return to news
  1. Stock Market: Sensex-Nifty में भारी बिकवाली, फेड रेट कट के बावजूद इन 5 फैक्टर्स ने बिगाड़ा खेल

मार्केट न्यूज़

Stock Market: Sensex-Nifty में भारी बिकवाली, फेड रेट कट के बावजूद इन 5 फैक्टर्स ने बिगाड़ा खेल

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड October 30, 2025, 14:47 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Stock Market: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की, जो पहले से उम्मीद की जा रही थी। लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फिलहाल आगे और कटौती की संभावना कम है, क्योंकि अमेरिका में सरकार के शटडाउन रहने से नए आर्थिक आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं।

Stock Market

Stock Market: 29 अक्टूबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने ₹2540.16 करोड़ के शेयर बेचे।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में आज 30 अक्टूबर को बिकवाली का जबरदस्त दबाव है। आज के कारोबार में BSE Sensex करीब 600 अंक टूटकर 84,384 के स्तर आ गया। दूसरी तरफ Nifty 50 में भी 150.75 अंकों की कमजोरी देखी गई और यह 25900 के आसपास ट्रेड कर रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा भविष्य में ब्याज दरों पर उठाए जाने वाले कदमों पर स्पष्टता की कमी के चलते आज बाजार पर दबाव दिखा। यहां हमने बाजार में गिरावट के बड़े कारण बताए हैं।
Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

फेड ने ब्याज दर घटाई, लेकिन आगे का रास्ता अनिश्चित

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की, जो पहले से उम्मीद की जा रही थी। लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फिलहाल आगे और कटौती की संभावना कम है, क्योंकि अमेरिका में सरकार के शटडाउन रहने से नए आर्थिक आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं। उनके सावधान रुख से उभरते बाजारों, जैसे भारत में निवेशकों की रुचि कम हुई।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

29 अक्टूबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने ₹2540.16 करोड़ के शेयर बेचे। लगातार बिकवाली से बाजार में दबाव बना हुआ है। हालांकि, इसके पहले FIIs ने 28 अक्टूबर को 10,339.80 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। इस महीने अब तक विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार में 7500.04 करोड़ रुपये की खरीदारी की जा चुकी है।

फार्मा शेयरों पर दबाव

आज के कारोबार में फार्मा सेक्टर के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। डॉ रेड्डी लैब्स के शेयर करीब 5% गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए। कंपनी को कनाडा की दवा नियामक एजेंसी से Semaglutide Injection (Ozempic का जेनेरिक वर्जन) के लिए जमा की गई फाइल पर नॉन-कंप्लायंस नोटिस मिला है। इस नोटिस में कुछ हिस्सों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। निवेशक चिंतित हैं क्योंकि इस प्रक्रिया में फिर से समय लग सकता है।

अमेरिका-चीन बैठक से नहीं निकला ठोस नतीजा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद बाजार में उम्मीद के बावजूद निवेशक पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखे। ट्रंप ने कहा कि बैठक “शानदार” रही और कई मुद्दों पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि चीन से आने वाले सामानों पर औसत टैरिफ को 57% से घटाकर 47% कर दिया गया है, जो तुरंत लागू होगा। यह दोनों नेताओं की छह साल में पहली आमने-सामने की बैठक थी।

लेकिन चीन की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया से पता चलता है कि कोई ठोस समझौता अभी नहीं हुआ है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “चीनी पक्ष अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ अपनी जवाबी कार्रवाइयों में आवश्यक समायोजन करेगा।”

एशियाई मुद्राओं पर दबाव

अमेरिका-चीन बैठक से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने के कारण एशियाई करेंसी कमजोर हुई हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक निवेशकों को डर है कि ट्रंप के बयानबाजी से फिर से टैरिफ विवाद शुरू हो सकता है, जिससे जोखिम से बचने की भावना बढ़ेगी। रुपया कमजोर होकर ₹88.50 प्रति डॉलर के करीब पहुंच गया। डॉलर इंडेक्स 99 के स्तर पर है, जो पिछले एक महीने का सबसे ऊंचा स्तर है। यह पिछले एक महीने में 1% से ज्यादा बढ़ा है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
SIP
टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
promotion image

लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

अगला लेख