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  1. 8th Pay Commission के बारे में हर किसी को पता होनी चाहिए ये 5 बातें, सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होता इसका काम

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8th Pay Commission के बारे में हर किसी को पता होनी चाहिए ये 5 बातें, सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होता इसका काम

Upstox

4 min read | अपडेटेड November 06, 2025, 16:04 IST

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सारांश

8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार है। जानिए यह आयोग क्या करेगा, कब तक सिफारिशें लागू होंगी और आपकी जेब पर इसका कितना असर पड़ सकता है।

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8वें वेतन आयोग का हो चुका है गठन

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर टिकी हैं। हर दस साल में एक नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है, जो महंगाई और आर्थिक हालात के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन की समीक्षा करता है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और अब 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी 5 सबसे जरूरी बातें जो हर कर्मचारी को पता होनी चाहिए।

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आयोग का मुख्य काम क्या होगा?

8वें वेतन आयोग का काम सिर्फ सैलरी बढ़ाना नहीं है। सरकार ने आयोग के काम का दायरा तय कर दिया है। आयोग मौजूदा वेतनमान, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों और सेवा नियमों की गहराई से जांच करेगा। यह भी देखा जाएगा कि क्या मौजूदा व्यवस्था महंगाई और आर्थिक हकीकत के हिसाब से सही है या नहीं। आयोग जरूरत पड़ने पर भत्तों में भी बड़ा बदलाव कर सकता है। इसका मुख्य लक्ष्य सरकारी खजाने पर बोझ डाले बिना कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करना है। यह कर्मचारियों की जरूरतों और बजट के बीच एक संतुलन बनाने का काम करेगा।

बढ़ोतरी कब से लागू हो सकती है?

आमतौर पर हर केंद्रीय वेतन आयोग दस साल के चक्र पर काम करता है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। इसी पैटर्न को देखें तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि, यह तभी होगा जब आयोग अपनी रिपोर्ट सौंप देगा और कैबिनेट इसे मंजूरी दे देगा। पैनल को अपना काम पूरा करने के लिए करीब 18 महीने का वक्त दिया गया है। इसलिए, 2025 के आखिर तक ही इस पर कोई पक्की खबर आने की उम्मीद है।

कितनी बढ़ सकती है सैलरी और पेंशन?

यह सबसे बड़ा सवाल है, जिसका पक्का जवाब अभी किसी के पास नहीं है। सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह काफी हद तक 'फिटमेंट फैक्टर' पर निर्भर करता है। यह एक ऐसा मल्टीप्लायर है जिससे बेसिक सैलरी में उछाल तय होता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था। विश्लेषकों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग देश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए 2.8 से 3.0 के बीच फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है। हालांकि, हाथ में आने वाली असली सैलरी (टेक-होम पे) इस बात पर भी निर्भर करेगी कि महंगाई भत्ते (DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में क्या बदलाव होते हैं।

कौन-कौन होगा इसमें शामिल?

वेतन आयोग का फायदा केंद्रीय नागरिक कर्मचारियों, रक्षा कर्मियों (डिफेंस पर्सनल), केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को मिलता है। हालांकि, इस बार कुछ पेंशनभोगी संघों ने चिंता जताई है। उन्हें डर है कि शायद उन्हें पूरी तरह से कवर नहीं किया जाएगा। वैसे तो आयोग के काम के दायरे में पेंशन और रिटायरमेंट लाभों का जिक्र साफ तौर पर है, लेकिन आखिरी तस्वीर तभी साफ होगी जब आयोग अपनी रिपोर्ट जारी करेगा।

यह सरकार के लिए वित्तीय परीक्षा क्यों है?

केंद्र में सैलरी और पेंशन बढ़ाने का सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ता है। इससे खर्चों में बड़ा इजाफा होता है। इतना ही नहीं, केंद्र के इस कदम के बाद राज्यों में भी ऐसी ही मांगें उठने लगती हैं, जिससे सार्वजनिक वित्त पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। सरकार ने साफ कहा है कि आयोग का काम वित्तीय स्थिरता को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा। इसका मतलब है कि वेतन वृद्धि को देश की बड़ी आर्थिक तस्वीर, राजस्व की कमी और पूंजीगत खर्च की जरूरतों के हिसाब से फिट होना चाहिए। सरकार कर्मचारियों को फायदा देना चाहती है, लेकिन लंबी अवधि की वित्तीय स्थिरता की कीमत पर नहीं।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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