मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड October 21, 2025, 10:28 IST
सारांश
दिवाली पर शुभ निवेश करना है, लेकिन शेयर बाजार का रिस्क नहीं लेना? आप अपना पैसा शॉर्ट-टर्म डेट फंड में 'पार्क' कर सकते हैं। यह एफडी से बेहतर है क्योंकि इसमें कोई मैच्योरिटी या एग्जिट लोड नहीं होता, आप पैसा कभी भी निकाल सकते हैं।
इस दिवाली, रिस्क को कहें 'ना' और सुरक्षित निवेश को कहें 'हां'।
दिवाली का दिन है और मुहूर्त ट्रेडिंग का समय बस शुरू ही होने वाला है। आपके दोस्त और रिश्तेदार स्टॉक्स खरीदने की तैयारी में हैं, लेकिन अगर आपका मन शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में पैसा लगाने का बिलकुल नहीं है। आप रिस्क नहीं लेना चाहते, लेकिन आप इस शुभ मौके पर हाथ पर हाथ धरे बैठना भी नहीं चाहते। आप 'शगुन' या 'शुभ' के तौर पर अपना पैसा कहीं न कहीं निवेश जरूर करना चाहते हैं। तो क्या करें? इसका एक शानदार सीक्रेट तरीका है, जिसे अक्सर 'बड़े लोग' यानी स्मार्ट निवेशक इस्तेमाल करते हैं। वे अपना पैसा 'पार्क' करते हैं, वह भी ऐसी जगह, जो एफडी (FD) से भी बेहतर है।
यह सीक्रेट है 'शॉर्ट-टर्म डेट फंड्स' (Short-Term Debt Funds) या जिन्हें हम और भी कम अवधि के लिए 'लिक्विड फंड्स' (Liquid Funds) कहते हैं। ये ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो आपका पैसा शेयर बाजार (इक्विटी) में बिलकुल नहीं लगाते। इसके बजाय, वे बहुत कम समय के लिए बेहद सुरक्षित जगहों पर पैसा उधार देते हैं, जैसे कि सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल, या बहुत अच्छी रेटिंग वाली कंपनियों को। इनका मकसद आपको शानदार रिटर्न देना नहीं, बल्कि आपके पैसे को सुरक्षित रखना और उस पर सेविंग अकाउंट या एफडी से थोड़ा बेहतर, स्थिर रिटर्न देना होता है।
अक्सर लोग शगुन के लिए छोटी सी एफडी करा लेते हैं, लेकिन एफडी की एक बड़ी समस्या है 'लॉक-इन'। अगर आपने 1 साल की एफडी कराई और आपको 6 महीने में पैसे की जरूरत पड़ गई, तो बैंक आप पर 'प्री-मैच्योर विड्रॉल' यानी समय से पहले तोड़ने की पेनल्टी लगाता है।
लेकिन, शॉर्ट-टर्म डेट फंड या लिक्विड फंड के साथ ऐसा नहीं है। इनकी सबसे बड़ी खूबी है 'लिक्विडिटी' यानी आप जब चाहें, अपना पैसा निकाल सकते हैं। ज्यादातर बेहतरीन लिक्विड फंड्स में कोई 'एग्जिट लोड' (Exit Load) नहीं होता (या कुछ में सिर्फ 7 दिन का होता है)। इसका मतलब है कि आपने मुहूर्त ट्रेडिंग पर पैसा लगाया और अगर 10 दिन बाद भी आपको उस पैसे की जरूरत है, तो आप उसे बिना किसी पेनल्टी या चार्ज के निकाल सकते हैं। इसमें एफडी की तरह कोई फिक्स मैच्योरिटी डेट नहीं होती।
स्मार्ट निवेशक या बड़ी-बड़ी कंपनियां कभी भी अपना बड़ा पैसा सेविंग अकाउंट में फालतू नहीं पड़ा रहने देते, क्योंकि वहां रिटर्न लगभग 'न' के बराबर मिलता है। जब उन्हें कुछ दिनों या हफ्तों के लिए अपना पैसा कहीं सुरक्षित रखना होता है, तो वे उसे इन्हीं लिक्विड या शॉर्ट-टर्म डेट फंड्स में 'पार्क' कर देते हैं। इस तरह उनका पैसा सुरक्षित भी रहता है, उन्हें सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज भी मिलता है और जब चाहें, वे उसे निकाल भी सकते हैं।
अगर आप मुहूर्त ट्रेडिंग पर शेयर बाजार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते, तो आप अपने शगुन की रकम (चाहे वह 5,000 हो या 5 लाख) को किसी अच्छे 'लिक्विड फंड' या 'शॉर्ट-टर्म डेट फंड' में निवेश कर दें। इससे दो फायदे होंगे। पहला, आपका दिवाली पर 'शुभ निवेश' का शगुन पूरा हो जाएगा। दूसरा, आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और उस पर सेविंग अकाउंट से ज्यादा रिटर्न भी बनता रहेगा। और सबसे बड़ी बात, जब भी आपको उस पैसे की जरूरत हो, आप उसे बिना किसी झंझट या पेनल्टी के निकाल पाएंगे।
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