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4 min read | अपडेटेड March 06, 2025, 11:50 IST
सारांश
Ola Electric Share Price: ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ अगस्त 2024 में 76 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था। आईपीओ प्राइस से तुलना करें तो स्टॉक में 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
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Ola Electric के शेयरों का 52-वीक हाई 157.53 रुपये है, जिसे इसने 20 अगस्त 2024 को छू लिया था।
Ola Electric के शेयरों का 52-वीक हाई 157.53 रुपये है, जिसे इसने 20 अगस्त 2024 को छू लिया था। हालांकि, इसके बाद शेयरों में लगातार गिरावट देखी गई। अब यह स्टॉक अपने 52-वीक हाई से करीब 64 फीसदी नीचे आ चुका है।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ अगस्त 2024 में 76 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था। आईपीओ प्राइस से तुलना करें तो स्टॉक में 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर हाल ही में चर्चा में रहे हैं। कंपनी ने घोषणा की कि उसने 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इसके अलावा, कंपनी ने 5 मार्च को देर रात खुलासा किया कि भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने इसकी सब्सिडियरी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज के ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत इंसेंटिव को मंजूरी दे दी है।
ओला इलेक्ट्रिक ने इलेक्ट्रिक 2W स्पेस में अच्छी बाजार हिस्सेदारी होने के बावजूद अपनी वित्तीय स्थिति में भारी गिरावट देखी है। दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 19 फीसदी और तिमाही आधार पर 13 फीसदी घटकर ₹1,045 करोड़ रह गया।
मजबूत सेल्स वॉल्यूम के बावजूद कंपनी ऑपरेशनल एफिशिएंसी डिलीवर करने और ऑपरेशनल प्रॉफिट जनरेट करने में विफल रही। Q3FY25 तक, कंपनी ₹460 करोड़ के ऑपरेशनल लॉस पर काम कर रही है। नतीजतन, तिमाही में शुद्ध घाटा 564 करोड़ रुपये हो गया, जबकि Q3FY24 में यह ₹376 करोड़ था।
भले ही कंपनी की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है, लेकिन FY25 में इसकी बिक्री तेजी से घटी है। मार्च 2024 में कंपनी ने करीब 50000 यूनिट्स बेची। जुलाई 2024 में यह घटकर 41624 पर आ गई। सितंबर 2024 में और गिरकर 24,665 यूनिट्स हो गई। फरवरी 2025 में यह सिर्फ 8,674 यूनिट्स रह गई। बिक्री में लगातार गिरावट से कंपनी के निवेशकों के लिए चिंता बढ़ गई है।
ओला इलेक्ट्रिक को मजबूत कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिनका नेटवर्क बड़ा है और बिक्री के बाद की सेवा भी बेहतर है। इन कंपनियों ने ओला से ज्यादा बिक्री हासिल की है।
फरवरी में ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री में सालाना आधार पर 74% की गिरावट आई, जबकि बजाज ऑटो की बिक्री 81.8% बढ़ी, हीरो मोटोकॉर्प की 52.4% बढ़ी, टीवीएस मोटर्स की 28%, एथर एनर्जी की 29% और ग्रीव्स इलेक्ट्रिक की 42.7% बढ़ी।
बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प जैसी स्थापित कंपनियों ने फरवरी में लगभग 43,000 गाड़ियां बेचीं, जबकि ओला इलेक्ट्रिक, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक और एथर एनर्जी जैसी नई कंपनियों की कुल बिक्री लगभग 24,200 यूनिट रही।
ओला इलेक्ट्रिक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें खराब कॉर्पोरेट गवर्नेंस भी शामिल है। इसके सीटीओ और सीएमओ, लिस्टिंग के एक साल के अंदर ही इस्तीफा दे चुके हैं। ग्राहकों में बिक्री के बाद की सेवाओं को लेकर भी असंतोष है, जिससे शेयर कीमत पर नेगेटिव असर पड़ रहा है। इसके अलावा, कंपनी ने लागत कम करने के लिए करीब 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जो संचालन में कमजोर मैनेजमेंट को दिखाता है।
कंपनी अपने नए स्टोर्स के जरिए पूरे देश में विस्तार करने की योजना बना रही है। साथ ही, इसका लक्ष्य अगले कुछ तिमाहियों में 50,000 यूनिट्स की मासिक बिक्री हासिल कर EBITDA पॉजिटिव बनना है। हालांकि, बाजार में बढ़ते कंपटीशन के कारण कंपनी के लिए अपनी हिस्सेदारी बनाए रखना चैलेंजिंग रहेगा।
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