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Stock Market: शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव, इन 5 वजहों ने खराब किया बाजार का मूड

Shubham Singh Thakur

2 min read | अपडेटेड December 30, 2025, 13:51 IST

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सारांश

Stock Market: सोमवार को विदेशी निवेशकों (FII) ने करीब ₹2,759.89 करोड़ के शेयर बेच दिए। यह लगातार पांचवां दिन था जब विदेशी निवेशकों ने बाजार से पैसा निकाला। लगातार हो रही इस बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। दिसंबर महीने में अब तक FIIs ने 26,908.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।

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Stock Market: यहां हमने बाजार में गिरावट की 5 बड़ी वजहें बताई है।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में आज 30 दिसंबर को बिकवाली का दबाव दिख रहा है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच आज BSE Sensex में 71.91 अंकों की गिरावट है और यह 84,627.48 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। दूसरी तरफ Nifty 50 भी 23.45 अंक लुढ़ककर 25,919.25 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। आज एक समय पर Sensex 225 अंक लुढ़ककर 84470.94 के लेवल पर आ गया था। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने मार्केट का सेंटीमेंट खराब किया है। यहां हमने बाजार में गिरावट की 5 बड़ी वजहें बताई है।
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FII की बिकवाली

सोमवार को विदेशी निवेशकों (FII) ने करीब ₹2,759.89 करोड़ के शेयर बेच दिए। यह लगातार पांचवां दिन था जब विदेशी निवेशकों ने बाजार से पैसा निकाला। लगातार हो रही इस बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। दिसंबर महीने में अब तक FIIs ने 26,908.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।

मुनाफावसूली

आईटी, फार्मा और रियल एस्टेट जैसे अहम सेक्टर्स में निवेशकों ने मुनाफा निकाला। खासतौर पर निफ्टी आईटी इंडेक्स लगातार पांचवें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ।

कच्चे तेल की कीमतों में तेजी

ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.03% बढ़कर 61.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत तेल का बड़ा आयातक देश है, इसलिए कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से महंगाई और लागत बढ़ने की चिंता बढ़ जाती है, जिसका असर शेयर बाजार की धारणा पर पड़ता है।

कमजोर ग्लोबल संकेत

एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिली। दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। वहीं, अमेरिकी बाजार भी सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। जब वैश्विक बाजार कमजोर होते हैं, तो इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है।

निफ्टी एक्सपायरी

मंगलवार को निफ्टी के साप्ताहिक और मासिक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी थी। एक्सपायरी वाले दिन आमतौर पर बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है, क्योंकि ट्रेडर्स अपनी पोजिशन रोलओवर या स्क्वेयर ऑफ करते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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