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  1. आसान भाषा में समझिए EPFO में हुए क्या-क्या बदलाव, क्या अब चुटकी में हो जाएगा आंशिक विड्रॉल?

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आसान भाषा में समझिए EPFO में हुए क्या-क्या बदलाव, क्या अब चुटकी में हो जाएगा आंशिक विड्रॉल?

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 14, 2025, 17:01 IST

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सारांश

ईपीएफ मेंबर्स की जिंदगी आसान करने के लिए आंशिक विड्रॉल के नियमों को कुछ बदलाव करने के फैसले लिए हैं। क्या बदलाव किए गए हैं, इन बदलावों के मायने क्या हैं, चलिए आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। सीबीटी ने ईपीएफ के प्रिमैच्योर फाइनल सेटलमेंट और फाइनल पेंशन विड्रॉल की समय सीमा भी बढ़ाने का फैसला किया है।

ईपीएफओ

आसान भाषा में समझिए ईपीएफओ में हुए क्या-क्या बदलाव?

Employees Provident Fund Organisation (EPFO) यानी कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees, CBT) ने ईपीएफ मेंबर्स की जिंदगी आसान करने के लिए आंशिक विड्रॉल के नियमों को कुछ बदलाव करने के फैसले लिए हैं। क्या बदलाव किए गए हैं, इन बदलावों के मायने क्या हैं, चलिए आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। सीबीटी ने ईपीएफ के प्रिमैच्योर फाइनल सेटलमेंट और फाइनल पेंशन विड्रॉल की समय सीमा भी बढ़ाने का फैसला किया है। सोमवार को सीबीटी की 238वीं बैठक हुई और इस बैठक में ही इन बदलावों पर मुहर लगी। एक नजर अहम बदलावों पर-

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1- तीन तरह के विड्रॉल- इससे पहले, ईपीएफ से आंशिक विड्रॉल के लिए 13 प्रावधान थे। सीबीटी ने इन प्रावधानों को केवल तीन कारणों में समाहित करने का फैसला किया है, जिनके लिए आंशिक विड्रॉल की अनुमति होगी।

जरूरी आवश्यकताएं

घर से जुड़ी जरूरतें

खास परिस्थितियां

ईपीएफओ ने कहा, ‘ईपीएफ मेंबर्स के जीवन को आसान बनाने के लिए, सीबीटी ने ईपीएफ स्कीम के आंशिक विड्रॉल प्रावधानों को आसान बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए 13 जटिल प्रावधानों को सिंगल, सुव्यवस्थित नियम में जोड़ा गया है, जिसे तीन तरह में बांटा गया है- जरूरी आवश्यकताएं (बीमारी, एजुकेशन, शादी), घर से जुड़ी जरूरतें और खास परिस्थितियां।’

2- 100% तक का विड्रॉल- ईपीएफओ मेंबर्स अब कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से समेत भविष्य निधि में पात्र बचे हुए फंड का 100% तक निकाल सकेंगे।
3- अधिक विड्रॉल की अनुमति- सीबीटी ने निकासी की सीमा को उदार बनाया है। अब, शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति होगी (विवाह और शिक्षा के लिए कुल तीन आंशिक विड्रॉल की मौजूदा सीमा से)।
4- 12 महीने बाद आंशिक विड्रॉल- सभी आंशिक विड्रॉल के लिए मिनिमम सर्विस की जरूरत को समान रूप से घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है।
5- खास परिस्थितियों के लिए कोई कारण की जरूरत नहीं- ईपीएफओ ने कहा कि पहले, 'खास परिस्थितियों' के अंतर्गत, सदस्य को आंशिक विड्रॉल के लिए कारण क्लियर करने होते थे, जैसे प्राकृतिक आपदा, प्रतिष्ठानों का तालाबंदी/बंद होना, निरंतर बेरोजगारी, महामारी का प्रकोप आदि। इसके कारण अक्सर दावे खारिज हो जाते थे और परिणामस्वरूप शिकायतें होती थीं। अब, सदस्य इस कैटेगरी के अंतर्गत बिना कोई कारण बताए अप्लाई कर सकते हैं।
6- अनिवार्य 25% न्यूनतम शेष राशि- सदस्यों के खाते में योगदान का 25% न्यूनतम शेष राशि के रूप में निर्धारित करने का प्रावधान किया गया है जिसे सदस्य द्वारा हर समय बनाए रखा जाना है। ईपीएफओ ने कहा, ‘इससे सदस्य ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाली उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25% प्रति वर्ष) के साथ-साथ उच्च मूल्य की रिटायरमेंट कॉर्पस जमा करने के लिए चक्रवृद्धि लाभों का फायदा उठा सकेंगे।’
7- 100% ऑटो सेटलमेंट- ईपीएफओ ने कहा कि योजना प्रावधानों के सरलीकरण, अधिक लचीलेपन और किसी भी डॉक्यूमेंटेशन की जीरो आवश्यकता के साथ, आंशिक विड्रॉल के दावों के 100% ऑटो सेटलमेंट का रास्ता आसान करेगा और जीवन को आसान बनाएगा।
8- प्रिमैच्योर फाइनल सेटलमेंट और अंतिम पेंशन विड्रॉल- सीबीटी ने ईपीएफ के प्रिमैच्योर फाइनल सेटलमेंट का फायदा उठाने के पीरियड को मौजूदा 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और फाइनल पेंशन विड्रॉल के पीरियड को 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने करने का भी फैसला लिया है।
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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