मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड March 11, 2025, 18:24 IST
सारांश
IndusInd Bank के शेयरों में रिकॉर्ड सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट देखी गई है, मंगलवार, 11 मार्च को इसमें 27% की गिरावट आई। यह गिरावट दो नकारात्मक घटनाक्रमों के बाद सोमवार और मंगलवार को कई ब्रोकरेज द्वारा स्टॉक को डाउनग्रेड करने और अपने मूल्य लक्ष्यों में कटौती करने के बाद आई है।
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IndusInd Bank ने बताया कि उसकी आंतरिक जांच में डेरिवेटिव अकाउंट बैलेंस में गड़बड़ी पाई गई है।
उन्होंने कहा, ‘IIHL एक होल्डिंग कंपनी है। इसके 600 से ज्यादा शेयरहोल्डर्स हैं। IIHL में कोई बिजनेस नहीं है, यह कंपनी सिर्फ लाभांश (डिविडेंड), कंपनी की वैलुएशन और कंपनी के NAV पर निर्भर करती है। इसीलिए शेयरहोल्डर्स हमेशा बोर्ड और मैनेजमेंट पर दबाव डालते हैं कि आप और ज्यादा वैल्यू क्यों नहीं बताते हैं? आप और ज्यादा अधिग्रहण क्यों नहीं करते हैं, जो हमने किया है। और इसी तरह से BFSI सेक्टर आया है। जब भी ऐसी परिस्थिति आती है, तो ऐसे में शॉर्ट टर्म फंडिंग की जरूरत होती है। अगर उन्होंने एप्रोप्रिएट टाइम पर कोई गिरवी शेयर जुटाए हैं, तो उन शेयरों को भी बदला जाएगा।’
हिंदुजा ने कहा, ‘IIHL की जेब और शेयरहोल्डर्स की जेबें बहुत मजबूत हैं।’ हिंदुजा ने इसके अलावा इंडसइंड बैंक के शेयरहोल्डर्स से गुजारिश की है कि वह घबराएं नहीं हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह शेयरहोल्डर्स की चिंता को बहुत अच्छे से समझते हैं कि कंपनी ने पहले इस मुद्दे की जानकारी क्यों नहीं दी। उन्होंने यह भी दोहराया कि न तो मार्जिन कॉल है और न ही किसी और शेयर को गिरवी रखने की जरूरत है। इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के चेयरमैन ने कहा, ‘यह फिर से IIHL के मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।’
दरअसल, इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को एक्सचेंज फाइलिंग में एक ऐसी जानकारी दी है, जिससे स्टॉक पर इन्वेस्टर्स का भरोसा घटा है। बाजार बंद होने के बाद बैंक ने बताया कि उसके आंतरिक प्रक्रियाओं की जांच में कुछ गड़बड़ियां पाई गई हैं। ये गड़बड़ियां उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो या फॉरेक्स डिपॉजिट और उधारी को हेज (सुरक्षित) करने के लिए की गई आंतरिक सौदों से जुड़ी हो सकती हैं। इंडसइंड बैंक ने बताया कि उसकी आंतरिक जांच में डेरिवेटिव अकाउंट बैलेंस में गड़बड़ी पाई गई है। यह गड़बड़ी बैंक की कुल संपत्ति की 2.35% यानी लगभग ₹1577 करोड़ के बराबर हो सकती है। बैंक ने इस मामले की समीक्षा के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त की है, जो इस गड़बड़ी की पुष्टि करेगी। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर बैंक अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में इसका प्रभाव दर्ज करेगा।
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