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  1. दिवाली बाद बाजार को मिलेगा 'मेगा-बोनस'? भारत-US टैरिफ डील पर बड़ी खबर, इन सेक्टर्स पर दिख सकता असर

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दिवाली बाद बाजार को मिलेगा 'मेगा-बोनस'? भारत-US टैरिफ डील पर बड़ी खबर, इन सेक्टर्स पर दिख सकता असर

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड October 22, 2025, 17:04 IST

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सारांश

भारत और अमेरिका एक नई ट्रेड डील के बहुत करीब हैं। खबर है कि दोनों देश टैरिफ (Tax) में बड़ी कटौती कर सकते हैं। इससे कपड़ा, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स जैसे एक्सपोर्ट सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

India US trade tariff

US Trade डील के शेयर बाजार के लिए क्या है मायने

संवत 2082 की शुरुआत बाजार के लिए शानदार रही है और अब दिवाली के ठीक बाद बाजार के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आ रही है। लाइवमिंट की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका एक बड़े व्यापार सौदे (Trade Deal) को अंतिम रूप देने के बेहद करीब हैं। यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि पिछले कुछ सालों से 'ट्रंप टैरिफ' (Trump Tariffs) की आशंकाओं ने भारतीय एक्सपोर्टर्स (निर्यातकों) की नींद उड़ा रखी थी।

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रिपोर्ट बताती है कि इस नई डील में दोनों देशों के बीच टैरिफ, यानी आयात शुल्क में "बड़ी कटौती" पर सहमति बन सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक 'मेगा-बोनस' साबित होगा, खासकर उन कंपनियों के लिए जो अपना माल अमेरिका को बेचती हैं।

क्यों अहम है यह ट्रेड डील?

बीते कुछ सालों में, खासकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव (Trade Frictions) काफी बढ़ गया था। अमेरिका ने भारत को GSP (Generalized System of Preferences) लिस्ट से हटा दिया था। GSP के तहत भारत के कई प्रोडक्ट्स बिना किसी टैरिफ के अमेरिकी बाजार में बिकते थे।

इसके हटने से भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान हो रहा था। कपड़ा, ज्वेलरी, हैंडीक्राफ्ट और कुछ इंजीनियरिंग सामानों पर इसका सीधा असर पड़ा था। यह नई ट्रेड डील उस तनाव को खत्म करेगी और GSP जैसी सुविधाओं को दोबारा शुरू कर सकती है, जिससे व्यापार सामान्य हो सकेगा।

इन सेक्टर्स को होगा सीधा फायदा

टैरिफ में कटौती का मतलब है कि भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में सस्ता हो जाएगा। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इसका सबसे बड़ा और सीधा फायदा उन सेक्टर्स को मिलेगा जो अमेरिका पर निर्भर हैं।

टेक्सटाइल और अपैरल: भारत का कपड़ा उद्योग, जो बांग्लादेश और वियतनाम से कड़ी प्रतिस्पर्धा (Competition) का सामना कर रहा है, उसे टैरिफ घटते ही बड़ा बूस्ट मिलेगा।
ऑटो कंपोनेंट्स: भारत दुनिया को गाड़ियों के पुर्जे सप्लाई करने वाला एक बड़ा हब है। टैरिफ कम होने से इनका एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ेगा।
जेम्स एंड ज्वेलरी: अमेरिका भारतीय गहनों का बहुत बड़ा खरीदार है। टैरिफ हटने से इनकी मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है।
इंजीनियरिंग गुड्स और हैंडीक्राफ्ट्स: इन सेक्टर्स से जुड़े छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को भी अमेरिकी बाजार में नई जान मिलेगी।

क्या भारत को भी देनी होगी छूट?

व्यापार समझौता कभी भी एकतरफा नहीं होता है। अगर अमेरिका भारतीय सामानों को छूट दे रहा है, तो भारत को भी कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ घटाना होगा। रिपोर्ट इशारा करती है कि भारत अमेरिका से आने वाली कुछ हाई-एंड मोटरसाइकिलों (जैसे हार्ले-डेविडसन), मेडिकल डिवाइस (चिकित्सा उपकरण), और कुछ कृषि उत्पादों (जैसे सेब या बादाम) पर ड्यूटी कम कर सकता है। बाजार का मानना है कि यह छूट संतुलित होगी, जिससे घरेलू इंडस्ट्री पर ज्यादा बुरा असर न पड़े।

शेयर बाजार पर क्या होगा असर?

यह खबर शेयर बाजार के लिए बेहद सकारात्मक है। सबसे बड़ा असर यह होगा कि बाजार से 'टैरिफ युद्ध' की एक बड़ी अनिश्चितता (Uncertainty) खत्म हो जाएगी। एक्सपोर्ट पर निर्भर कंपनियों के शेयरों में दिवाली के बाद भी रौनक जारी रहने की उम्मीद है। निवेशकों की नजर अब ट्राइडेंट, वेलस्पन इंडिया जैसे टेक्सटाइल स्टॉक्स, टाइटन जैसे ज्वेलरी स्टॉक्स और सुंदरम फास्टनर्स या भारत फोर्ज जैसे ऑटो कंपोनेंट स्टॉक्स पर रहेगी। यह डील 'मेक इन इंडिया' को ग्लोबल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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