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  1. EPF अकाउंट में ₹10 लाख रुपये हों तो अब कितनी रकम निकाल सकते हैं? उदाहरण से समझें नया नियम

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EPF अकाउंट में ₹10 लाख रुपये हों तो अब कितनी रकम निकाल सकते हैं? उदाहरण से समझें नया नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 20, 2025, 11:24 IST

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सारांश

EPFO के नए नियमों के तहत, खाते में मौजूद कुल राशि का 75% हिस्सा बिना किसी दस्तावेज या मंजूरी के निकाला जा सकता है, जबकि बाकी 25% राशि खाते में बनी रहेगी। यह रकम “मिनिमम बैलेंस” के रूप में रखी जाएगी, ताकि अकाउंट कभी पूरी तरह खाली न हो।

EPFO

EPFO ने साफ किया है कि 75% राशि किसी भी समय निकाली जा सकती है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने हाल ही में EPF (एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड) से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कर्मचारियों को अपने PF अकाउंट से कुल बैलेंस का 100% तक निकालने की अनुमति मिल गई है, लेकिन इसमें से 75% हिस्सा "एलिजिबल बैलेंस" माना जाएगा, जिसे किसी भी समय निकाला जा सकता है। यह नियम केवल EPF अकाउंट पर लागू होगा, न कि EPS (पेंशन फंड) पर। यहां हमने इस नए नियम को उदाहरण के साथ समझाया है।

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क्या है EPFO का नया नियम

EPFO के नए नियमों के तहत, खाते में मौजूद कुल राशि का 75% हिस्सा बिना किसी दस्तावेज या मंजूरी के निकाला जा सकता है, जबकि बाकी 25% राशि खाते में बनी रहेगी। यह रकम “मिनिमम बैलेंस” के रूप में रखी जाएगी, ताकि अकाउंट कभी पूरी तरह खाली न हो। इस 25% हिस्से पर ब्याज मिलता रहेगा और यह सदस्य को फाइनल सेटलमेंट के समय यानी नौकरी छोड़ने के एक साल बाद मिल जाएगा। विशेष परिस्थितियों में पूरी राशि निकालने की भी अनुमति है।

EPF अकाउंट से कितनी राशि निकाल सकते हैं, उदाहरण से समझें

अगर आपको अब भी यह समझ नहीं आ रहा कि नए नियमों के तहत आप अपने EPF खाते से कितनी राशि निकाल सकते हैं, तो यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिससे आपको आसानी से समझ आएगा। अगर आपके EPF अकाउंट में कुल ₹10 लाख हैं, तो आप अधिकतम ₹7.5 लाख (यानी 75%) निकाल सकते हैं। बाकी ₹2.5 लाख आपके EPF खाते में बने रहेंगे। साफ है कि नए नियमों के तहत आप अपने कुल PF बैलेंस का 75% हिस्सा कभी भी निकाल सकते हैं, जबकि 25% हिस्सा खाते में न्यूनतम बैलेंस के रूप में रहेगा और उस पर ब्याज मिलता रहेगा।

सोशल मीडिया में नियमों को लेकर फैला भ्रम

इस नियम को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रम फैल गया था। भ्रम फैलने की वजह वह नियम है जिसमें कहा गया है कि खाते में 25 फीसदी हिस्सा मिनिमम बैलेंस के रूप में रखना अनिवार्य होगा। EPFO ने साफ किया है कि 75% राशि किसी भी समय निकाली जा सकती है, और 25% हिस्सा केवल इसलिए बचाकर रखा जाता है, ताकि खाता पूरी तरह खाली न हो और उस पर ब्याज मिलता रहे।

अगर कोई व्यक्ति नौकरी छोड़ने के बाद एक साल के भीतर दोबारा नौकरी पर लग जाता है, तो उसका EPF और EPS खाता फिर से सक्रिय हो जाएगा, और नई कंपनी उसमें योगदान देना शुरू कर देगी। कुल मिलाकर, EPFO 3.0 के तहत अब कर्मचारी अपने फंड का बड़ा हिस्सा आसानी से निकाल सकते हैं, और बाकी राशि पर ब्याज कमाकर उसे सुरक्षित रख सकते हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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