मार्केट न्यूज़
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4 min read | अपडेटेड November 17, 2025, 11:26 IST
सारांश
Public Sector Banks: पब्लिक सेक्टर के बैंकों के शेयरों में आज कुछ तेजी देखने को मिल रही है। दरअसल मर्जर को लेकर लेटेस्ट खबरों से पीएसयू बैंकों के शेयरों में यह तेजी देखी जा सकती है। चलिए समझते हैं कि कब हो सकता है मर्जर और इसको लेकर क्या अपडेट्स हैं।
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पीएसयू बैंकों की शेयरों में क्यों दिख रही है तेजी?
PSU banks in focus: भारतीय स्टेट बैंक (SBI), इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे तमाम सरकारी बैंकों के शेयर आज फोकस में हैं। चलिए समझते हैं कि ऐसा क्यों है, दरअसल ऐसी खबरें हैं कि एसबीआई पब्लिक सेक्टर के बैंकों (पीएसबी) के बीच विलय की एक और लहर का सपोर्ट कर रहा है, क्योंकि ‘पॉलिसीमेकर्स दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में पैमाने बनाने और विकास को वित्तपोषित करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं।’ 14 नवंबर को ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा है कि ‘कुछ और तर्कसंगतीकरण उचित हो सकता है। अभी भी कुछ छोटे-छोटे बैंक मौजूद हैं।’
ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘अगर एक और दौर होता है, तो यह बुरा विचार नहीं हो सकता।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बड़े सरकारी ऋणदाता बनाने के विकल्पों पर चर्चा कर रहा है, जो एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और औद्योगिक परियोजनाओं के वित्तपोषण की सरकार की जरूरत के अनुरूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लक्ष्य के लिए बैंकों के वित्तपोषण को सकल घरेलू उत्पाद के वर्तमान 56% से बढ़ाकर लगभग 130% करना होगा, जिससे सकल घरेलू उत्पाद में दस गुना वृद्धि और लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस बीच, 15 नवंबर को इन्फॉर्मिस्ट मीडिया की एक अलग खबर में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय पब्लिक सेक्टर के बैंकों के अगले दौर के विलय की रूपरेखा पर काम कर रहा है और इसकी घोषणा अप्रैल-मई में होने की संभावना है। हालांकि योजना को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, लेकिन विलय एक बार में नहीं, बल्कि 2-3 राउंड में किए जाएंगे, इन्फॉर्मिस्ट ने वित्त मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से यह बताया। अधिकारी ने कहा, ‘मौजूदा समय में, 12 पब्लिक सेक्टर के बैंक हैं। एजेंडा अधिकतम 6-7 राष्ट्रीयकृत बैंक बनाने का है, लेकिन मौजूदा स्वरूप से बड़े पैमाने पर।’ अधिकारी ने आगे कहा, ‘सरकार पहले 1-2 छोटे बैंकों का विलय कर सकती है और फिर उन्हें एसबीआई या पीएनबी में मिला सकती है, या सीधे एसबीआई या पीएनबी में उनका विलय कर सकते हैं।’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार विलय किए जाने वाले बैंकों पर अंतिम फैसला लेने से पहले दो और तिमाहियों तक बैंकों के प्रदर्शन का विश्लेषण करेगी।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के दूसरे क्वार्टर में 49,456 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड संचयी प्रॉफिट दर्ज किया, जो दो बैंकों द्वारा गिरावट दर्ज किए जाने के बावजूद 9% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है। FY25 की सितंबर तिमाही में सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने कुल मिलाकर 45,547 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। इस तरह से पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही की तुलना में प्रॉफिट में निरपेक्ष रूप से 3,909 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। शेयर बाजारों पर पब्लिश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, मार्केट में अग्रणी एसबीआई ने अकेले 49,456 करोड़ रुपये की कुल आय में 40% का योगदान दिया। एसबीआई ने FY26 के दूसरे क्वार्टर में 20,160 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले FY की इसी अवधि की तुलना में 10% अधिक है।
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक, अपनी सहायक कंपनी एसबीआई पेमेंट्स सर्विसेज के साथ, अगले दो सालों में अपने कोर-बैंकिंग बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण पूरा कर लेगा। पिछले सप्ताह सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में बोलते हुए, एसबीआई के प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग और सहायक कंपनियां) अश्विनी कुमार तिवारी ने बैंक के पुराने सिस्टम को होलोइजेशन, माइक्रोसर्विसेज, आधुनिकीकरण और बाह्यीकरण के जरिए बदलने के रोडमैप की रूपरेखा पेश की, साथ ही अपने संचालन को परिभाषित करने वाली निरंतरता, विश्वास और लचीलेपन को भी बनाए रखा।
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