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  1. ATM से कैश निकालने पर देने होंगे ज्यादा पैसे, 1 मई से लागू हो रहा है नया नियम

पर्सनल फाइनेंस

ATM से कैश निकालने पर देने होंगे ज्यादा पैसे, 1 मई से लागू हो रहा है नया नियम

Upstox

2 min read | अपडेटेड March 26, 2025, 11:26 IST

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सारांश

रिपोर्ट के अनुसार RBI ने फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए ATM इंटरचेंज फीस में 2 रुपये और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए 1 रुपये की बढ़ोतरी की है। इसके तहत, फ्री लिमिट पूरी हो जाने के बाद कैश निकालने पर लगने वाली फीस 17 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से बढ़कर 19 रुपये हो जाएगी।

1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होने वाला है।

1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होने वाला है।

अगर आप पैसे के लिए अक्सर ATM से कैश निकालते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। 1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होने वाला है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM से कैश निकालने पर लागू इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।

ATM से कैश निकालना कितना हुआ महंगा

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय बैंक ने फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए एटीएम इंटरचेंज फीस में 2 रुपये और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए 1 रुपये की बढ़ोतरी की है। इसके तहत, फ्री लिमिट पूरी हो जाने के बाद कैश निकालने पर लगने वाली फीस 17 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से बढ़कर 19 रुपये हो जाएगी। वहीं, बैलेंस चेक फीस भी 6 रुपये प्रति लेनदेन से बढ़कर 7 रुपये हो जाएगी।

रिपोर्ट में आगे संकेत दिया गया है कि ग्राहकों को बढ़ी हुई एटीएम इंटरचेंज फीस का भुगतान करना होगा। जो ग्राहक अक्सर दूसरे बैंकों के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, वे इससे प्रभावित होंगे, क्योंकि उनकी निकासी की लागत बढ़ जाएगी।

ATM इंटरचेंज फीस क्या है?

सरल शब्दों में कहें तो एटीएम इंटरचेंज फीस एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को ग्राहकों को एटीएम सर्विस प्रदान करने के लिए दिया जाने वाला चार्ज है। इंटरचेंज फीस आमतौर पर बैंकिंग कॉस्ट के हिस्से के रूप में जोड़ दिया जाता है।

अगर ग्राहक बैंक A के एटीएम के बजाय बैंक B के एटीएम से पैसा निकालता है, तो उसे एक निश्चित सीमा के बाद शुल्क देना होगा। इसके तहत मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन और नॉन-मेट्रो शहरों में 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह बदलाव NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के सुझाव पर किया है। व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों ने शुल्क बढ़ाने की मांग की थी क्योंकि पुराने शुल्क उनके परिचालन खर्च पूरे करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

नए शुल्क छोटे बैंकों को अधिक प्रभावित करेंगे क्योंकि उनके पास अपनी एटीएम नेटवर्क की सीमित सुविधा होती है और वे अन्य बैंकों के एटीएम पर निर्भर रहते हैं।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।