मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड October 26, 2024, 01:00 IST
सारांश
अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं, तो बीओ आईडी आपने जरूर सुना होगा। बीओ आईडी यानी कि बेनिफिशियल ओनर आइडेंटीफिकेशन नंबर का मतलब क्या होता है, कैसे आप अपना बीओ आईडी पता कर सकते हैं और शेयर मार्केट में इसका इतना अहम रोल क्यों है, ये सबकुछ हम इस आर्टिकल में समझेंगे। बीओ आईडी 16 अंकों का यूनिक नंबर होता है, जिसका रोल शेयर मार्केट में काफी अहम माना जाता है।
बेनिफिशियल ओनर आइडेंटीफिकेशन नंबर का मतलब क्या है
बीओ आईडी का फुल फॉर्म बेनिफिशियल ओनर आइडेंटीफिकेशन नंबर है, जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है। सीडीएसएल के साथ रजिस्टर होने वाला यह 16 अंक का डिमैट अकाउंट नंबर होता है। हर एक ब्रोकर या प्लैटफॉर्म का अलग-अलग बीओ आईडी होता है, लेकिन जब आप TPIN के जरिए आप एक डीमैट अकाउंट को वेरिफाइ करने की कोशिश करते हैं, तो उस डीमैट अकाउंट से जुड़ी सभी होल्डिंग्स बेचने के लिए वेरिफाई हो जाती हैं। अपनी पर्सनल डिटेल्स में जाकर डीपी आईडी के अंदर आप अपना बीओ आईडी पा सकते हैं।
क्या होता है बीओ आईडी?
बीओ आईडी किसी कस्टमर का डीमैट अकाउंट नंबर होता है। यह 16 अंक का होता है, जो कस्टमर की डीपी आईडी (डिपॉजटरी पार्टीसिपेंट आइडेंटीफिकेशन नंबर) और कस्टमर का डिमैट अकाउंट नंबर को मिलाकर बनता है। वेबसाइट पर प्रोफाइल सेक्शन में जाकर आप अपने डीमैट अकाउंट स्टेटमेंट्स में अपना बीओ आईडी देख सकते हैं। बीओ आईडी में 16 अंक होते हैं, जिसमें पहले आठ अंक आपके सीएसडीएल के साथ डीपी आईडी को रिप्रेजेंट करते हैं, और आखिरी के आठ अंक आपकी क्लाइंट आईडी को रिप्रेजेंट करते हैं। जब आप अपना अकाउंट खोलते हैं, तो आपको बीओ आईडी मिलता है।
क्यों बीओ आईडी है इतना अहम?
डीमैट अकाउंटहोल्डर्स बीओ आईडी की मदद से अपने सभी इन्वेस्टमेंट्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ट्रैक कर सकते हैं।
बीओ आईडी हमें अकाउंटहोल्डर और पोर्टफोलिओ की सिक्योरिटी के बारे में बताता है। साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं और डिमैट अकाउंट भी इससे अछूता नहीं है। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी का जोखिम कुछ हद तक कम जरूर हो जाता है क्योंकि बीओ आईडी की मदद से आप अपनी हर इन्वेस्टमेंट को ट्रैक कर सकते हैं। बीओ आईडी से आपकी इन्वेस्टमेंट का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन सेव हो जाता है और आपको इसके लिए अलग से रजिस्टर या डायरी मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
अपस्टॉक्स पर कैसे चेक करें बीओ आईडी?
मुझे अपस्टॉक्स डीपी आईडी कैसे मिलेगी?
डीपी आई़डी और क्लाइंट आईडी दोनों ही आठ-आठ अंकों के होते हैं। दोनों को मिलाकर आठ अंकों का डिमैट अकाउंट नंबर बनता है। आपके डीमैट अकाउंट नंबर के पहले आठ अंक आपकी डीपी आईडी होती है, जिसे डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आईडी भी कहते हैं, जब आप अपस्टॉक्स के साथ अपना डीमैट अकाउंट खोलते हैं, तब जाकर आपको डीपी आईडी मिलती है।
अपस्टॉक्स पर कैसे चेक करें डीपी आईडी?
क्या अपस्टॉक्स सीएडीएल और एनएसडीए के अंडर आता है?
सीडीएसएल के डिपॉजटरी पार्टिसिपेंट होने के नाते अपस्टॉक्स के पास डीपी आईडी है। अपस्टॉक्स के पास 81800 की डीपी आई है, (आरकेएसवी सीडीएसएल मेंबरशिप डिटेल आप चेक कर सकते हैं।) भारत में आपके डीमैट अकाउंट को दो सेंट्रल डिपॉजिटरी मैनेज करती हैं, एक एनडीएसएल और दूसरी सीडीएसएल। बैंकों से उलट, अपस्टॉक्स जैसे स्टॉक ब्रोकर केवल कस्टमर्स और सेंट्रल डिपॉजिटरी के बीच बिचौलियों के तौर पर काम करते हैं।
बीओ आईडी की सीमाएं क्या हैं?
एनडीएसएल और सीडीएसएल भारत में दो डिपॉजिटरी सिस्टम हैं, बीओ आईडी का इस्तेमाल एनएसडीएल और सीडीएसएल के जरिए ही हो सकता है। इसके अलावा बीओ आईडी का असाइनमेंट डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) द्वारा ही किया जाता है। इसलिए अपनी जानकारियां अपडेट करने के लिए जैसे कि आपका एड्रेस, कम्युनिकेशन एड्रेस, आपको डीपी पर निर्भर रहना होगा।
नोटः सीडीएसएल मेंबरशिप हासिल करने से पहले अपस्टॉक्स के पास IL&FS की मेंबरशिप थी। IL&FS NSDL का मेंबर है। कुछ अपस्टॉक्स कस्टमर्स अभी भी IL&FS NSDL अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे होंगे, भले ही ज्यादातर कस्टमर्स अपस्टॉक्स डीपी में चले गए हों।
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