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4 min read | अपडेटेड November 28, 2025, 12:46 IST
सारांश
आईटी सेक्टर के प्रदर्शन को लेकर निवेशकों के मन में कई सवाल हैं। ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस जेफरीज, सीएलएसए और नोमुरा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि आने वाला समय कैसा रहेगा। एआई और अमेरिकी चुनाव का क्या असर होगा, जानिए इस रिपोर्ट में। साथ ही देखें कि किन शेयरों को खरीदने की सलाह दी गई है।

IT Sector Outlook 2026: विदेशी ब्रोकरेज हाउस ने आईटी सेक्टर पर दी अपनी राय।
IT Sector Outlook 2026: भारतीय शेयर बाजार में आईटी सेक्टर का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से मिला-जुला रहा है। निवेशक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अब इस सेक्टर में पैसा लगाने का सही समय आ गया है या अभी और इंतजार करना चाहिए। इसी बीच दुनिया की तीन बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स जेफरीज, सीएलएसए और नोमुरा ने भारतीय आईटी सेक्टर पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। इन रिपोर्ट्स में 2026 के आउटलुक के बारे में विस्तार से बताया गया है।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2025 में अब तक निफ्टी आईटी इंडेक्स ने निफ्टी के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। इंडेक्स ने करीब 25 प्रतिशत कम रिटर्न दिया है। इसका मुख्य कारण पीई रेटिंग में गिरावट और मैक्रो इकोनॉमी को लेकर अनिश्चितता है। जेफरीज का मानना है कि एआई को लेकर भी अभी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं है। हालांकि, उनका कहना है कि शेयरों का प्रदर्शन ईपीएस यानी प्रति शेयर आय के अनुमानों के हिसाब से चल रहा है। इसमें भी मझोली आईटी कंपनियों ने बड़ी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। ग्रोथ को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है और मैनेजमेंट की गाइडेंस धीरे-धीरे रिकवरी की ओर इशारा कर रही है।
दूसरी तरफ सीएलएसए का नजरिया थोड़ा अलग है। उनका मानना है कि 2026 के लिए एआई से ज्यादा जरूरी मैक्रो इकोनॉमी के हालात होंगे। एआई की कहानी हर साल बदल रही है, लेकिन ईपीएस ग्रोथ अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई है। सीएलएसए के मुताबिक 2026 में अमेरिका के मध्यावधि चुनाव, टैरिफ और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती जैसे मुद्दे अहम रहेंगे। एच-1बी वीजा और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर कुछ सकारात्मक खबरें आ सकती हैं। उनका मानना है कि एआई के कारण आई गिरावट और अस्थिर माहौल के बीच आईटी सेक्टर का वैल्यूएशन काफी आकर्षक लग रहा है।
नोमुरा ने भी आईटी सेक्टर पर अपनी राय रखी है। उनका अनुमान है कि 2026 में रेवेन्यू ग्रोथ में मामूली सुधार देखने को मिलेगा। एआई से जुड़े मौके अगले 12 से 18 महीनों में खुलने की उम्मीद है। इसके साथ ही मार्जिन में भी थोड़ा सुधार हो सकता है। नोमुरा का साफ कहना है कि जब तक मैक्रो इकोनॉमी में बड़ा सुधार नहीं होता, तब तक आईटी खर्च में कोई बड़ी तेजी नहीं आएगी। इसलिए निवेशकों को चुनिंदा शेयरों पर ही फोकस करना चाहिए। नोमुरा ने इंफोसिस, कोफोर्स और ई-क्लर्क्स को अपनी टॉप पिक्स में शामिल किया है। कुल मिलाकर तीनों ब्रोकरेज हाउस इंफोसिस और कोफोर्स पर सकारात्मक नजर आ रहे हैं।
अगर पिछले 6 महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो निफ्टी आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन काफी सुस्त (Flat to Negative) रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 महीने में इंडेक्स ने करीब 0.15% की मामूली गिरावट दर्ज की है, जो बताता है कि सेक्टर अभी भी दबाव में है। वहीं, हाल ही में आए आईटी कंपनियों के दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे भी उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। टीसीएस और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों के नतीजों से साफ है कि अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता के चलते क्लाइंट्स अभी भी खुलकर खर्च (Discretionary Spending) नहीं कर रहे हैं। हालांकि डील पाइपलाइन स्थिर है, लेकिन उसे रेवेन्यू में बदलने में समय लग रहा है। एआई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, लेकिन अभी उसका बड़ा असर आय पर नहीं दिख रहा है।
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