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  1. भारतीय बाजार में लौटी 'विदेशी' बहार! 3 महीने की बिकवाली के बाद FPIs का यूटर्न, झोंक दिए ₹6,480 करोड़

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भारतीय बाजार में लौटी 'विदेशी' बहार! 3 महीने की बिकवाली के बाद FPIs का यूटर्न, झोंक दिए ₹6,480 करोड़

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 19, 2025, 15:00 IST

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सारांश

लगातार तीन महीने की बिकवाली का दौर खत्म हो गया है। विदेशी निवेशकों (FPIs) का भरोसा भारतीय बाजार पर लौटा है। अक्टूबर में अब तक FPIs ने इक्विटी में ₹6,480 करोड़ डाले हैं। यह ट्रेंड बाजार के सेंटिमेंट के लिए पॉजिटिव संकेत है, जो मंदी के डर को कम कर रहा है।

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अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की वापसी से रौनक लौटी है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए अक्टूबर का महीना अब तक शानदार साबित हो रहा है। लगातार तीन महीनों तक भारी बिकवाली करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) एक बार फिर खरीदार बनकर लौटे हैं। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस महीने (17 अक्टूबर तक) भारतीय इक्विटी बाजार में ₹6,480 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। यह बदलाव बाजार के सेंटिमेंट के लिए एक बड़ा पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है।

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तीन महीनों की लगातार बिकवाली का दौर थमा

आपको बता दें कि अक्टूबर से पहले के तीन महीने भारतीय बाजार के लिए काफी मुश्किल भरे थे। FPIs ने इन तीन महीनों में जमकर बिकवाली की थी और भारतीय बाजार से पैसा निकाला था। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने सितंबर में ₹23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में ₹34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में ₹17,700 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। इस भारी बिकवाली के पीछे कई बड़े कारण थे, जिनमें अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड यील्ड, मजबूत होता डॉलर और वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता प्रमुख थे। लेकिन अक्टूबर में यह ट्रेंड पूरी तरह पलट गया है।

क्यों बदला विदेशी निवेशकों का मन?

बाजार के जानकारों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की इस वापसी के पीछे कई ठोस वजहें हैं। सबसे बड़ा कारण भारत की मजबूत मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल्स (स्थिर आर्थिक बुनियाद) है। जियोजित इंवेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार, इस बदलाव की मुख्य वजह भारत और अन्य बाजारों के बीच वैल्यूएशन का अंतर कम होना है। पिछले कुछ महीनों की बिकवाली के बाद, भारतीय शेयरों का वैल्यूएशन अब विदेशी निवेशकों को काफी आकर्षक (सस्ता) लग रहा है। इसके अलावा, कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे भी उम्मीद से बेहतर आ रहे हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

सिर्फ शेयर ही नहीं, बॉन्ड बाजार में भी आया पैसा

विदेशी निवेशकों का भरोसा सिर्फ भारतीय शेयरों पर ही नहीं, बल्कि डेट मार्केट (बॉन्ड बाजार) पर भी बढ़ा है। अक्टूबर में अब तक FPIs ने डेट मार्केट में भी अच्छा-खासा पैसा लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, उन्होंने सामान्य लिमिट के तहत ₹5,332 करोड़ रुपये और वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) के जरिए ₹214 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह दिखाता है कि निवेशक भारत की आर्थिक स्थिरता को लेकर आश्वस्त हैं। कुल मिलाकर, अक्टूबर में अब तक इक्विटी और डेट दोनों को मिलाकर ₹12,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश आ चुका है।

आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल?

हालांकि यह शुरुआत काफी सकारात्मक है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि FPIs का यह रुख आगे भी जारी रहेगा या नहीं, यह कई बातों पर निर्भर करेगा। आने वाले हफ्तों में वैश्विक व्यापार के आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजों का बाकी हिस्सा बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। अगर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में नरमी आती है और कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो यह विदेशी निवेश का यह प्रवाह और भी मजबूत हो सकता है। फिलहाल, FPIs की इस वापसी ने बाजार को एक जरूरी सहारा दिया है और निवेशकों का मनोबल बढ़ाया है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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