मार्केट न्यूज़
8 min read | अपडेटेड October 26, 2024, 00:57 IST
सारांश
डीमैट अकाउंट को बंद करना कब और क्यों जरूरी हो जाता है? किस तरह से ऑनलाइन डीमैट अकाउंट को आसानी से बंद किया जा सकता है और कैसे इसके लिए आपको कोई एक्स्ट्रा फीस भी नहीं देनी पड़ेगी, ये सबकुछ आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।
जब आप डीमैट अकाउंट बंद करना चाहते हैं, तो किसी भी एक्स्ट्रा फीस से बचने के लिए कई कदम और प्रोसेस को ध्यान में रखना होग
मार्केट में ब्रोकरेज सर्विसेज पर मिलने वाले डिस्काउंट से इंडियन इन्वेस्टर्स के पास ऑप्शन्स की कमी हो गई है। इसके साथ, कई रिटेल ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए ऐसे प्रोमो और ऑफर का ज्यादा से ज्यादा उठाने के लिए कई डीमैट अकाउंट बनाना काफी कॉमन बात हो गई है। हालांकि, उनमें से ज्यादातर लोग इन अकाउंट्स से जुड़े हिडेन चार्जेस और एनुअल फीस के बारे में नहीं जानते हैं। अगर आप कोई डीमैट अकाउंट लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो उसे बंद कर देना ही बेहतर ऑप्शन है। डीमैट अकाउंट को बंद करने को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं और यही कारण है कि ज्यादातर डीमैट अकाउंट होल्डर्स इस्तेमाल नहीं होने वाले डीमैट अकाउंट को बंद नहीं करते हैं, जबकि ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जब आप डीमैट अकाउंट बंद करना चाहते हैं, तो किसी भी एक्स्ट्रा फीस से बचने के लिए कई कदम और प्रोसेस को ध्यान में रखना होगा। इस आर्टिकल में आपके डीमैट अकाउंट को गुडबाय कहने के कुछ आसान से तरीके हम बताएंगे, तो अगर आपको भी जानना है कि कैसे आप अपना डीमैट अकाउंट बंद कर सकते हैं? तो उसका जवाब आपको हम देते हैं।
1- बेसिक अकाउंट क्लोजरः जब डीमैट अकाउंट पर कोई होल्डिंग, पेंडिंग पेमेंट या फीस नहीं होती है, तो अकाउंट होल्डर्स संबंधित डिपॉजिटरी पार्टनर से रिक्वेस्ट कर सकता है और इसे बिना की परेशानी के आसानी से बंद कर सकता है। यह ऑनलाइन किया जा सकता है और अक्सर इसका क्विक रिस्पॉन्स मिलता है। यह करना आसान होता है और इसके लिए आपको ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। 2- ट्रांसफर और अकाउंट क्लोजरः अगर आपके अकाउंट में अभी भी पैसा, सिक्योरिटीज़ या फीस हैं तो चीजें थोड़ी कॉम्प्लिकेटेड हो सकती हैं। इसके लिए संबंधित डीमैट अकाउंट को सही तरह से बंद करने से पहले संबंधित सभी चीजों को एक अलग डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर करना जरूरी होता है और इसमें अक्सर कई एक्स्ट्रा स्टेप्स शामिल होते हैं।
डीमैट अकाउंट बंद करने का प्रोसेस शुरू करने या उसके लिए कार्रवाई का सही तरीका तय करने से पहले, अपने अकाउंट का आकलन और जांच करना और यह सुनिश्चित करना अहम है कि यह नीचे दी गई चेकलिस्ट आपने देखी हो- 1- यह सुनिश्चित करें कि आपके डीमैट अकाउंट में कोई डेबिट बचा नहीं है, अगर है, तो प्रोसेस शुरू करने से पहले इसे वापस ले लिया जाना चाहिए या ट्रांसफर किया जाना चाहिए। 2- किसी भी एक्टिव एसआईपी, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड इन्वेस्टमेंट को संबंधित डीमैट अकाउंट से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अगर हैं, तो ऐसे में ट्रांसफर और क्लोजर करना पड़ेगा, डायरेक्ट क्लोज नहीं किया जा सकता। 3- सुनिश्चित करें कि बची हुई राशि जीरो है। नेगेटिव बैलेंस, या तो निपटान के कारण, या ब्रोकर द्वारा लगाई गई फीस के कारण, अकाउंट बंद करने से पहले तय किया जाना चाहिए। 