मार्केट न्यूज़
.png)
3 min read | अपडेटेड December 15, 2025, 07:17 IST
सारांश
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में लौटी हरियाली से निवेशकों के चेहरे खिल गए हैं। सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार तेजी के चलते निवेशकों की संपत्ति में एक ही दिन में 3 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। अब बाजार की नजर इस हफ्ते आने वाले महंगाई के आंकड़ों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर टिकी है।

इस हफ्ते बाजार में दिखेगी हलचल
शेयर बाजार में पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को जो तेजी देखने को मिली, उसने निवेशकों को काफी राहत दी है। लगातार उतार-चढ़ाव के बाद बाजार ने पॉजिटिव माहौल में क्लोजिंग दी है। सेंसेक्स 450 अंकों की मजबूती के साथ 85,267.66 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी ने भी 148 अंकों की छलांग लगाकर 26,046.95 का अहम आंकड़ा पार कर लिया। इस शानदार रिकवरी ने निवेशकों का कॉन्फिडेंस एक बार फिर बढ़ा दिया है और अब सबकी नजरें इस हफ्ते पर टिक गई हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ अहम ट्रिगर्स का पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है।
शुक्रवार का दिन निवेशकों की कमाई के लिहाज से बेहद शानदार रहा। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप बढ़कर 470 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इसका सीधा मतलब यह है कि सिर्फ एक ही सेशन में निवेशकों की संपत्ति में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले यह आंकड़ा करीब 466.6 लाख करोड़ रुपये था। खास बात यह रही कि खरीदारी सिर्फ बड़े शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि छोटे और मंझोले शेयरों में भी जमकर पैसा लगा। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.14 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.65 फीसदी चढ़कर बंद हुआ।
इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करने में सबसे बड़ा रोल घरेलू मोर्चे पर थोक महंगाई यानी डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों का होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 15 दिसंबर को नवंबर महीने के डब्ल्यूपीआई आंकड़े जारी करने वाला है। अगर महंगाई के ये आंकड़े उम्मीद से कम आते हैं या कंट्रोल में रहते हैं, तो इससे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ेगी और बाजार को सहारा मिलेगा। वहीं, अगर आंकड़े खराब आए तो बाजार में थोड़ी मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है।
ग्लोबल लेवल पर भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड बातचीत बाजार के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। खबरों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही है और एक बड़े ट्रेड एग्रीमेंट पर काम चल रहा है। अगर इस दिशा में कोई अच्छी खबर आती है, तो इसका सीधा फायदा आईटी, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को मिलेगा। इसके अलावा रुपये की चाल भी बाजार के लिए अहम रहेगी। डॉलर के मुकाबले रुपये में हो रही गिरावट अगर रुकती है, तो विदेशी निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा।
बाजार में एक तरफ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है। साल 2025 में अब तक उनका रुख निगेटिव ही रहा है और वे नेट सेलर बने हुए हैं। लेकिन दूसरी तरफ घरेलू निवेशक यानी डीआईआई बाजार को संभाल रहे हैं। म्यूचुअल फंड और एसआईपी के जरिए आ रहा पैसा बाजार को गिरने नहीं दे रहा है।
तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी के लिए ऊपर की तरफ 26,200 का लेवल पहला बड़ा रेजिस्टेंस है। अगर बाजार इसे पार करता है तो फिर 26,400 और 26,500 के लेवल देखने को मिल सकते हैं। वहीं नीचे की तरफ 25,900 और 25,800 पर मजबूत सपोर्ट बना हुआ है।
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
.png)
अगला लेख
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।