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  1. दिवाली पर दिखा क्रेडिट कार्ड से खर्च करने का अलग ट्रेंड, SBI की रिपोर्ट में सामने आई डीटेल

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दिवाली पर दिखा क्रेडिट कार्ड से खर्च करने का अलग ट्रेंड, SBI की रिपोर्ट में सामने आई डीटेल

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 18, 2025, 18:25 IST

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सारांश

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में यह बदलाव बेवजह नहीं है। कपड़ों पर जीएसटी बढ़ने और रेंट पेमेंट पर बैंकों द्वारा लगाए गए एक्स्ट्रा चार्ज ने लोगों को पीछे हटने पर मजबूर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रेंट पेमेंट में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि ऑनलाइन शॉपिंग और यूटिलिटी बिल भरने में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।

Credit card spending on apparel and rental payments decline in festive season. | Image source: Shutterstock

त्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड से कपड़ों की खरीदारी घटी, इलेक्ट्रॉनिक्स पर खर्च बढ़ा।

भारत में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अब केवल शौक पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि समझदारी से खर्च करने के लिए किया जा रहा है। साल 2025 के त्योहारी सीजन के दौरान सामने आए आंकड़ों ने बाजार के पंडितों को भी हैरान कर दिया है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सितंबर और अक्टूबर के महीनों में भारतीयों ने क्रेडिट कार्ड को घिसने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन जिस जगह पैसा खर्च किया गया, वह पिछले सालों से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर दिवाली और दशहरे के समय कपड़ों की खरीदारी सबसे ऊपर रहती थी, लेकिन इस बार जनता ने कपड़ों से मुंह मोड़ लिया है और उनका सारा प्यार इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर उमड़ा है।

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कपड़ों और किराये पर क्यों लगी लगाम?

रिपोर्ट के आंकड़ों पर गौर करें तो कपड़ों की खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में 42 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण टैक्स का गणित है। दरअसल, 2500 रुपये से ज्यादा कीमत वाले कपड़ों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। इस महंगाई ने लोगों को कार्ड स्वाइप करने से पहले सोचने पर मजबूर कर दिया। इससे भी बड़ा झटका रेंट पेमेंट यानी किराये के भुगतान में लगा है। क्रेडिट कार्ड से घर का किराया भरने के चलन में 74 प्रतिशत की कमी आई है। इसका कारण यह है कि अब लगभग सभी बैंक क्रेडिट कार्ड से रेंट भरने पर 1 से 3 प्रतिशत तक का अतिरिक्त चार्ज वसूलने लगे हैं। कोई भी समझदार व्यक्ति अपने किराये पर एक्स्ट्रा फीस नहीं देना चाहता, इसलिए लोगों ने इसके लिए दूसरे विकल्प चुन लिए हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और बिल भरने में रिकॉर्ड तोड़ खर्च

जहां एक तरफ कपड़ों और किराये पर खर्च घटा है, वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स के बाजार में बहार आ गई है। रिपोर्ट बताती है कि फ्रिज, टीवी, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खरीदने में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 61 प्रतिशत तक बढ़ गया है। इसमें भी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर यह आंकड़ा और भी ज्यादा है। इसके अलावा, लोगों ने अपने बिजली, पानी और मोबाइल के बिल भरने यानी यूटिलिटी सर्विसेज के लिए क्रेडिट कार्ड का जमकर इस्तेमाल किया है। इसमें लगभग 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। यह साफ दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ता अब क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स और कैशबैक का फायदा उठाने के लिए इसे रोजमर्रा के जरूरी खर्चों में इस्तेमाल कर रहे हैं।

गाड़ियों और राशन पर भी दिल खोलकर खर्च

सिर्फ गैजेट्स ही नहीं, बल्कि गाड़ियों की सर्विसिंग और एसेसरीज पर भी लोगों ने दिल खोलकर खर्च किया है। इस श्रेणी में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही डिपार्टमेंटल स्टोर और राशन की दुकानों पर भी क्रेडिट कार्ड से भुगतान में 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह ट्रेंड बताता है कि अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लक्जरी चीजों से हटकर जरूरत के सामानों की तरफ शिफ्ट हो रहा है। एयरलाइन बुकिंग में भी थोड़ी गिरावट देखी गई है, जो शायद हवाई किराए में बढ़ोतरी या लोगों द्वारा ट्रेन और सड़क यात्रा को प्राथमिकता देने का संकेत हो सकता है।

एसबीआई रिसर्च की यह रिपोर्ट न केवल खर्चों का लेखा-जोखा है, बल्कि बदलते भारत की एक तस्वीर भी है। उपभोक्ता अब ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं। जहां उन्हें अतिरिक्त चार्ज देना पड़ रहा है, वहां वे पीछे हट रहे हैं और जहां ऑफर्स या जरूरत है, वहां खर्च कर रहे हैं। आने वाले समय में बैंकों और कंपनियों को अपनी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय ग्राहक अब हर ट्रांजेक्शन पर नफा-नुकसान तोलने लगा है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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