पर्सनल फाइनेंस
4 min read | अपडेटेड June 17, 2025, 14:12 IST
सारांश
हाल ही में ईपीएफओ ने केवाईसी या सदस्य डीटेल्स में करेक्शन या ट्रांसफर क्लेम को पेश करने के सरलीकरण, 1 लाख रुपये तक के एडवांस्ड क्लेम के ऑटो सेटलमेंट के लिए कार्यक्षमता बढ़ाना और पेंशन डिस्बर्समेंट प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) के लिए सर्कुलर जारी किए हैं।
PF सेवाओं के लिए ना लें किसी एजेंट की मददः EPFO
Employees’ Provident Fund Organization (EPFO) यानी कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सभी हितधारकों के लिए ईपीएफओ सर्विसेज को तेज, ट्रांसपैरेंट और यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। ये पहल ईपीएफओ की अपने सभी हितधारकों को परेशानी मुक्त, सुरक्षित और कुशल सेवाएं देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हाल ही में ईपीएफओ ने केवाईसी या सदस्य डीटेल्स में करेक्शन या ट्रांसफर क्लेम को पेश करने के सरलीकरण, 1 लाख रुपये तक के एडवांस्ड क्लेम के ऑटो सेटलमेंट के लिए कार्यक्षमता बढ़ाना और पेंशन डिस्बर्समेंट प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) के लिए सर्कुलर जारी किए हैं। बीमारी, आवास, शादी और एजुकेशन के लिए एडवांस्ड ऑटो क्लेम सेटलमेंट सुविधा की लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है, जिसके फलस्वरूप फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 2.34 करोड़ क्लेम का ऑटो मोड में निपटान किया गया।
ज्यादातर मामलों में नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को हटाकर 15.01.2025 से ट्रांसफर क्लेम प्रोसेस को भी सरल बना दिया गया है। आधार प्रमाणीकरण (अथंटीकेशन) का इस्तेमाल करके सदस्य प्रोफाइल करेक्शन के लिए दी गई ऑनलाइन सुविधा को सरल बनाया गया है। ज्यादातर मामलों में सदस्य प्रोफाइल करेक्शन के लिए नियोक्ता और ईपीएफओ पर निर्भरता खत्म कर दी गई है। ऑनलाइन डी-लिंकिंग सुविधा ने सदस्यों को उनके यूएएन से गलत सदस्य आईडी को डीलिंक करने में सक्षम बनाया है और इस प्रकार शिकायतों में कमी आई है। यूएएन का एलॉटमेंट और एक्टिवेशन फेस अथंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) का इस्तेमाल करके उमंग ऐप के जरिए किया जा रहा है।
इस सुविधा का फायदा उठाकर, सदस्य को ईपीएफओ सेवाओं जैसे पासबुक देखना, केवाईसी अपडेट, क्लेम करना आदि तक तत्काल पहुंच मिलती है। ईपीएफओ ने ऑनलाइन दाखिल दावों के तेज सेटलमेंट और क्लेम के रिजेक्शन को कम करने के लिए चेक लीफ/सत्यापित बैंक पासबुक की फोटोकॉपी अपलोड करने की आवश्यकता को हटा दिया है। साथ ही, यूएएन के साथ बैंक अकाउंट की डीटेल्स को जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को अप्रैल 2025 से हटा दिया गया है। हालांकि, यह देखा गया है कि कई साइबरकैफे ऑपरेटर्स/फिनटेक कंपनियां ईपीएफओ सदस्यों से उन सर्विसेज के लिए बड़ी रकम वसूल रही हैं जो आधिकारिक तौर पर मुफ्त हैं।
कई मामलों में ये ऑपरेटर्स केवल ईपीएफओ के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे कोई भी सदस्य अपने घर बैठे, मुफ्त में कर सकता है। हितधारकों को ईपीएफओ से संबंधित सर्विसेज के लिए तीसरे पक्ष की कंपनियों या एजेंटों के पास जाने या उनसे जुड़ने के खिलाफ चेतावनी दी जाती है क्योंकि इससे उनका वित्तीय डेटा थर्ड पार्टी की संस्थाओं के सामने आ सकता है। ये बाहरी संस्थाएं ईपीएफओ द्वारा अधिकृत नहीं हैं और वे अनावश्यक चार्जेस ले सकती हैं या सदस्यों की पर्सनल डीटेल्स की सिक्योरिटी से समझौता कर सकती हैं। ईपीएफओ के पास एक मजबूत शिकायत निगरानी और निवारण प्रणाली है, जिसमें सदस्यों की शिकायतों को सीपीजीआरएएमएस या ईपीएफआईजीएमएस पोर्टल पर रजिस्टर किया जाता है और समयबद्ध तरीके से उनके समाधान होने तक उनकी निगरानी की जाती है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में ईपीएफआईजीएमएस में कुल 16,01,202 शिकायतें और सीपीजीआरएएमएस में 1,74,328 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 98% शिकायतों का समय सीमा के अंदर निवारण किया गया। ईपीएफओ अपने सभी सदस्यों, नियोक्ताओं और पेंशनभोगियों को ईपीएफओ पोर्टल और उमंग ऐप के जरिए उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह देता है।
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