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  1. NSE IPO का रास्ता जल्द हो सकता है साफ, SEBI चीफ बोले- मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी

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NSE IPO का रास्ता जल्द हो सकता है साफ, SEBI चीफ बोले- मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 30, 2025, 15:53 IST

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सारांश

NSE IPO: सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, टेक्नोलॉजी और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में मेजोरिटी ओनरशिप जैसे मुद्दे शामिल हैं। NOC के लिए सेबी में आवेदन कर NSE ने अपनी लिस्ट होने की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है।

NSE की IPO लाने की योजना पिछले आठ वर्ष से अटकी हुई है।

NSE की IPO लाने की योजना पिछले आठ वर्ष से अटकी हुई है।

NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आईपीओ से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है। ये कहना है मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के प्रमुख तुहिन कांत पांडेय का। पांडेय ने कहा कि यह आईपीओ रेगुलेटरी रिव्यू के अधीन है और NSE और सेबी के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा की जा रही है।

सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, टेक्नोलॉजी और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में मेजोरिटी ओनरशिप जैसे मुद्दे शामिल हैं। NOC के लिए सेबी में आवेदन कर NSE ने अपनी लिस्ट होने की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है।

NSE IPO की समयसीमा

NSE ने NOC के लिए आवदेन दाखिल कर दिया है, लेकिन आईपीओ कब आएगा इसकी समय-सीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। दोनों पक्ष प्रमुख मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं जिनमें कंपनी संचालन का मुद्दा भी शामिल हैं।

आईपीओ के लिए संभावित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा, ‘‘मैं इस समय केवल इतना कह सकता हूं कि कुछ मुद्दे हैं, जिन पर NSE और सेबी के बीच चर्चा जारी है। हम इसे स्पष्ट करने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं। हम इन मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।’’

8 साल से अटका हुआ है NSE IPO

बता दें कि NSE की IPO लाने की योजना पिछले आठ वर्ष से अटकी हुई है। शेयर बाजार ने सबसे पहले 2016 में आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे। इसके जरिये मौजूदा शेयरधारकों की 22 फीसदी शेयर बेचकर ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से 10000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी।

हालांकि, कंपनी संचालन और ‘को-लोकेशन’ मामले से जुड़ी नियामक चिंताओं के कारण सेबी ने मंजूरी नहीं दी थी। तब से NSE ने मंजूरी के लिए कई बार सेबी का रुख किया है।

NSE ‘को-लोकेशन’ का मतलब ऐसी सुविधा से है, जहां कारोबारी सदस्य अपने सर्वर को एक्सचेंज के परिसर में रख सकते हैं। जिससे बाजार के आंकड़ों और ऑर्डर निष्पादन तक तीव्र पहुंच संभव हो जाती है। इस सुविधा का कुछ ब्रोकर द्वारा कथित रूप से बेजा लाभ उठाने को लेकर NSE जांच के घेरे में आई थी।

NSE IPO पर बनाई गई है आंतरिक समिति

सेबी ने NSE के आईपीओ पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति के गठन की मार्च में घोषणा की थी और बाजार नियामक ने NSE से सभी मुद्दों को हल करने के लिए कहा था।

NSE का मूल्यांकन करीब 4.7 लाख करोड़ रुपये है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया’ 500 लिस्टेड एवं नॉन लिस्टेड कंपनियों के अनुसार, भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार पहले से ही देश की 10वीं सबसे मूल्यवान निजी कंपनी है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।