मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड April 11, 2025, 09:25 IST
सारांश
Dow Jones Industrial में गुरुवार को 2.50 फीसदी की गिरावट आई है और यह 39,593.66 के स्तर पर आ गया है। S&P 500 इंडेक्स भी 3.46 फीसदी टूटकर 5,268.05 के स्तर पर आ गया। इसके अलावा, Nasdaq Composite में 4.31 फीसदी की कमजोरी देखी गई
Stock Market: चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर टकराव बढ़ता जा रहा है।
अमेरिका ने ज्यादातर देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके चलते भारत को भी 9 जुलाई तक के लिए राहत मिल गई है। हालांकि, चीन और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इस बीच भारतीय शेयर बाजार के लिए आज 11 अप्रैल को ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी बाजार की बात करें तो Dow Jones Industrial में गुरुवार को 2.50 फीसदी की गिरावट आई है और यह 39,593.66 के स्तर पर आ गया है। S&P 500 इंडेक्स भी 3.46 फीसदी टूटकर 5,268.05 के स्तर पर आ गया। इसके अलावा, Nasdaq Composite में 4.31 फीसदी की कमजोरी देखी गई और यह 16,387.31 पर बंद हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 145% टैरिफ लगाए जाने और ट्रेड वॉर बढ़ने के कारण सेंटीमेंट खराब हुआ। हालांकि, इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को रेसिप्रोकल टैरिफ पर अस्थायी रोक के बाद अमेरिकी बाजारों में जबरदस्त रैली देखी गई थी और यह करीब 12 फीसदी तक उछल गया है।
गिफ्ट निफ्टी में 464.5 अंकों की बढ़त है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय बाजारों की पॉजिटिव शुरुआत हो सकती है। हालांकि, Nikkei 225 में 4.41 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है। Straits Times भी दो फीसदी से अधिक टूट गया है। Hang Seng में 0.54 अंकों की कमजोरी है।
इसके अलावा, KOSPI में करीब एक फीसदी, SET Composite में 0.39 फीसदी, और Shanghai Composite में 0.16 फीसदी की गिरावट है। दूसरी ओर, Taiwan Weighted में 183 अंक और Jakarta Composite में 20.09 अंक की बढ़त है।
ट्रंप प्रशासन ने चीन से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है, जिससे वॉशिंगटन का अतिरिक्त शुल्क अब अधिकतर उत्पादों पर 145% हो गया है। ट्रम्प ने पहले से ही 20% टैरिफ के अलावा 125% टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, ट्रम्प ने बुधवार को दर्जनों देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया है।
अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने आईटी सेवा अनुबंधों को रद्द करने का आदेश दिया, जिनकी कीमत $5.1 बिलियन थी। ये अनुबंध एक्सेंचर और डेलॉइट जैसी कंपनियों के साथ थे। इन समझौतों में "गैर-जरूरी खर्च" शामिल था जो थर्ड पार्टी कंसल्टेंट्स पर किया जा रहा था। हेगसेथ ने 10 अप्रैल को जारी मेमो में कहा, “इन अनुबंधों को खत्म करना $5.1 बिलियन की फिजूलखर्ची को रोकना है... और इससे करीब $4 बिलियन की बचत होने की उम्मीद है।”
यूएस डॉलर इंडेक्स (DXY) शुक्रवार सुबह 0.76% गिरकर 100.10 पर आ गया। यह इंडेक्स डॉलर की ताकत या कमजोरी को दिखाता है। इसमें ब्रिटिश पाउंड, यूरो, स्वीडिश क्रोना, जापानी येन, स्विस फ्रैंक जैसी मुद्राएं शामिल होती हैं। भारतीय रुपया भी कमजोर हुआ और 10 अप्रैल को डॉलर के मुकाबले 0.49% गिरकर 86.69 पर बंद हुआ।
शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई। WTI क्रूड की कीमत $59.59 थी, जो 0.80% नीचे थी, जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमत $62.89 थी, जो 0.69% नीचे थी।
विदेशी निवेशक (FII) 4,358.02 करोड़ रुपये के शेयरों के नेट सेलर थे। इस बीच, घरेलू निवेशक (DII) NSE पर उपलब्ध प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, 09 अप्रैल 2024 को 2,976.66 करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे।
इंटरनेशनल मार्केट में सोने का भाव 3.2% बढ़कर 3,177.50 डॉलर पर पहुंच गया है, जो अप्रैल 2020 के बाद सबसे अधिक है। घरेलू बाजारों में भी सोने की चमक बरकरार है और यह 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर की ओर बढ़ रहा है। 24 कैरेट सोने का भाव आज एक हफ्ते पहले के मुकाबले 3.14% बढ़कर 92,170 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले एक महीने से सोने का भाव 6% चढ़ा है। 22 कैरेट सोने का भाव आज 84,489 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 18 कैरेट सोने का भाव आज 69,128 रुपये है।
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