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4 min read | अपडेटेड July 25, 2025, 09:57 IST
सारांश
Reliance Infra Q1 Results Preview: रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर आज FY26 के पहले क्वार्टर के लिए अपने वित्तीय नतीजे का ऐलान करेगा। पिछले तीन महीनों में किन-किन डेवलपमेंट्स का असर Q1 रिजल्ट्स पर पड़ सकता है, चलिए समझते हैं।
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रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर आज जारी करेगा Q1 के वित्तीय नतीजे
Reliance Infra Q1 Results: अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (RInfra) के शेयरों में हलचल बनी हुई है। आज इसके शेयर फोकस में रहने का एक अहम कारण यह है कि कंपनी आज फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के पहले तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करेगी। गुरुवार को, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में 5% की गिरावट आई, जो लोअर सर्किट की सीमा को छू गया। प्रवर्तन विभाग (इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट, ED) द्वारा रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित कथित 3,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में छापेमारी के बाद यह कदम उठाया गया। हालांकि, ग्रुप की कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अलग-अलग लेकिन समान नियामक फाइलिंग में कहा कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कंपनियों ने अपने डॉक्यूमेंट्स में कहा, ‘मीडिया रिपोर्ट्स रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के 10 साल से ज्यादा पुराने ट्रांजैक्शन से जुड़ी हुई लगती है।’ कंपनी ने अपने डॉक्यूमेंट्स में यह भी कहा कि अनिल अंबानी रिलायंस पावर या रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में नहीं थे और उनका आरकॉम या आरएचएफएल से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं था।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 16 जुलाई, 2025 को कहा कि उसके बोर्ड ने विभिन्न वित्तीय साधनों के जरिए 9,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने को मंज़ूरी दे दी है। एक नियामकीय सूचना में, कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने बुधवार को हुई अपनी बैठक में सदस्यों से 6,000 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने के लिए सक्षम प्राधिकरण प्राप्त करने को मंज़ूरी दे दी है।
सूचना में कहा गया है कि यह फंड रेजिंग योग्य संस्थागत खरीदारों को योग्य संस्थागत प्लेसमेंट और/या अनुवर्ती सार्वजनिक प्रस्ताव या इनके संयोजन के जरिए इक्विटी शेयर और/या इक्विटी-लिंक्ड उपकरण और/या अन्य पात्र प्रतिभूतियां जारी करके किया जाएगा।
जुलाई में ही, रेटिंग एजेंसी Ind-Ra ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मौजूदा नॉन-फंड-बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट्स पर उसकी क्रेडिट रेटिंग में सुधार किया था, जो उसके व्यापक ऋण-मुक्ति प्रयासों को दर्शाता है, जिसके परिणामस्वरूप बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ उसका शुद्ध ऋण शून्य हो गया है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने क्रेडिट रेटिंग को 'IND D' से बढ़ाकर 'IND B/स्थिर/IND A4' कर दिया।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने जून 2025 में कहा कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जेआर टोल रोड प्राइवेट (जेआरटीआर) ने यस बैंक लिमिटेड (वाईबीएल) को 273 करोड़ रुपये का पूरा लोन निपटान राशि का भुगतान कर दिया है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि इस समझौते के परिणामस्वरूप जेआरटीआर की ओर से उक्त ऋण के लिए गारंटर के रूप में कंपनी के दायित्व का पूर्ण निपटान/मुक्ति भी हो गई है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के आखिरी क्वार्टर यानी कि मार्च तिमाही में 4,387 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो मुख्य रूप से खर्चों में कमी के कारण संभव हुआ। कंपनी ने एक्सचेंज को दी गई सूचना में बताया था कि 2023-24 की जनवरी-मार्च अवधि में उसे 220.58 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में पिछले छह महीनों में 44% से अधिक और इस साल अब तक 12.5% से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले 12 महीनों में, शेयर की कीमत लगभग 88% बढ़ गई है।
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