पर्सनल फाइनेंस
5 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 17:02 IST
सारांश
Child Education Plan: चाइल्ड एजुकेशन प्लान एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट है, जिसकी मदद से पैरेंट्स सिस्टमैटिकली बचत और निवेश कर सकते हैं। इसके तहत अगर माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो बच्चे के भविष्य की सुरक्षा के लिए लाइफ इंश्योरेंस कवरेज भी मिलता है।
Child Education Plan: सही समय पर और सही प्लानिंग के जरिए आप अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
अगर पॉलिसी लेने वाले माता-पिता की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी बाकी प्रीमियम खुद भरती है और पॉलिसी चलती रहती है। इससे परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं आता और बच्चे को समय पर पैसे मिलते रहते हैं।
आप अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, छह महीने, सालाना या एक बार में प्रीमियम भर सकते हैं। बच्चे की पढ़ाई के अहम समय पर आपको एकमुश्त राशि या किश्तों में पैसे मिलते हैं।
हर साल पढ़ाई का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। ये प्लान आपको समय के साथ फंड तैयार करने में मदद करता है ताकि भविष्य में महंगे कोर्सेज के लिए टेंशन ना हो। कुछ प्लान्स को आप एजुकेशन लोन लेने के समय गिरवी रख सकते हैं, जिससे विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना आसान हो जाता है। कुछ प्लान मार्केट से जुड़े होते हैं (जैसे ULIP) और लंबे समय में अच्छे रिटर्न देते हैं।
यह योजना सिर्फ बेटियों के लिए है। इस योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक 10 साल से कम उम्र की लड़की के नाम पर खाता खोल सकते हैं। यह खाता खोलने के बाद 21 साल में मैच्योर होता है, या यदि लड़की की शादी 18 साल की उम्र के बाद होती है तो उससे पहले भी बंद किया जा सकता है।
साल 2025 में इस योजना पर 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो कंपाउंड होता है यानी ब्याज पर भी ब्याज मिलता है। इसमें हर साल कम से कम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक की जमा की जा सकती है। इसके साथ-साथ, इस योजना में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है।
PPF लॉन्ग टर्म के लिए निवेश योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा समर्थित किया गया है। इसमें अभी 7.1% का ब्याज मिलता है, जो हर तीन महीने में बदला जा सकता है। इस स्कीम में जमा किया गया पैसा टैक्स से छूट प्राप्त करता है (धारा 80C के तहत), और इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है। इसकी लॉक-इन अवधि 15 साल होती है, इसलिए यह लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त है।
NSC एक निश्चित आय वाली योजना है, जो मध्यम और निम्न आय वाले निवेशकों को टैक्स बचत के साथ निवेश के लिए प्रोत्साहित करती है। इसकी मैच्योरिटी अवधि 5 साल होती है और ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है। इस पर मिलने वाला ब्याज हर साल दोबारा उसी स्कीम में जुड़ जाता है (reinvest होता है) और टैक्स छूट के लिए योग्य होता है (80C के तहत)। यह योजना बच्चों की पढ़ाई के लिए फंड जुटाने का एक सुरक्षित विकल्प हो सकती है।
ULIP एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें बीमा और निवेश दोनों का लाभ मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन बीमा कवर में जाता है और बाकी हिस्सा शेयर बाजार या बॉन्ड में निवेश किया जाता है। इसकी लॉक-इन अवधि 5 साल होती है। सही तरीके से निवेश करने पर इससे अच्छा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी होता है, इसलिए निवेश से पहले इसके चार्ज और रिस्क को समझना जरूरी है। टैक्स छूट 80C के तहत मिलती है।
SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए आप हर महीने एक तय राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इससे निवेश करने की आदत बनती है और कंपाउंडिंग से लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। SIP में सीधा टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता, लेकिन ELSS जैसे कुछ म्यूचुअल फंड 80C के तहत टैक्स छूट देते हैं।
बैंक FD पारंपरिक और सुरक्षित निवेश विकल्प हैं, जो तय समय के लिए निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न देते हैं। हालांकि इनके रिटर्न अन्य योजनाओं की तुलना में कम हो सकते हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा और स्थिरता के कारण यह ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो जोखिम नहीं लेना चाहते। कुछ बैंक बच्चों के लिए विशेष एफडी भी देते हैं, जो शिक्षा के खर्चों में मदद कर सकती हैं।
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