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3 min read | अपडेटेड November 19, 2025, 11:29 IST
सारांश
New Aadhar Card: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण लोगों से जुड़ी जानकारी के दुरुपयोग को रोकने और ऑफलाइन वेरिफिकेशन को डिस्करेज करने के लिए यूजर्स की फोटो और क्यूआर कोड के साथ आधार कार्ड जारी करने पर विचार कर रहा है।

नए तरह के आधार कार्ड की तैयारी में UIDAI
Unique Identification Authority of India (UIDAI) यानी कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण लोगों से जुड़ी जानकारी के दुरुपयोग को रोकने और ऑफलाइन वेरिफिकेशन को डिस्करेज करने के लिए यूजर्स की फोटो और क्यूआर कोड के साथ आधार कार्ड जारी करने पर विचार कर रहा है। आधार के लिए एक नए ऐप पर आयोजित एक खुले ऑनलाइन सम्मेलन में यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भुवनेश कुमार ने कहा कि प्राधिकरण दिसंबर में एक नया नियम लाने पर विचार कर रहा है, ताकि होटल, कार्यक्रम आयोजकों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा ऑफलाइन वेरिफिकेशन को डिस्करेज किया जा सके, और व्यक्तियों की गोपनीयता बनाए रखते हुए आधार का इस्तेमाल करके एज वेरिफिकेशन प्रोसेस को बढ़ाया जा सके। कुमार ने कहा, ‘इस बारे में विचार किया जा रहा है कि कार्ड पर किसी और डीटेल की जरूरत क्यों हो। इसमें केवल फोटो और क्यूआर कोड होना चाहिए। अगर हम और जानकारी छापेंगे, तो लोग वही मानेंगे और जो लोग इसका दुरुपयोग करना जानते हैं, वे करते रहेंगे।’ आधार अधिनियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति का आधार नंबर या बायोमेट्रिक जानकारी ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए इकट्ठा, इस्तेमाल या कलेक्ट नहीं की जा सकती। फिर भी कई संस्थाएं आधार कार्ड की फोटोकॉपी इकट्ठा और स्टोर करती हैं।
कुमार ने कहा कि आधार कार्ड की कॉपी का इस्तेमाल करके ऑफलाइन वेरिफिकेशन को डिस्करेज करने के लिए एक कानून पर काम चल रहा है, जिस पर आधार प्राधिकरण 1 दिसंबर को विचार करेगा। कुमार ने कहा, ‘आधार को कभी भी डॉक्यूमेंट्स के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसे केवल आधार नंबर से प्रमाणित किया जाना चाहिए या क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके वेरिफाई किया जाना चाहिए। अन्यथा, यह एक नकली डॉक्यूमेंट हो सकता है।’ यूआईडीएआई ने बैंकों, होटलों, फिनटेक फर्मों आदि समेत कई हितधारकों के साथ एक जॉइंट मीटिंग की ताकि उन्हें निर्माणाधीन नए ऐप के बारे में जानकारी दी जा सके, जिसके जल्द ही लॉन्च होने की उम्मीद है। नए ऐप से डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन ऐक्ट के अनुरूप आधार प्रमाणीकरण सेवा को और बेहतर बनाने की उम्मीद है, जो 18 महीनों में पूरी तरह से चालू हो जाएगा। यह ऐप यूजर्स को नए ऐप पर अपने एड्रेस प्रूफ डॉक्यूमेंट्स अपडेट करने और उसी ऐप पर परिवार के अन्य सदस्यों को जोड़ने में सक्षम करेगा जिनके पास कोई मोबाइल फोन नहीं है।
यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने बताया कि नया ऐप चेहरे से पहचान की सुविधा का इस्तेमाल करके परिवार के आधारहोल्डर्स के मोबाइल नंबर अपडेट करने की सुविधा भी देगा। कुमार ने कहा कि नया ऐप एम-आधार ऐप की जगह लेगा और यह विभिन्न संस्थाओं के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया को आसान बनाएगा, जिन्हें विभिन्न उद्देश्यों के लिए किसी व्यक्ति का वेरिफाई करना होता है। नया ऐप डिजीयात्रा ऐप द्वारा किए जाने वाले आधार वेरिफिकेशन की तरह ही काम करेगा। यूआईडीएआई के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नया ऐप कई मामलों में व्यक्तियों के वेरिफिकेशन में मदद करेगा, जिसमें कार्यक्रमों, सिनेमा हॉल में एंट्री, 18 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा वाले कुछ प्रोडक्ट्स की खरीदारी, साथ ही छात्रों का वेरिफिकेशन, होटलों में चेक-इन, आवासीय सोसाइटियों में एंट्री आदि शामिल हैं।
PTI इनपुट के साथ
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