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3 min read | अपडेटेड February 26, 2025, 18:10 IST
सारांश
IRCTC के शेयरों ने 22 मई 2024 को 1148.30 रुपये के अपने 52-वीक हाई को छू लिया था। हालांकि, अब यह शेयर इस लेवल से करीब 38 फीसदी टूट चुका है। इसका 52-वीक लो 705.05 रुपये है।
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IRCTC का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट FY25 की दिसंबर तिमाही में 14 फीसदी बढ़कर 341 करोड़ रुपये हो गया।
बीते 25 फरवरी को स्टॉक में 1.51 फीसदी की गिरावट आई और यह 709.5 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस गिरावट के साथ कंपनी का मार्केट कैप घटकर 56,760 करोड़ रुपये रह गया।
IRCTC के शेयरों ने 22 मई 2024 को 1148.30 रुपये के अपने 52-वीक हाई को छू लिया था। हालांकि, अब यह शेयर इस लेवल से करीब 38 फीसदी टूट चुका है। इसका 52-वीक लो 705.05 रुपये है।
सरकारी कंपनी IRCTC का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट FY25 की दिसंबर तिमाही में 14 फीसदी बढ़कर 341 करोड़ रुपये हो गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 200 करोड़ रुपये था। वहीं, पिछली सितंबर तिमाही में 308 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी का प्रॉफिट 11 फीसदी बढ़ा है।
तिमाही के दौरान कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 1225 करोड़ रुपये रहा। यह 1115 करोड़ रुपये से सालाना आधार पर 10 फीसदी अधिक है। पिछली तिमाही के मुकाबले रेवेन्यू 1,064 करोड़ रुपये से 15 फीसदी बढ़ा है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का कुल खर्च भी 11 फीसदी बढ़कर 825 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, Ebitda 5.7 फीसदी बढ़कर 417 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, मार्जिन सालाना आधार पर 35.3 फीसदी से घटकर 34 फीसदी हो गया।
कंपनी ने 2.50 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 3 रुपये का दूसरा अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 20 फरवरी तय की गई है।
IRCTC का ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग और रेलवे कैटरिंग सेवाओं में मोनोपॉली है। इसके बावजूद, यह स्टॉक बाजार में कमजोर प्रदर्शन कर रहा है।
IRCTC की ज्यादातर कमाई ऑनलाइन टिकट बुकिंग से होती है। यह यात्रियों से कंवीनियंस फीस लेता है। अगर कोई AC ट्रेन का टिकट ऑनलाइन बैंकिंग से बुक करता है, तो ₹30 और UPI से बुक करने पर ₹20 का शुल्क लगता है। इसका मतलब है कि IRCTC की सबसे ज्यादा कमाई AC ट्रेन टिकट बुकिंग से होती है।
लेकिन PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 95% से ज्यादा यात्री नॉन-AC क्लास में यात्रा करते हैं। इसलिए, IRCTC की कमाई बढ़ाने के लिए रेलवे को ज्यादा AC ट्रेनें बढ़ानी होंगी।
IRCTC के शेयरों ने 2019 से 2021 के बीच निवेशकों को कई गुना रिटर्न दिया, क्योंकि इस दौरान इसकी वैल्यू तेजी से बढ़ी। शेयर का प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) रेशियो 2019 में 43 गुना था, जो 2021 में 320 गुना तक पहुंच गया।
हालांकि, 2021 के बाद शेयर की कीमत में गिरावट आने लगी। इसकी वजह यह थी कि सरकार रेलवे सेक्टर के लिए एक रेगुलेटर नियुक्त करने की योजना बना रही थी। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने IRCTC से उसकी सुविधा शुल्क (कंवीनियंस फीस) की 50% कमाई अपने साथ साझा करने को कहा था। इस खबर के बाद IRCTC के शेयरों में भारी गिरावट आई, और यह 19 अक्टूबर 2021 को अपने उच्चतम स्तर ₹6,393 से लगभग 40% नीचे गिर गया।
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