4- स्टॉक होल्डिंग्स, ऑप्शन्स या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स सहित कोई भी पोजिशन डीमैट अकाउंट बंद करते समय खुली नहीं होनी चाहिए। अगर आप इसे बनाए रखना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट बंद करने से पहले आपको इसे ट्रांसफर करना होगा। 5- किसी भी डेड आईएसआईएन को डीमैटरियलाइज करना सुनिश्चित करें, जो किसी कंपनी के शेयरों की इंटरनेशनल सिक्योरिटीज़ आइडेंटीफिकेशन नंबर्स हैं, जिनका अब कारोबार नहीं होता है। अगर आपके डीमैट अकाउंट में ऐसे कोई शेयर शामिल हैं, तो इसकी जानकारी तुरंत संबंधित डिपॉजिटरी पार्टनर को दी जानी चाहिए ताकि बंद होने से पहले उन्हें डीमैटरियलाइज किया जा सके।
एक बार जब सब कुछ ऑर्डर में आ जाए, तो आप कुछ सिंपल स्टेप्स के साथ अपना डीमैट अकाउंट बंद करने का प्रोसेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको नीचे दिए गए निर्देशों को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए-
1- पहला कदम अपने डिपॉजिटरी पार्टनर की वेबसाइट, जो कि आपका ब्रोकर, बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन है, से क्लोजर फॉर्म डाउनलोड करना है। यह आमतौर पर पीडीएफ फॉर्मेट में होता है, जिसे आपको प्रिंट करना होगा और मांगी गई डिटेल्स भरनी होंगी।
2- यहां एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जो भी निर्देश लिखे हैं और छोटे-छोटे अक्षरों में जो कुछ लिखा है, आप उसको एकदम ध्यान से पढ़ें। यह इसलिए क्योंकि इस फॉर्म में अक्सर सभी आवश्यक चीजें शामिल होती हैं, इसमें लिखा होता है कि किस तरह से आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट क्लोज कर सकते हैं।
3- फॉर्म में जरूरी केवाईसी (Know Your Customer) डॉक्यूमेंट्स मेंशन्ड होते हैं, जो आपको इसके साथ अटैच करना होता है।
4- आपको अपने डीमैट अकाउंट, कस्टमर आईडी और ब्रोकरेज के संबंध में भी जानकारी देनी होगी। ब्रोकरेज अकाउंट के लिए कस्टमर आईडी और डिपॉजिटरी भागीदार के लिए आइडेंटीफिकेशन नंबर फॉर्म और अकाउंट में अन्य डिटेल्स से मेल खाना चाहिए। जमा किए गए केवाईसी डॉक्यूमेंट्स और उन पर दी गई जानकारी फॉर्म के माध्यम से नाम, पता, कॉन्टैक्ट इंफॉर्मेशन और संबंधित अकाउंट से जुड़ी जानकारी के समान होनी चाहिए। अकाउंट होल्डर से अकाउंट बंद करने का कारण भी पूछा जाएगा। इसके पीछे के तर्क को समझाने वाली कुछ लाइन काफी होनी होती हैं। 5- अगर अकाउंट को कई लोग इस्तेमाल करते हों या एक से ज्यादा मालिक हैं, तो सभी मालिकों को क्लोजर डॉक्यूमेंट्स पर साइन करने होंगे।
यह उनके संबंधित केवाईसी डॉक्यूमेंट्स पर भी लागू होता है, और इस मामले में, फॉर्म को अटैच करने, अटेस्ट करने और जमा करने के सही तरीके के बारे में अपने ब्रोकर से बात करना सबसे अच्छा है।
अगर आपके डीमैट अकाउंट मे कुछ होल्डिंग्स बची हैं या फिर कुछ पैसे बचे हैं, तो ऐसे में डीमैट अकाउंट बंद करने के कुछ स्टेप्स बढ़ जाते हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स आपको ऐसे में ध्यान रखने होंगे- 1- कस्टमर को अपनी होल्डिंग्स और बचे हुए पैसे को दूसरे डीमैट खाते में ट्रांसफर करने के लिए एक डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) भरना होगा।
2- टारगेट डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट की क्लाइंट मास्टर लिस्ट (सीएमएल) को ऑथोराइज्ड पर्सनल्स के लोगो, मोहर और साइन के साथ जमा किया जाना चाहिए।
3- क्लोजर प्रोसेस को शुरू करने के लिए सीएमएल, डीआईएस और जरूरी केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के साथ क्लोजर फॉर्म को डीपी के हेड ऑफिस में जमा किया जा सकता है।
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