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How To Analyse Stocks: ज्यादा मुनाफे के लिए कैसे करें बेहतर स्टॉक्स का चयन? ये 10 फैक्टर्स आएंगे काम

Upstox

5 min read | अपडेटेड May 29, 2025, 12:20 IST

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सारांश

Stock Market: किसी शेयर के लिए जितना जरूरी फंडामेंटल एनालिसिस है, उतना ही जरूरी टेक्निकल एनालिसिस भी है। इसमें कंपनी के बिजनेस या फाइनेंशियल के बजाय शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग वॉल्यूम को देखा जाता है। इसके तहत जिन जरूरी फैक्टर्स को चेक करना जरूरी है, उनमें चार्ट्स और इंडिकेटर्स जैसे RSI शामिल हैं।

Stock Market: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के बिजनेस से लेकर फाइनेंशियल जैसे फैक्टर्स का विश्लेषण किया जाता है।

Stock Market: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के बिजनेस से लेकर फाइनेंशियल जैसे फैक्टर्स का विश्लेषण किया जाता है।

Stock Analysis: शेयर बाजार के निवेशकों को हमेशा ऐसे शेयर्स की तलाश होती है, जिनमें मुनाफा कमाया जा सके। हालांकि, स्टॉक सेलेक्शन के समय कई जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एक छोटी गलती के चलते आपको अपनी मेहनत की कमाई को खोना पड़ सकता है। आज के समय में इंटरनेट पर किसी भी कंपनी के बारे में तमाम जानकारियां आसानी से उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल करके आप निवेश के लिए सही स्टॉक्स का चुनाव कर सकते हैं।

यहां बताया गया है कि किसी भी शेयर का एनालिसिस करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। स्टॉक एनालिसिस मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। पहला है- फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा है- टेक्निकल एनालिसिस।

फंडामेंटल एनालिसिस

फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के बिजनेस से लेकर फाइनेंशियल जैसे फैक्टर्स का विश्लेषण किया जाता है। इसके तहत कंपनी के मैनेजमेंट और पिछले प्रदर्शन को समझने की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही कंपनी की उसके जैसे दूसरे कंपनियों से भी तुलना की जाती है।

यह एक तरीका है जिससे हम किसी कंपनी की असली वैल्यू और भविष्य की ग्रोथ को समझते हैं। इसमें कंपनी के बिजनेस, मुनाफा, बैलेंस शीट, और जरूरी फाइनेंशियल आंकड़े (जैसे EPS, ROE, P/E ratio) देखे जाते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस

किसी शेयर के लिए जितना जरूरी फंडामेंटल एनालिसिस है, उतना ही जरूरी टेक्निकल एनालिसिस भी है। इसमें कंपनी के बिजनेस या फाइनेंशियल के बजाय शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग वॉल्यूम को देखा जाता है। इसके तहत जिन जरूरी फैक्टर्स को चेक करना जरूरी है, उनमें चार्ट्स और इंडिकेटर्स जैसे RSI शामिल हैं। आमतौर पर ट्रेडर्स शॉर्ट टर्म में मुनाफा कमाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।

निवेश से पहले इन फैक्टर्स के आधार पर करें एनालिसिस

1. इंडस्ट्री को समझना जरूरी

कंपनी किस इंडस्ट्री में काम करती है और उसकी भविष्य में क्या संभावनाएं हैं, यह समझना जरूरी है। एक इंडस्ट्री में कई कंपनियां शामिल होती हैं, जो एक जैसे प्रोडक्ट्स या सेवाएं देती हैं। उन कंपनियों के बीच आपकी चुनी हुई कंपनी की क्या स्थिति है, यह जानना जरूरी है। यह भी समझें कि उस सेक्टर में कितना कंपटीशन है और कंपनी उसके लिए तैयार है या नहीं।

2. कंपनी का बिजनेस मॉडल

यह जानना ज़रूरी है कि कंपनी असल में करती क्या है। कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है? वह किस तरीके से कमाई करती है, कितने प्रोडक्ट्स और सेवाएं देती है और उसका मुख्य फोकस क्या है – यह सब जानकारी कंपनी की वेबसाइट और उसकी सालाना रिपोर्ट्स से मिल सकती है।

3. कंपनी का फाइनेंशियल स्टेटमेंट

कंपनी की आर्थिक स्थिति को समझने के लिए उसके पिछले 5 सालों के वित्तीय दस्तावेजों को पढ़ना जरूरी होता है। प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट से कंपनी की कमाई और मुनाफे का ट्रेंड पता चलता है। बैलेंस शीट से यह समझ आता है कि कंपनी के पास कितनी संपत्ति और कितनी देनदारियां हैं। वहीं कैश फ्लो स्टेटमेंट यह बताता है कि कंपनी के पास कैश आ रहा है या खर्च ज़्यादा हो रहा है।

4. कंपनी पर ज्यादा कर्ज तो नहीं?

कंपनी पर कितना कर्ज है, यह भी एक अहम फैक्टर है। अगर कर्ज सीमित है और कंपनी उसे अच्छे से मैनेज कर पा रही है, तो वो बुरा नहीं माना जाता। लेकिन अगर कर्ज बहुत ज्यादा है और उससे कंपनी की कमाई पर असर पड़ रहा है, तो यह निवेशकों के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।

5. मैनेजमेंट को समझें

किसी भी कंपनी का अच्छा होना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी उसको चलाने वाले लोगों का अच्छा होना भी है। आपको यह देखना चाहिए कि मैनेजमेंट कितना अनुभवी है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है, और उनके फैसलों से कंपनी को कितना फायदा या नुकसान हुआ है।

6. भविष्य की संभावनाएं और पियर्स से तुलना

अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि उसके प्रोडक्ट्स और सेवाएं आने वाले 10–20 सालों तक उपयोग में आने वाली हों। जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उसकी तुलना उसके जैसी दूसरी कंपनियों से करना जरूरी है। इससे आपको पता चलता है कि वह कंपनी अपने सेक्टर में कहां खड़ी है।

7. स्टॉक का वैल्यूएशन

यह समझना जरूरी है कि शेयर अपनी सही कीमत पर मिल रहा है या ज्यादा महंगा है? यह जानने के लिए आप P/E रेशियो, ROE और Debt-to-Equity जैसे फाइनेंशियल रेशियो की मदद ले सकते हैं।

8. रिस्क को समझें

स्टॉक मार्केट में जोखिम होता ही है, इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि जिस शेयर में आप पैसा लगाने जा रहे हैं, उसमें कितना रिस्क है। क्या वह छोटी कंपनी है? क्या वो किसी सरकारी नीति के बदलने से प्रभावित हो सकती है? ये सब बातें आपके निवेश को प्रभावित कर सकती हैं।

9. शेयरहोल्डिंग्स देखें

किसी कंपनी में कौन-कौन निवेश कर रहा है, यह भी ध्यान देने वाली बात है। अगर प्रमोटर की हिस्सेदारी कम हो रही है, तो वह चिंता की बात हो सकती है। वहीं, अगर म्यूचुअल फंड्स या बड़े निवेशक किसी कंपनी में लगातार निवेश कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि कंपनी में ग्रोथ की उम्मीद है।

10. हालिया खबरों पर रखें नजर

कंपनी से जुड़ी हालिया खबरों पर नजर जरूर रखें। खबरों का असर भी किसी भी शेयर पर देखा जाता है। जियो पॉलिटिकल टेंशन, देश-विदेश से जुड़े जरूरी आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर रखना जरूरी है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।