पर्सनल फाइनेंस
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4 min read | अपडेटेड November 14, 2025, 15:23 IST
सारांश
मेहनत की कमाई, यानी पीएफ का पैसा निकालते वक्त क्लेम रिजेक्ट हो जाए तो बड़ी परेशानी होती है। ज्यादातर लोग 5 आम गलतियां करते हैं, जैसे नाम या जन्मतिथि का आधार से मेल न खाना या गलत बैंक खाता देना। यहां जानें कि इन गलतियों से कैसे बचें।

पीएफ क्लेम करने से पहले अपनी पासबुक और केवाईसी की जानकारी जरूर जांच लें।
अपनी मेहनत की कमाई, यानी प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा निकालना कई बार लोगों के लिए सिरदर्द बन जाता है। जरूरत के वक्त आप ऑनलाइन क्लेम फाइल करते हैं और कुछ दिनों बाद पता चलता है कि आपका क्लेम रिजेक्ट हो गया है। ज्यादातर मामलों में क्लेम रिजेक्ट होने के पीछे कुछ छोटी-छोटी गलतियां होती हैं, जिन पर लोग ध्यान नहीं देते। अगर आप भी पीएफ का पैसा निकालने की सोच रहे हैं, तो आज आपको इन 5 बातों को गांठ बांध लेनी चाहिए।
यह क्लेम रिजेक्ट होने का सबसे आम कारण है। आपके पीएफ खाते में दर्ज जानकारी आपकी केवाईसी (KYC) यानी आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते से पूरी तरह मेल खानी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि पीएफ रिकार्ड में नाम की स्पेलिंग और आधार कार्ड में स्पेलिंग अलग-अलग होती है। इसी तरह, जन्मतिथि या पिता के नाम में भी फर्क हो सकता है। अगर आपकी जानकारी 100% मैच नहीं करती है, तो ईपीएफओ (EPFO) आपके क्लेम को रिजेक्ट कर देगा। इसलिए, क्लेम करने से पहले अपने यूएएन (UAN) पोर्टल पर लॉगिन करके 'मैनेज' सेक्शन में अपनी केवाईसी जरूर जांच लें।
पीएफ का पैसा सीधे आपके बैंक खाते में आता है। अगर आपने अपना बैंक खाता नंबर या आईएफएससी (IFSC) कोड भरने में जरा भी गलती की, तो क्लेम तुरंत रिजेक्ट हो जाएगा। कई बार लोग ऐसा बैंक खाता नंबर दे देते हैं, जो उनके नाम पर नहीं होता या फिर वह एक ज्वाइंट अकाउंट (Joint Account) होता है। ईपीएफओ सिर्फ उसी खाते में पैसा भेजता है, जो पीएफ मेंबर के नाम पर हो (या जीवनसाथी के साथ ज्वाइंट हो)। यह भी पक्का करें कि आपने जो बैंक खाता दिया है, वह चालू हालत में हो।
डिजिटल इंडिया के दौर में अब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक, आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आपके आधार कार्ड से न सिर्फ लिंक होना चाहिए, बल्कि वेरिफाइड (Verified) भी होना चाहिए। अगर आपका आधार आपके यूएएन से लिंक नहीं है, तो आप ऑनलाइन क्लेम फाइल ही नहीं कर पाएंगे। और अगर लिंक है लेकिन वेरिफाइड नहीं है, तो क्लेम प्रोसेस नहीं होगा। इसे आप खुद यूएएन पोर्टल से या अपनी कंपनी की मदद से ठीक करा सकते हैं।
यह एक ऐसी बड़ी गलती है जिस पर बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है। जब आप कोई कंपनी छोड़ते हैं, तो आपकी पुरानी कंपनी को ईपीएफओ के सिस्टम में आपकी नौकरी छोड़ने की तारीख अपडेट करनी होती है। अगर यह तारीख अपडेट नहीं है, तो ईपीएफओ यह मानकर चलता है कि आप अभी भी उसी कंपनी में काम कर रहे हैं। ऐसे में जब आप फाइनल सेटलमेंट (Form 19) के लिए क्लेम करते हैं, तो वह रिजेक्ट हो जाता है। अब कर्मचारी खुद भी अपनी 'डेट ऑफ एग्जिट' अपडेट कर सकते हैं, बशर्ते नौकरी छोड़े हुए दो महीने हो गए हों।
आपको पीएफ से पैसा क्यों चाहिए, इसके आधार पर अलग-अलग फॉर्म भरने होते हैं। जैसे, नौकरी छोड़ने के बाद पूरा पैसा निकालने के लिए फॉर्म 19, पेंशन के लिए फॉर्म 10C और किसी खास जरूरत (जैसे शादी, इलाज या पढ़ाई) के लिए एडवांस निकालने के लिए फॉर्म 31 होता है। अगर आपने गलत फॉर्म भर दिया, तो क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा। इसके अलावा, हर क्लेम की कुछ शर्तें होती हैं, जैसे एडवांस निकालने के लिए आपकी सर्विस कम से कम 5 साल होनी चाहिए। अगर आप शर्त पूरी नहीं करते, तब भी आपका आवेदन खारिज कर दिया जाएगा।
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