मार्केट न्यूज़
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3 min read | अपडेटेड December 10, 2025, 15:01 IST
सारांश
इस लिस्ट में सबसे बड़ी कंपनी Reliance Industries (RIL) है। RIL के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी मामूली रूप से घटी है। इसमें प्रमोटर होल्डिंग मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही के आखिर में थोड़ी कम होकर 50.01% हो गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 50.07% और पिछले साल इसी तिमाही में 50.13% थी।

Stock Market: कई बड़ी कंपनियों के मालिक अपनी हिस्सेदारी थोड़ा-थोड़ा बेच रहे हैं।
भारत के NIFTY 500 इंडेक्स की 43 कंपनियों में पिछले चार तिमाहियों यानी लगातार एक साल से एक चीज कॉमन देखी गई है। इन कंपनियों के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम कर रहे हैं। यह ट्रेंड अलग-अलग सेक्टर्स में दिखा है, जैसे फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी। इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में ओनरशिप का पैटर्न बदल रहा है और कई बड़ी कंपनियों के मालिक अपनी हिस्सेदारी थोड़ा-थोड़ा बेच रहे हैं। यहां हमने इनमें से प्रमुख कंपनियों की जानकारी दी है।
इस लिस्ट में सबसे बड़ी कंपनी Reliance Industries (RIL) है। RIL के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी मामूली रूप से घटी है। इसमें प्रमोटर होल्डिंग मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही के आखिर में थोड़ी कम होकर 50.01% हो गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 50.07% और पिछले साल इसी तिमाही में 50.13% थी। यह गिरावट बहुत छोटी है, लेकिन यह दिखाती है कि RIL भी उसी ट्रेंड का हिस्सा है जिसमें प्रमोटर्स धीरे-धीरे शेयर बेच रहे हैं।
आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी Wipro में भी ऐसा ही हुआ। पिछले साल प्रमोटर्स के पास 72.75% शेयर थे, जो अब कम होकर 72.65% रह गए हैं। यानी धीरे-धीरे प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घट रही है।
फाइनेंशियल सेक्टर की कई बड़ी कंपनियों में तो यह ट्रेंड और ज्यादा साफ दिखा। HDFC AMC, Nippon Life AMC, Angel One, Nuvama Wealth Management और ICICI Prudential Life Insurance जैसी कंपनियों में भी प्रमोटर हिस्सेदारी पिछले चार क्वार्टर से लगातार कम हो रही है। इसका मतलब है कि इस सेक्टर में प्रमोटर्स लगातार शेयर बेच रहे हैं।
इसके अलावा L&T Finance, Dixon Technologies और Aditya Birla Capital के प्रमोटर्स ने भी अपनी हिस्सेदारी कम की। L&T Finance के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी एक साल पहले 66.29% थी, अब यह घटकर 66.10% रह गई है। Aditya Birla Capital में यह 68.7% हो गई और Dixon Technologies में 28.92% रह गई है। ये सभी आंकड़े दिखाते हैं कि बिक्री थोड़ी-थोड़ी है, लेकिन लगातार हो रही है।
अब सवाल आता है कि आखिर प्रमोटर्स शेयर क्यों बेचते हैं? मार्केट एक्सपर्ट कहते हैं कि सिर्फ इसलिए कि प्रमोटर्स शेयर बेच रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें कंपनी पर भरोसा नहीं है। प्रमोटर्स कई बार फंड जुटाने के लिए शेयर बेचते हैं। यह पैसा वे कंपनी की ग्रोथ में लगा सकते हैं, जैसे नए प्रोजेक्ट शुरू करना, प्रोडक्शन बढ़ाना, कर्ज कम करना, बैलेंस शीट सुधारना या स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर्स को कंपनी में लाना। यानी शेयर बेचना कई बार कंपनी की मजबूती के लिए भी होता है।
जहां ज्यादातर कंपनियों में प्रमोटर शेयर बेच रहे थे, वहीं NIFTY 500 में सिर्फ दो कंपनियां ऐसी थीं जहां प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। Maharashtra Seamless के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी पिछले साल 68.04% थी, जो अब बढ़कर 69.05% हो गई है। इसी तरह Jindal Stainless में भी प्रमोटर होल्डिंग 60.49% से बढ़कर 61.23% हो गई है। यह बताता है कि इन कंपनियों के मालिक कंपनी के भविष्य पर और ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।
एक्सपर्ट कहते हैं कि जब प्रमोटर खुद कंपनी में ज्यादा पैसा लगाते हैं तो इसे बहुत पॉजिटिव माना जाता है। क्योंकि प्रमोटर कंपनी को सबसे ज्यादा जानते हैं। अगर वे अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं, तो यह सिग्नल है कि उन्हें लगता है कि कंपनी आगे अच्छा करेगी और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अच्छा संकेत है।
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