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  1. Home Loan Interest Rates: 6 बैंक जहां होम लोन की ब्याज दर है 8% या उससे कम, रेपो रेट कट से होगा और फायदा?

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Home Loan Interest Rates: 6 बैंक जहां होम लोन की ब्याज दर है 8% या उससे कम, रेपो रेट कट से होगा और फायदा?

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 09:39 IST

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सारांश

Cheapest Home Loan Interest Rates: भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती करने के ऐलान के बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही बैंक भी अपने ग्राहकों को रेट कट का फायदा दे सकते हैं। रिजर्व बैंक ने नीतिगत बेंचमार्क रेट को 0.50% घटाकर 5.5% कर दिया था। ऐसे कई बैंक हैं जहां अभी सबसे कम ब्याज दर पर घर कर्ज दिया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह और कम हो सकता है।

Home Loan: फ्लोटिंग रेट होम लोन में ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है।

Home Loan: फ्लोटिंग रेट होम लोन में ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) ने पिछले हफ्ते वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के बाद रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती करने का ऐलान कर दिया। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने MPC का फैसला सुनाते हुए रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.5% करने की जानकारी दी जो पिछले तीन साल में सबसे कम है।

इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि बैंक भी अपने ग्राहकों को नीतिगत बेंचमार्क रेट में की गई इस कटौती का फायदा दे सकते हैं। रेपो रेट को एक्सटर्नल बेंचमार्क मानते हुए इससे लिंक होम लोन, कार लोन जैसे फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वाले लोन लेने वाले ग्राहकों को फायदा हो सकता क्योंकि उन्हें इन कर्जों पर EMI कम देनी होगी। पिछली बार की गई कटौती के बाद बैंकों ने भी ब्याज दरें घटाई थीं।

RBI की रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक अलग-अलग आधार पर ब्याज दरें सस्ती कर सकते हैं। जैसे बेहतर क्रेडिट स्कोर (800 या उससे ज्यादा) वाले ग्राहकों को कम ब्याज दर पर कर्ज दिए जाते हैं। वहीं, स्वरोजगार की तुलना में वेतनप्राप्त कर्मचारियों पर कम ब्याज दर लगने की संभावना ज्यादा रहती है।

यहां एक नजर डालते हैं ऐसे बैंकों पर जो ज्यादा क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे रहे हैं ।
बैंकप्रारंभिक ब्याज दर (प्रति वर्ष)
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया7.85%
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया7.85%
बैंक ऑफ महाराष्ट्र7.85%
केनरा बैंक7.90%
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया8.00%
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस8.00%
पंजाब नेशनल बैंक8.00%

रेपो रेट से कैसे जुड़ी है ब्याज दर?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर कमर्शल बैंकों को फंड्स की कमी पड़ने पर सेंट्रल बैंक (भारत में रिजर्व बैंक) ओवरनाइट कर्ज देता है। इसके लिए वह बैंक से कुछ सिक्यॉरिटीज भी लेता है। जब RBI रेपो रेट पर बैंकों को कर्ज देता है, तो इसी पैसे को आगे कर्जदारों को देते हुए बैंक भी ब्याज लगाते हैं। रेपो रेट में कटौती से बैंकों के ग्राहकों पर लगाए जाने वाले ब्याज में भी कमी की संभावना होती है।

रेपो रेट कटौती का और क्या असर?

जब रेपो रेट ज्यादा होता है तो बैंक उनके पास पैसे जमा करने के लिए ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देते हैं क्योंकि RBI से पैसे लेना उनके लिए महंगा पड़ रहा होता है।

हालांकि, जब RBI रेपो रेट कम करता है, यानी RBI से कर्ज लेना सस्ता होता है, तो बैंकों को FD पर ज्यादा ब्याज दर देकर ग्राहकों को आकर्षित करने की जरूरत नहीं रह जाती। इसलिए रेपो रेट कम होने पर FD पर ब्याज दर भी कम होने के आसार बनते हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।