी, तो ऐसे में अक्सर उसका परिवार EDLI से मिलने वाले लाभ के लिए पात्रता खो देता था। नए नियमों के तहत अब परिवार EDLI लाभ का दावा कर सकता है, भले ही ईपीएफ सदस्य की मृत्यु से पहले कोई नॉन-कंट्रीब्यूटरी पीरियड रहा हो। यह बदलाव रोजगार निरंतरता को मान्यता देता है और साथ ही साथ वित्तीय राहत सुनिश्चित करता है।
पहले अगर किसी EPF सदस्य ने नौकरी बदलने में कोई ब्रेक लिया हो, जैसे वीकेंड या फिर कुछ दिनों की छुट्टी तो ऐसे में परिवार को लाभ हासिल करने से अयोग्य ठहराया जा सकता था। नए नियम में दो महीने तक के ब्रेक को निरंतर सेवा माना जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि परिवारों को कम से कम ₹2.5 लाख और मृत्यु के मामले में ₹7 लाख तक का EDLI लाभ मिले।
EPFO का अनुमान है कि अब सालाना 14,000 से अधिक परिवार EDLI भुगतान के लिए योग्य होंगे। ईपीएफओ ने इस बात पर जोर दिया कि ये बदलाव कर्मचारी वेलफेयर के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। एक अलग अपडेट में, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ बचत के लिए 8.25% वार्षिक ब्याज दर को मंजूरी भी दे दी है।
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