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Tata Motors के शेयर 5 दिन में 8.5% गिरे, क्या है इस गिरावट की वजह और आगे की रणनीति?

Shubham Singh Thakur

4 min read | अपडेटेड June 18, 2025, 12:31 IST

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सारांश

Tata Motors की यूनिट जगुआर लैंड रोवर (JLR) का अनुमान है कि पिछले वर्ष की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष में उसका प्रदर्शन कमजोर रहेगा। JLR को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2026 के लिए इसका EBIT मार्जिन 5% से 7% के बीच होगा। पिछले वित्तीय वर्ष में इसने 8.5% मार्जिन दर्ज की थी।

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Tata Motors

Tata Motors: JLR को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2026 के लिए इसका EBIT मार्जिन 5% से 7% के बीच होगा।

Tata Motors share: दिग्गज कार कंपनी टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में भारी बिकवाली देखी गई है। पिछले 5 कारोबारी दिनों में ही यह स्टॉक करीब 8.5 फीसदी टूट चुका है। आज भी इस शेयर में 0.19 फीसदी की गिरावट है और यह 673.70 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इस गिरावट के साथ कंपनी का मार्केट कैप घटकर 2.48 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

स्टॉक ने 30 जुलाई 2024 को 1179.05 रुपये के 52-वीक हाई को छू लिया था। हालांकि, अब यह इस स्तर से करीब 43 फीसदी नीचे है। शेयर का 52-वीक लो 542.55 रुपये है।

क्या है शेयर में गिरावट की वजह

JLR का EBIT मार्जिन घटने की आशंका

टाटा मोटर्स की यूनिट जगुआर लैंड रोवर (JLR) का अनुमान है कि पिछले वर्ष की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष में उसका प्रदर्शन कमजोर रहेगा। JLR का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2026 के लिए इसका EBIT मार्जिन 5% से 7% के बीच होगा। पिछले वित्तीय वर्ष में इसने 8.5% मार्जिन दर्ज की थी। इसका मतलब है कि कंपनी की कमाई घटने वाली है।

फ्री कैश फ्लो जीरो होने की संभावना

फ्री कैश फ्लो के मोर्चे पर भी JLR को झटका लग सकता है। टाटा मोटर्स की यूके यूनिट ने पिछले वित्तीय वर्ष में £1.5 बिलियन का फ्री कैश फ्लो दर्ज किया था। हालांकि, मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह रकम लगभग 'शून्य' रहने की उम्मीद है। फ्री कैश फ्लो किसी कंपनी के पास खर्च के बाद बचा पैसा होता है।

भविष्य में सुधार के लिए कोई तय तारीख नहीं

JLR के मैनेजमेंट का कहना है कि वह वित्तीय वर्ष 2027 और 2028 से अपने फ्री कैश फ्लो में सुधार का लक्ष्य बना रहा है। कंपनी की योजना भविष्य में अपने EBIT मार्जिन को वापस 10% पर लाने की भी है। हालांकि, कंपनी ने इसने इसके लिए कोई तय तारीख नहीं बताई है।

JLR पर काफी हद तक निर्भर है Tata Motors

FY25 में Tata Motors की कुल कमाई का 71% हिस्सा JLR से आया। वहीं, कुल मुनाफे का 80% हिस्सा भी JLR ने ही दिया। ऐसे में JLR का कमजोर प्रदर्शन Tata Motors ओवरऑल परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है।

टैरिफ को लेकर अनिश्चितता

टैरिफ के मोर्चे पर कंपनी ने कहा कि वह ट्रंप प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। अमेरिका सरकार ने सभी विदेशों में बनी गाड़ियों पर 25% का नया टैरिफ लगा दिया है। इसका सीधा असर JLR पर पड़ा है, क्योंकि उसकी कई गाड़ियां विदेशी प्लांट्स में बनती हैं।

JLR का आगे का क्या है प्लान

अमेरिका JLR की कुल बिक्री का 25% से ज्यादा हिस्सा है। अब वहां गाड़ियां भेजना महंगा और घाटे का सौदा बन सकता है। JLR ने अभी के लिए अमेरिका को गाड़ियों की सप्लाई बंद कर दी है। अब वो इन्हीं गाड़ियों को दूसरे देशों में बेचने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि नुकसान को कम किया जा सके।

ब्रिटेन और अमेरिका के बीच एक डील मई में हुई थी, जिसमें UK हर साल 1 लाख गाड़ियां अमेरिका को सिर्फ 10% टैक्स पर बेच सकता है। JLR की Range Rover UK में बनती है, इसलिए वो डील में शामिल है। लेकिन JLR की Defender एसयूवी Slovakia (EU देश) में बनती है, जो इस डील का हिस्सा नहीं है, इसलिए उस पर 25% टैक्स लग रहा है।

JLR अब कीमतों में बदलाव करने की सोच रही है ताकि अमेरिकी बाजार में कुछ नुकसान कम किया जा सके। हालांकि JLR के ग्राहक आमतौर पर अमीर होते हैं, फिर भी दूसरे ब्रांडों से मुकाबला कठिन हो सकता है। JLR की कोई फैक्ट्री अमेरिका में नहीं है। हालांकि, Mercedes-Benz और BMW की फैक्ट्रियां अमेरिका में हैं, इसलिए उन्हें टैक्स का असर नहीं होगा।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.