मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड June 12, 2025, 12:28 IST
सारांश
Oswal Pumps IPO: देश के लीडिंग सोलर पंप मैन्युफैक्चरर्स में से एक ओसवाल पंप्स के आईपीओ पर बोली 13 जून से शुरू होकर 17 जून तक चलेगी। ₹1,387Cr के IPO में नए शेयर्स और ऑफर-फॉर-सेल, दोनों का हिस्सा है। 'ओसवाल ब्रांड' के तहत उत्पाद मार्केट करने वाली कंपनी को केंद्र सरकार की PM-KUSUM योजना का खास फायदा हुआ है।
Oswal Pumps के उत्पाद घरेलू, कृषि उपकरणों से लेकर उद्योगों तक में सप्लाई होते हैं। (तस्वीर: oswalpump.com)
Oswal Pumps IPO में ₹890 करोड़ के 1.45 करोड़ नए शेयर्स और ₹497.34 करोड़ के 0.81 करोड़ शेयर्स ऑफर-फॉर-सेल पर हैं। ऑफर-फॉर-सेल वाले हिस्से से आने वाला कैपिटल प्रमोटर्स को जाएगा। कंपनी के प्रमोटर्स में विवेक गुप्ता, अमूल्य गुप्ता, शिवम गुप्ता शामिल हैं।
इस आईपीओ में निवेश के लिए प्राइस बैंड ₹584-614 प्रति शेयर का तय किया गया है। वहीं, इसमें निवेश के लिए खुदरा निवेशकों के लिए न्यूनतम सीमा 24 शेयर्स का एक लॉट है जिसकी कुल कीमत ₹14,016 होती है।
इस इशू का 50% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीददारों के लिए रिजर्व रखा गया है। वहीं, 35% हिस्सा खुदरा निवेशकों और 15% गैर संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व है।
पब्लिक सब्सक्रिप्शन होने के बाद शेयर्स का अलॉटमेंट बुधवार 18 जून को फाइनल हो सकता है। शेयर्स के डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर और रीफंड का प्रोसेस पूरा होने के बाद शुकवार 20 जून को कंपनी के शेयर्स NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्ट हो सकते हैं।
इस इशू के लिए IIFL Capital Services Limited, Axis Capital Limited, Clsa India Private Limited, Jm Financial Limited, Nuvama Wealth Management Limited बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं जबकि MUFG Intime India Private Limited ऑफिशल रजिस्ट्रार हैं।
Oswal Pumps का प्लान इस आईपीओ से आने वाले कैपिटल का 31.46% हिस्सा पुराने बकाये चुकाने में खर्च करने का है। इसके अलावा 30.64% हिस्सा सब्सिडियरी में निवेश किया जाएगा। 24.33% हिस्सा सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने, 10.09% हिस्सा कैपिटल खर्चों और 3.48% हिस्सा सब्सिडियरी के बकाये चुकाने में खर्च किया जाएगा।
OFS से प्रमोटर्स अपने हिस्से के बदले कैपिटल हासिल कर सकेंगे जबकि स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से मार्केट में कंपनी की उपस्थिति मजबूत होगी।
Oswal Pumps भारत में वर्टिकली इंटिग्रेटेड सोलर पंप्स की सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में से एक है। FY22-FY25 के बीच इसका CAGR 45.07% रहा। इसे खासकर केंद्र सरकार की PM-KUSUM योजना का काफी फायदा हुआ है और 30 अप्रैल 2025 तक कंपनी ने 45 हजार से ज्यादा सोलर पंपिंग सिस्टम इस योजना के तहत सप्लाई कर दिए थे।
यूं तो कंपनी की आमदनी ज्यादातर हरियाणा से आती है, हाल के समय में महाराष्ट्र का हिस्सा इसमें बढ़ा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से कृषि प्रधान राज्यों में भी कंपनी की उपस्थिति बेहतर हुई है। यही नहीं, इसके उत्पाद ऑस्ट्रेलिया, यूएई, सऊदी अरब जैसे देशों में भी सप्लाई होते हैं।
इसके अलग-अलग उत्पाद इसके पोर्टफोलियो को डायवर्स बनाते हैं और देशभर में 925 से ज्यादा डिस्ट्रिब्यूटर्स इसके नेटवर्क को भी मजबूत करते हैं।
हालांकि, PM-KUSUM के लिए सप्लाई पर इसकी निर्भरता काफी ज्यादा है। 9MFY25 के दौरान इसकी ऑपरेशनल आमदनी का 78.5% हिस्सा इस योजना के तहत आया था। ऐसे में इसके तहत ऑर्डरों में गिरावट होने से वित्तीय परफॉर्मेंस पर जोखिम बन सकता है।
इसके अलावा कंपनी के टॉप 5 क्लाइंट्स से FY24 में 68.05%, FY23 में 59.03% और 9MFY25 में 71.29% आमदनी आई थी। यानी इन अहम अकाउंट्स के छूटने पर भी इसकी बिजनेस पर असर हो सकता है। वहीं, इसका फोकस कृषि सेक्टर हैं जो खेती के उत्पादों, सरकारी नीतियों और आर्थिक फैक्टर्स में बदलाव होने पर इसके लिए चुनौती खड़ी कर सकते हैं।
Oswal Pumps के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले कॉपर और सोलर सेल की कीमतों में उछाल आने से भी बाजार में इसकी पकड़ कमजोर हो सकती है।
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