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Vodafone Idea के शेयर 12% तक लुढ़के, सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश से फिर डगमगाया निवेशकों का भरोसा

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 30, 2025, 13:57 IST

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सारांश

वर्तमान में Vodafone Idea पर लगभग ₹83400 करोड़ का AGR बकाया है। कंपनी को हर साल ₹18,000 करोड़ का भुगतान करना होगा, जो मार्च 2026 से शुरू होगा। ब्याज और पेनल्टी जोड़ने के बाद कुल बकाया राशि ₹2 लाख करोड़ से ज्यादा हो जाती है।

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Vodafone Idea

Vodafone Idea: यह गिरावट सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद आई, जिसने निवेशकों के बीच अनिश्चितता और चिंता पैदा कर दी है।

Vodafone Idea Share: कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज 30 अक्टूबर को जबरदस्त दबाव है। आज के कारोबार में कंपनी के शेयर 12 फीसदी से अधिक टूट गए। इस समय यह स्टॉक BSE पर 7.15 फीसदी की गिरावट के साथ 8.70 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। यह लगातार तीसरा दिन है जब इसके शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। यह गिरावट सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद आई, जिसने निवेशकों के बीच अनिश्चितता और चिंता पैदा कर दी है। इसका मार्केट कैप घटकर 94,258.44 करोड़ रुपये पर आ गया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में क्या कहा है?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि सरकार को वोडाफोन आइडिया के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया की समीक्षा करने की अनुमति सिर्फ वित्त वर्ष 2016-17 के अतिरिक्त बकाया तक सीमित होगी। इससे पहले, 27 अक्टूबर को ऐसी खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार कंपनी की AGR केस में पुनर्विचार याचिका पर विचार कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी अनुमति दी थी क्योंकि यह मामला सरकारी नीति से जुड़ा है। हालांकि, गुरुवार का आदेश सिर्फ Vodafone Idea पर लागू होगा क्योंकि इसके मामले की परिस्थितियां अलग हैं।

Vodafone Idea की क्या है मांग?

Vodafone Idea ने दूरसंचार विभाग (DoT) से अनुरोध किया है कि वह FY 2016-17 तक के सभी AGR बकाया की दोबारा जांच और मिलान करे, जो 3 फरवरी 2020 को जारी “डिडक्शन वेरिफिकेशन गाइडलाइन” के तहत हो। इस मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश जारी किया। कंपनी का तर्क था कि सरकार की ओर से मांगे गए नए AGR डिमांड अनुचित हैं, क्योंकि इसकी देनदारियां पहले ही 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार निपटा दी गई थीं।

क्या होता है AGR?

AGR यानी Adjusted Gross Revenue टेलीकॉम कंपनियों की वह आय होती है, जिसके आधार पर वे सरकार को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज का भुगतान करती हैं। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने Vodafone Idea और Bharti Airtel जैसी कंपनियों की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने AGR की गणना में गलती सुधारने की मांग की थी। इससे पहले, सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने ₹93,520 करोड़ के AGR बकाया को 10 साल में चुकाने का समय दिया था।

Vodafone Idea पर ₹83400 करोड़ का AGR बकाया

वर्तमान में Vodafone Idea पर लगभग ₹83,400 करोड़ का AGR बकाया है। कंपनी को हर साल ₹18,000 करोड़ का भुगतान करना होगा, जो मार्च 2026 से शुरू होगा। ब्याज और पेनल्टी जोड़ने के बाद कुल बकाया राशि ₹2 लाख करोड़ से ज्यादा हो जाती है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार कंपनी को राहत देने पर विचार कर रही है। इसमें दो साल की अतिरिक्त मोहलत, छोटे वार्षिक भुगतान और ब्याज व पेनल्टी में छूट जैसी संभावनाएं शामिल हैं। हालांकि, कोर्ट के आदेश की सीमित प्रकृति और सरकार की स्पष्ट योजना के अभाव में निवेशकों को स्थिति को लेकर संदेह है। यही कारण है कि गुरुवार को कंपनी के शेयरों में तेजी से गिरावट आई।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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