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4 min read | अपडेटेड July 10, 2025, 12:30 IST
सारांश
IREDA ने जून तिमाही में लोन मंजूरियों में 29% की वृद्धि दर्ज की। यह एक वर्ष पहले के ₹9136 करोड़ की तुलना में बढ़कर ₹11,740 करोड़ हो गई। एक बयान में कहा गया है कि सरकारी कंपनी ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत शानदार तरीके से की है।
IREDA Q1 Results: IREDA ने जून तिमाही में लोन मंजूरियों में 29% की वृद्धि दर्ज की।
IREDA ने जून तिमाही में लोन मंजूरियों में 29% की वृद्धि दर्ज की। यह एक वर्ष पहले के ₹9136 करोड़ की तुलना में बढ़कर ₹11,740 करोड़ हो गई। एक बयान में कहा गया है कि सरकारी कंपनी ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत शानदार तरीके से की है। इसने जून तिमाही में अपने प्रमुख फाइनेंशियल इंडिकेटर्स में वृद्धि दर्ज की। यह जानकारी प्रोविजनल आंकड़ों पर आधारित है।
कंपनी का लोन डिसबर्समेंट 31 फीसदी बढ़कर ₹6,981 करोड़ हो गया, जबकि Q1FY25 में यह ₹5,326 था। 30 जून, 2025 तक कंपनी की आउटस्टैंडिंग लोन बुक ₹79960 करोड़ थी, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹63207 करोड़ से 27% अधिक है।
जून 2025 में, इरेडा ने कहा कि उसने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) जारी करके ₹2000 करोड़ से अधिक जुटाए हैं। यह QIP इश्यू 5-10 जून तक खुला था। इसे घरेलू और विदेशी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) से अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इसके निवेशकों में बीमा कंपनियां, शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक और फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स शामिल हैं।
इस QIP को ओवरसब्सक्राइब किया गया, जिसमें ₹1500 करोड़ के बेस इश्यू साइज के मुकाबले ₹2005.90 करोड़ की बोलियां प्राप्त हुईं। इसमें 1.34 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
अप्रैल 2025 में इरेडा ने कहा कि उसने 28 अप्रैल से कंपनी में तीन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की नियुक्ति की है। कंपनी ने फाइलिंग में कहा, "इरेडा लिमिटेड के सीनियर मैनेजमेंट पोजीशन में बदलाव हुए हैं।" सुशांत कुमार डे को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (प्रोजेक्ट्स) नियुक्त किया गया है। इरेडा ने बताया कि वह कंपनी में GM (प्रोजेक्ट्स) के पद पर कार्यरत थे।
सुरेंद्र कुमार शर्मा और धीरज मेहता, जो जनरल मैनेजर (फाइनेंस एंड अकाउंट्स) थे, को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स (फाइनेंस एंड अकाउंट्स) नियुक्त किया गया है। कंपनी ने दुर्रे शाहवार को जनरल मैनेजर (HR) के पद पर नियुक्त किया है। वह कंपनी में एडिशनल GM (HR) के रूप में कार्यरत थीं।
मई 2025 में इरेडा ने कहा कि उसने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के सामने जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की है। इरेडा ने 14 मई, 2025 को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 7 के तहत जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ एक आवेदन दायर किया था। जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड पर लगभग ₹510 करोड़ का बकाया है।
अप्रैल 2025 में सेबी ने फंड डायवर्जन और गवर्नेंस लैप्स केस में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटर्स - अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी - को अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया था। सेबी के अंतरिम आदेश के बाद 12 मई को जग्गी बंधुओं ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
इरेडा ने 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में स्टैंडअलोन PAT में 49% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹502 करोड़ हो गया। चौथी तिमाही में इसका रेवेन्यू सालाना 37% बढ़कर ₹1,904 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का PAT अब तक का सबसे अधिक ₹1699 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 36% अधिक है।
वित्त वर्ष 2025 में इसका रेवेन्यू भी सालाना 36% बढ़कर ₹6,742 करोड़ हो गया। कंपनी ने कहा कि उसकी कुल संपत्ति मार्च तक सालाना 20% बढ़कर ₹10,266 करोड़ हो गई। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में अपनी लोन बुक में 20% की वृद्धि दर्ज की है और यह ₹76,282 करोड़ हो गई है।
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