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Nazara Tech समेत कई गेमिंग स्टॉक्स में भारी बिकवाली, सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर सरकार सख्त

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड August 20, 2025, 09:40 IST

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सारांश

Online gaming stocks: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल को मंजूरी दे दी। इसे अब बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल का मकसद ऑनलाइन मनी गेमिंग या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना है। इसमें कानून तोड़ने वालों के लिए जेल या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान किया गया है।

शेयर सूची

Online gaming

Online gaming: इस बिल में "पैसे वाले जुआ जैसे ऑनलाइन गेम" को पूरी तरह बैन करने की बात कही गई है।

Online Gaming Stocks: आज 20 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव है। जिन शेयरों में गिरावट नजर आ रही है उनमें Delta Corp, Nazara Technologies और OnMobile Global जैसी कंपनियां शामिल हैं। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल को मंजूरी दे दी। इसे अब बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल का मकसद ऑनलाइन मनी गेमिंग या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना है। इसमें कानून तोड़ने वालों के लिए जेल या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान किया गया है।

इन शेयरों में हो रही बिकवाली

शुरुआती कारोबार में Delta Corp के शेयरों में करीब 2.50 फीसदी की गिरावट नजर आ रही है और यह 90.91 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा, Nazara Technologies के शेयरों में करीब 5 फीसदी की गिरावट है और यह 1,335.20 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। OnMobile Global में भी करीब 3.50 फीसदी की कमजोरी है और यह 53.37 रुपये तक लुढ़क गया है।

ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल की खास बातें

  • इस बिल में "पैसे वाले जुआ जैसे ऑनलाइन गेम" को पूरी तरह बैन करने की बात कही गई है। वहीं, इससे "मनोरंजन और खेल के लिए बने eSports व सोशल गेम्स" को बढ़ावा मिलेगा।
  • इसके तहत पैसे वाले गेम्स और उनके विज्ञापन बैन होंगे। अगर कोई कंपनी या व्यक्ति ऐसे गेम ऑफर करेगा या उनका विज्ञापन करेगा तो उसे 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
  • अगर कोई सिर्फ विज्ञापन करेगा, तो उसके लिए 2 साल की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
  • पैसे के लेन-देन या फंड ट्रांसफर करने वालों पर भी 3 साल तक की सजा या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • बार-बार अपराध करने वालों पर और सख्त सजा होगी, यानी 3 से 5 साल तक की जेल और भारी जुर्माना।
  • बिल में साफ किया गया है कि खिलाड़ियों को अपराधी नहीं माना जाएगा, उन्हें पीड़ित माना जाएगा। कार्रवाई सिर्फ उन पर होगी जो ऐसे गेम को बढ़ावा देते हैं, ऑफर करते हैं या विज्ञापन करते हैं।
  • बैंक और वित्तीय संस्थानों को भी आदेश होगा कि वे ऐसे रियल-मनी गेम्स से जुड़े लेन-देन को प्रोसेस न करें।
  • दूसरी ओर, सरकार चाहती है कि eSports और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा मिले ताकि भारत को ग्लोबल गेमिंग इंडस्ट्री में पहचान मिल सके, स्टार्टअप्स को मौके मिलें और देश गेम डेवलपमेंट का हब बने।
(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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