मार्केट न्यूज़
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3 min read | अपडेटेड December 22, 2025, 15:34 IST
सारांश
साल 2025 भारतीय सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा है। IMARC Group के अनुसार, भारत का चिप मार्केट 2033 तक $161 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। सरकार के ₹76,000 करोड़ के 'सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम' और पीएलआई स्कीम ने देश में मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइनिंग के नए द्वार खोल दिए हैं।

सेमीकंडक्टर शेयर के लिए कैसा रहा यह साल | Image: Shutterstock.
साल 2025 भारत के लिए वह साल साबित हुआ है, जब देश ने चिप आयात करने वाले देश की छवि को पीछे छोड़ते हुए एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में पहचान बनाई है। IMARC Group की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य 2024 में $53.2 बिलियन था, जिसके साल 2033 तक बढ़कर $161 बिलियन होने की उम्मीद है। यह 12.45 प्रतिशत की सालाना विकास दर (CAGR) को दिखाता है। टेलीकम्युनिकेशन, हेल्थकेयर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जिस तरह से डिजिटाइजेशन बढ़ा है, उसने देश के भीतर ही चिप की भारी मांग पैदा कर दी है। आज भारत न केवल डिजाइन बल्कि बैक-एंड असेंबली और टेस्टिंग में भी दुनिया को चुनौती दे रहा है।
इस पूरे बदलाव की नींव सरकार की नीतियों ने रखी है। सरकार ने 'सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम' के तहत ₹76,000 करोड़ के भारी बजट की घोषणा की है, जिसका मकसद देश में एक मजबूत इकोसिस्टम बनाना है। इस साल वित्तीय प्रोत्साहन और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के जरिए कई बड़े प्लांट और मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित किए गए हैं। इसी का नतीजा है कि 'सीजी पावर' और 'कायन्स टेक्नोलॉजी' जैसी कंपनियों ने गुजरात में अपने ओसैट (OSAT) प्लांट स्थापित कर लिए हैं और अगस्त 2025 में इनका पायलट उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
साल 2025 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, वेदांता और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी बड़ी कंपनियों ने इस सेक्टर में भारी निवेश किया है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने गुजरात और असम में अपने कारखाने लगाने के साथ-साथ अमेरिकी चिप दिग्गज इंटेल (Intel) के साथ हाथ मिलाया है। वहीं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के बीच हुए समझौते ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी चिप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है। डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने भी नोएडा में करीब $3 बिलियन के डिस्प्ले फैब्रिकेशन प्रोजेक्ट की घोषणा कर इस साल सुर्खियां बटोरी हैं।
शेयर बाजार की नजर से देखें तो साल 2025 सेमीकंडक्टर स्टॉक्स के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। Bharat Electronics (BEL) इस सेक्टर का असली हीरो बनकर उभरा, जिसने साल भर में 34.2% का शानदार रिटर्न दिया और इसका मार्केट कैप ₹2.87 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं Syrma SGS ने भी 23.6% की बढ़त दर्ज कर निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया। हालांकि, कुछ बड़े स्टॉक्स जैसे Kaynes Technology में 43.5% और Dixon Technologies में 26.3% की गिरावट देखी गई। CG Power का मार्केट कैप भी ₹1.05 लाख करोड़ के स्तर को पार कर चुका है।
सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए भारी मात्रा में शुद्ध पानी और बिना रुकावट बिजली की जरूरत होती है। इसके अलावा, उच्च स्तर की रिफाइनिंग और डिजाइनिंग के लिए स्किल्ड लेबर की मांग भी लगातार बढ़ रही है। हालांकि, फॉक्सकॉन और एचसीएल के बीच उत्तर प्रदेश में ₹3,706 करोड़ का निवेश और विदेशी कंपनियों के साथ बढ़ती साझेदारी यह संकेत देती है कि भारत इन बाधाओं को पार करने के लिए तैयार है। साल 2025 इस बात का गवाह बना है कि भारत अब केवल सॉफ्टवेयर का दिग्गज नहीं है, बल्कि वह हार्डवेयर और चिप निर्माण की दुनिया का भी नया किंग बनने की ओर अग्रसर है।
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