मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 09:43 IST
सारांश
HDFC Bank: शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जगदीशन ने एक मौजूदा ट्रस्टी के पिता को परेशान करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये लिए। हालांकि, एचडीएफसी बैंक ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह लोन रिकवरी के चल रहे प्रयासों को पटरी से उतारने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
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HDFC Bank ने लीलावती ट्रस्ट के सभी आरोपों का खंडन किया है।
प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC Bank के MD और CEO शशिधर जगदीशन (Sashidhar Jagdishan) पर वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप लगे हैं। यह शिकायत मेहता फैमिली द्वारा लीलावती कीर्तिलाल मेडिकल ट्रस्ट के माध्यम से दर्ज कराई गई है। हालांकि, HDFC Bank ने लीलावती ट्रस्ट के इन आरोपों का खंडन किया है। इन खबरों के बीच आज बैंक के शेयरों में 0.04 फीसदी की मामूली बढ़त है और यह 1979.40 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है।
मुंबई में लीलावती अस्पताल की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के बोर्ड, RBI, SEBI और वित्त मंत्रालय से जगदीशन को तत्काल प्रभाव से सभी कार्यकारी और बोर्ड भूमिकाओं से निलंबित करने की अपील की है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जगदीशन ने एक मौजूदा ट्रस्टी के पिता को परेशान करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये लिए। हालांकि, एचडीएफसी बैंक ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह लोन रिकवरी के चल रहे प्रयासों को पटरी से उतारने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
HDFC Bank के प्रवक्ता ने कहा कि लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMM Trust), उसके ट्रस्टियों और अधिकारियों द्वारा बैंक के MD और CEO के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "अपमानजनक और बेतुके आरोपों का हम पूरी तरह और स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं।"
एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 मई 2025 के एक अदालती आदेश पर FIR दर्ज हुई है, जिसमें पुलिस को कथित वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जगदीशन को LKMM Trust के एक पूर्व सदस्य से 2.05 करोड़ रुपये मिले थे।
यह पैसे कथित तौर पर मौजूदा ट्रस्टियों में से एक के पिता को परेशान करने के लिए लिया गया। दावा है कि इस लेन-देन को एक हाथ से लिखी डायरी में दर्ज किया गया है, जिसे अब ट्रस्ट के मौजूदा सदस्यों ने सबूत के रूप में प्रस्तुत किया है।
ट्रस्ट ने अदालत में यह भी दावा किया कि इस मामले में अधिकांश अन्य सबूत नष्ट किए गए हो सकते हैं। अदालत ने पाया कि शिकायत दर्ज करने की शर्तें पूरी थीं और पुलिस को जांच के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया।
एचडीएफसी बैंक ने रविवार को कहा, "एचडीएफसी बैंक स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोपों को खारिज करता है और उनकी कड़ी निंदा करता है। ये आरोप पूरी तरह से झूठे, अपमानजनक हैं और कानूनी प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग करते हैं।"
बैंक ने स्पष्ट किया कि शिकायत मेहता फैमिली के स्वामित्व वाली फर्म स्प्लेंडर जेम्स लिमिटेड (जिसे पहले ब्यूटीफुल डायमंड्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) से जुड़े एक पुराने लोन रिकवरी केस से जुड़ी है।
एचडीएफसी बैंक ने खुलासा किया कि 31 मई 2025 तक कंपनी पर ब्याज सहित 65.22 करोड़ रुपये बकाया थे। इसके लिए डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) द्वारा 2004 में ही रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि मेहता फैमिली के सदस्यों ने बैंक और उसके अधिकारियों के खिलाफ कई कानूनी और आपराधिक शिकायतें दर्ज करके वसूली कार्यवाही का जवाब दिया है। बैंक ने कहा कि इन शिकायतों को या तो खारिज कर दिया गया है या उचित फोरम पर चुनौती दी जा रही है।
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