return to news
  1. Old vs New Tax Regime: नई या पुरानी, कौन सी कर व्यवस्था है बेहतर, कैसे मिलेगा फायदा.. समझें यहां

पर्सनल फाइनेंस

Old vs New Tax Regime: नई या पुरानी, कौन सी कर व्यवस्था है बेहतर, कैसे मिलेगा फायदा.. समझें यहां

rajeev-kumar

3 min read | अपडेटेड January 17, 2025, 07:19 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

New Tax Regime में ऐसे कई डिडक्शन नहीं हैं, जो Old Tax Regime में हैं। हालांकि, नई कर व्यवस्था में स्लैब बदलने से ही फायदा दे दिया गया है। ऐसे में कौन सी टैक्स व्यवस्था आपको टैक्स पर बचत दे सकती है, यह कैलकुलेशन जरूरी है।

पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलते हैं कई डिडक्शन

पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलते हैं कई डिडक्शन

नई कर व्यवस्था आने के बाद से इसकी पुरानी कर व्यवस्था के साथ तुलना जारी है। खासकर बजट 2025 के पहले इसे लेकर चर्चा भी तेज हो गई है क्योंकि सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार क्या बदलाव लाए जाएंगे।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 72% करदाताओं ने नई टैक्स व्यवस्था को चुना है। हालांकि, अभी भी ऐसे कई करदाता हैं जो पुरानी कर व्यवस्था में ज्यादा फायदा देखते हैं।

दरअसल, पुरानी कर व्यवस्था में कई टैक्स डिडक्शन मिलते हैं। इससे जिन लोगों की ज्यादा सैलरी होती है उन्हें फायदा होता है। हालांकि, इसके लिए डिडक्शन का सही तरह से इस्तेमाल भी होना चाहिए। अलग-अलग लोगों के लिए इसका फायदा भी अलग होता है।

इसलिए आयकर विभाग भी यह कहता है कि दोनों व्यवस्थाओं के बीच में तुलना करके फिर अपनी जरूरत के हिसाब से चुनाव करना चाहिए।

_इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद से जानें नई और पुरानी कर व्यवस्था में कितना बनेगा टैक्स। _

कौन सी कर व्यवस्था है बेहतर?

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कौन सी कर व्यवस्था बेहतर है, इस सवाल का जवाब इसपर निर्भर करता है कि एक व्यक्ति की आमदनी कितनी है और कितना डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। नई कर व्यवस्था में जिन लोगों की सैलरी ₹7.75 लाख सालाना तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना। हालांकि, सैलरी बढ़ने पर पुरानी टैक्स व्यवस्था में ज्यादा फायदा हो सकता है।

निमित कंसल्टंसी के संस्थापक सीए नितेश बुद्धदेव के मुताबिक कुछ ऐसे डिडक्शन हैं जिनके लगने से पुरानी कर व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है। ऐसे कुल अमाउंट को ब्रेक इवेन अमाउंट कहते हैं। इसमें 80सी, 80डी, HRA, दान, 80जी, LTA, घर कर्ज का ब्याज, एजुकेशन लोन का ब्याज आता है। ₹50 लाख से ऊपर आमदनी वालों को सरचार्ज भी जोड़ना होगा।

वेतनब्रेक ईवन अमाउंट
₹15.75 लाख और ऊपर₹4.83 लाख
₹15 लाख₹4.58 लाख
₹14 लाख₹4.37 लाख
₹13 लाख₹4.37 लाख
₹12 लाख₹4.18 लाख
₹11 लाख₹3.93 लाख
₹10 लाख₹3.50 लाख
₹9 लाख₹3.00 लाख
₹8 लाख₹2.50 लाख
₹7.75 लाख तकहमेशा नई कर व्यवस्था

अपनी जरूरत के आधार पर आप कर व्यवस्था को टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले बदल भी सकते हैं। यह सुविधा सिर्फ वेतनप्राप्त कर्मचारियों के लिए है।

अब क्या करें आगे?

अभी वित्त वर्ष 2024-24 और असेसमेंट इयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए 6 महीने का वक्त बचा है। आमतौर पर हर साल 15 जून या उसके बाद नियोक्ता फॉर्म 16 जारी करते हैं। इससे आयकर रिटर्न फाइल किया जा सकता है।

कुछ समय लेकर यह तय किया जा सकता है कि कौन सी कर व्यवस्था में रिटर्न फाइल करना है। बस यह जरूरी है कि पुरानी कर व्यवस्था चुनने पर 31 मार्च के पहले निवेश करना होगा ताकि समय रहते डिडक्शन का फायदा लिया जा सके।

लेखकों के बारे में

rajeev-kumar
Rajeev Kumar Upstox में डेप्युटी एडिटर हैं और पर्सनल फाइनेंस की स्टोरीज कवर करते हैं। पत्रकार के तौर पर 11 साल के करियर में उन्होंने इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड्स, बीमा, बचत और पेंशन जैसे विषयों पर 2,000 से ज्यादा आर्टिकल लिखे हैं। वह 1% क्लब, द फाइनेंशल एक्सप्रेस, जी बिजेनस और हिंदुस्तान टाइम्स में काम कर चुके हैं। अपने काम के अलावा उन्हें लोगों से उनके पर्सनल फाइनेंस के सफर के बारे में बात करना और उनके सवालों के जवाब देना पसंद है।

अगला लेख