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Euro Pratik Sales IPO: सब्सक्रिप्शन के लिहाज से बेहद खराब दिख रहा इस आईपीओ का परफॉर्मेंस, आज मिलेगा निवेश का आखिरी मौका

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड September 18, 2025, 10:08 IST

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सारांश

Euro Pratik Sales IPO का आकार ₹451.31 करोड़ है और यह पूरी तरह से OFS है। सब्सक्रिप्शन के लिहाज से इश्यू बेहद कमजोर दिख रहा है, दूसरे दिन तक सिर्फ 0.75 गुना बोली लगी। आज यानी 18 सितंबर को निवेश का आखिरी मौका है। लिस्टिंग 23 सितंबर को होगी।

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Euro Pratik Sales IPO के बारे में यहां जानिए सबकुछ

Euro Pratik Sales IPO निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। ₹451.31 करोड़ के इस इश्यू को सब्सक्रिप्शन के लिहाज से बेहद कमजोर रिस्पॉन्स मिला है। आज यानी 18 सितंबर निवेश का आखिरी दिन है और अब तक रिटेल और QIB दोनों से ठंडी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। Euro Pratik Sales IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है और कंपनी को इससे नई पूंजी नहीं मिलेगी।

इस इश्यू के जरिए 1.83 करोड़ शेयर बेचे जा रहे हैं। IPO की प्राइस बैंड ₹235 से ₹247 प्रति शेयर तय है। रिटेल निवेशक न्यूनतम एक लॉट (60 शेयर) यानी ₹14,820 के निवेश से अप्लाई कर सकते हैं। sNII श्रेणी के लिए न्यूनतम 14 लॉट यानी ₹2,07,480 और bNII के लिए 68 लॉट यानी ₹10,07,760 की शर्त रखी गई है।

कितना गुना हुआ है सब्सक्राइब?

सब्सक्रिप्शन की बात करें तो 17 सितंबर (दूसरे दिन) शाम 5 बजे तक कुल 0.75 गुना बोली लगी। इसमें रिटेल श्रेणी 0.76 गुना, QIB श्रेणी 0.28 गुना और NII श्रेणी 1.30 गुना सब्सक्राइब हुई। कमजोर QIB रिस्पॉन्स के चलते इश्यू पर संदेह बढ़ गया है। IPO का अलॉटमेंट 19 सितंबर को और लिस्टिंग NSE और BSE पर 23 सितंबर को प्रस्तावित है।

कंपनी की बात करें तो Euro Pratik Sales Limited की स्थापना 2010 में हुई थी। यह सजावटी वॉल पैनल और डेकोरेटिव लैमिनेट्स की मार्केटिंग और सेल्स करती है। कंपनी का दावा है कि वह Louvres, Chisel और Auris जैसे डिज़ाइन इनोवेशन में अग्रणी रही है। मार्च 2025 तक कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो 30 से ज्यादा कैटेगरी और 3,000 डिज़ाइनों तक फैल चुका है। इसके 116 भारतीय शहरों में 180 डिस्ट्रीब्यूटर्स का नेटवर्क है और कंपनी छह देशों (जैसे सिंगापुर, यूएई और ऑस्ट्रेलिया) में निर्यात भी करती है।

कमाई के मोर्चे पर कितनी मजबूत है कंपनी?

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी मजबूत रहा है। वित्त वर्ष 2025 में इसका राजस्व 27% बढ़कर ₹291.52 करोड़ और मुनाफा 22% बढ़कर ₹76.44 करोड़ रहा। EBITDA ₹110.10 करोड़ तक पहुंचा जबकि नेटवर्थ ₹234.49 करोड़ दर्ज हुई। कर्ज भी बहुत कम है (₹2.68 करोड़)।

हालांकि, निवेशकों की झिझक की बड़ी वजह यह है कि IPO पूरी तरह से OFS है और जुटाई गई रकम कंपनी को नहीं बल्कि बेचने वाले शेयरधारकों को जाएगी। इसके अलावा, प्राइस बैंड और सब्सक्रिप्शन के बीच अंतर भी निवेशकों के भरोसे को प्रभावित कर रहा है। अब देखना होगा कि आखिरी दिन Euro Pratik Sales IPO कितना सब्सक्रिप्शन जुटा पाता है। अगर QIB और रिटेल निवेशकों का रुझान नहीं बढ़ा तो इश्यू को पूरा सब्सक्राइब कराने में कंपनी को मुश्किलें आ सकती हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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