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4 min read | अपडेटेड December 01, 2025, 09:57 IST
सारांश
Vidya Wires IPO: विद्या वायर्स का 300 करोड़ रुपये का आईपीओ 3 दिसंबर से खुलने जा रहा है। इसका प्राइस बैंड 48 से 52 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। ग्रे मार्केट में अभी से हलचल है और यह करीब 19 फीसदी प्रीमियम पर दिख रहा है। कंपनी वाइंडिंग वायर बनाने के कारोबार में है।

3 दिसंबर को खुलेगा विद्या वायर्स का आईपीओ
Vidya Wires IPO: शेयर बाजार में आईपीओ की बहार जारी है और अब वाइंडिंग वायर बनाने वाली कंपनी विद्या वायर्स लिमिटेड (VWL) अपना आईपीओ लेकर आ रही है। अगर आप शेयर बाजार में नए निवेश के मौके तलाश रहे हैं, तो यह खबर आपके काम की है। कंपनी 300 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार में उतर रही है। आइए, आसान भाषा में 5 अहम बिंदुओं के जरिए समझते हैं कि कंपनी का कारोबार कैसा है? कंपनी जुटाए गए पैसों का क्या करने वाली है? कमाई के मोर्चे पर हाल क्या है?
विद्या वायर्स का आईपीओ निवेश के लिए 3 दिसंबर 2025 को खुलेगा और 5 दिसंबर 2025 को बंद होगा। कंपनी ने इसका प्राइस बैंड 48 रुपये से 52 रुपये प्रति शेयर तय किया है। एक खुदरा निवेशक को कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी होगी। एक लॉट में 288 शेयर हैं। इसका मतलब है कि आपको कम से कम 14,976 रुपये का निवेश करना होगा। आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट 8 दिसंबर को फाइनल होगा और 10 दिसंबर को शेयर बाजार (BSE और NSE) में इसकी लिस्टिंग होगी।
विद्या वायर्स की शुरुआत 1981 में हुई थी, यानी कंपनी के पास चार दशक से ज्यादा का अनुभव है। यह कंपनी वाइंडिंग वायर और कंडक्टिविटी प्रोडक्ट्स बनाती है। इनके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन, इलेक्ट्रिक मोटर्स, इलेक्ट्रिक गाड़ियां और रेलवे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होता है। केयरएज (CareEdge) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत में इस उद्योग की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है और इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 5.7 फीसदी है। कंपनी के पास पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और अमेरिका में निर्यात करने के लिए जरूरी मंजूरी भी है।
यह आईपीओ 300.01 करोड़ रुपये का है। इसमें से 274 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 26.01 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए जुटाए जाएंगे। कंपनी ने बताया है कि वह आईपीओ से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल दो मुख्य कामों में करेगी। पहला, करीब 140 करोड़ रुपये अपनी सब्सिडियरी कंपनी एएलसीयू (ALCU) के जरिए गुजरात में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर खर्च किए जाएंगे। दूसरा, 100 करोड़ रुपये पुराने कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल होंगे। बाकी पैसा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए रखा जाएगा।
कंपनी के वित्तीय आंकड़े काफी मजबूत नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा है। वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 के बीच कंपनी का रेवेन्यू 25 फीसदी बढ़ा है। सबसे खास बात यह है कि टैक्स चुकाने के बाद कंपनी का मुनाफा (PAT) 59 फीसदी बढकर 40.87 करोड़ रुपये हो गया है। वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी का कुल रेवेन्यू 1491 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का ग्राहक बेस भी काफी बड़ा है और किसी एक ग्राहक पर इसकी निर्भरता 9 फीसदी से ज्यादा नहीं है, जो बिजनेस के लिए सुरक्षित माना जाता है।
निवेशकों के लिए सबसे जरूरी सवाल यह होता है कि लिस्टिंग पर कितना मुनाफा मिलेगा। फिलहाल ग्रे मार्केट में विद्या वायर्स का शेयर अच्छी स्थिति में दिख रहा है। 1 दिसंबर की सुबह तक इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 10 रुपये चल रहा था। अगर हम अपर प्राइस बैंड 52 रुपये को आधार मानें, तो शेयर की लिस्टिंग 62 रुपये के आसपास हो सकती है। इसका मतलब है कि निवेशकों को पहले ही दिन करीब 19.23 फीसदी का मुनाफा हो सकता है। हालांकि, जीएमपी बाजार के मूड के हिसाब से बदलता रहता है।
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