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  1. Equity से निकले विदेशी निवेशक Debt Market पर क्यों हुए फिदा, समझिए सरकारी बॉन्ड्स की एक उपलब्धि कैसे बनी कारण?

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Equity से निकले विदेशी निवेशक Debt Market पर क्यों हुए फिदा, समझिए सरकारी बॉन्ड्स की एक उपलब्धि कैसे बनी कारण?

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 29, 2025, 14:33 IST

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सारांश

साल 2025 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 1.58 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं, लेकिन इसके उलट डेट मार्केट में 59,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारतीय सरकारी बॉन्ड्स का ग्लोबल इंडेक्स में शामिल होना इसका सबसे बड़ा कारण बना है।

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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 2025 में भारतीय शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली की है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2025 उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। जहां एक तरफ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी मार्केट से अपने हाथ खींचे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने भारतीय कर्ज बाजार यानी डेट मार्केट में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई है। आंकड़ों के अनुसार, इस साल 26 दिसंबर तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से रिकॉर्ड 1.58 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इसी दौरान उन्होंने डेट मार्केट में करीब 59,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। चलिए इसके पीछे का कारण समझते हैं।

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सरकारी बॉन्ड्स की बड़ी उपलब्धि?

विदेशी निवेशकों के डेट मार्केट में आने की सबसे बड़ी वजह भारतीय सरकारी बॉन्ड्स का जेपी मॉर्गन जैसे बड़े ग्लोबल इंडेक्स में शामिल होना है। इस ऐतिहासिक कदम के बाद दुनिया भर के पैसिव फंड्स के लिए भारतीय बाजार में निवेश करना आसान हो गया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बॉन्ड्स की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ने और यहां मिलने वाले बेहतर ब्याज दरों ने विदेशी फंड्स को आकर्षित किया है। इसके अलावा, जब शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है, तब निवेशक सुरक्षित रिटर्न के लिए डेट मार्केट का रुख करते हैं।

कितना बड़ा है भारत का डेट मार्केट?

भारत का डेट मार्केट बहुत विशाल है और लगातार बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों और नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार ही वित्त वर्ष 2025 तक करीब 53.6 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। अगर इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बॉन्ड्स को भी जोड़ दिया जाए, तो पूरे भारतीय बॉन्ड बाजार की वैल्यू 226 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा आंकी गई है। सरकार की उधारी और विकास कार्यों के लिए फंड जुटाने की जरूरतों के कारण यह बाजार निवेशकों को स्थिरता और सुरक्षा का भरोसा देता है।

रिटेल निवेशकों के लिए निवेश के तरीके?

आज के समय में आम यानी रिटेल निवेशकों के लिए भी डेट मार्केट के दरवाजे पूरी तरह खुल चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसके लिए 'आरबीआई रिटेल डायरेक्ट' नाम का एक खास पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी व्यक्ति सीधे सरकारी बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में पैसा लगा सकता है। इसके अलावा, निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के माध्यम से भी लिस्टेड बॉन्ड्स खरीद सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो बैंक एफडी से थोड़ा ज्यादा रिटर्न और पूरी सुरक्षा चाहते हैं।

SIP के जरिए भी लगाया जा सकता है पैसा?

अगर आप सीधे बॉन्ड नहीं खरीदना चाहते, तो डेट म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी इस बाजार में पैसा लगाया जा सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के अनुसार, नवंबर 2025 तक डेट फंड्स का कुल एसेट बेस बढ़कर 19.35 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। निवेश की शुरुआत की बात करें तो आरबीआई रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर सरकारी बॉन्ड्स में कम से कम 10,000 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। वहीं, कुछ सरकारी फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स में केवल 1,000 रुपये से भी शुरुआत की जा सकती है। म्यूचुअल फंड्स के जरिए तो निवेशक सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की मदद से महज 500 रुपये से भी निवेश की राह चुन सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
SIP
टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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