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  1. कच्चा तेल 5% महंगा, आज इन 4 शेयरों पर रहेगी सबकी नजर, आपके पोर्टफोलियो में तो नहीं है ये स्टॉक्स?

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कच्चा तेल 5% महंगा, आज इन 4 शेयरों पर रहेगी सबकी नजर, आपके पोर्टफोलियो में तो नहीं है ये स्टॉक्स?

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 24, 2025, 08:16 IST

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सारांश

कच्चे तेल की कीमतों में 5% की बड़ी उछाल आई है। इस तेजी से ONGC और ऑयल इंडिया जैसे तेल उत्पादक शेयरों को फायदा होने की उम्मीद है। वहीं, इंडियन ऑयल और BPCL जैसी तेल बेचने वाली कंपनियों (OMCs) की टेंशन बढ़ गई है।

Oil stocks, Oct 24

कच्चे तेल की कीमतों में आए 5% के उछाल से तेल और गैस शेयरों में आज भारी हलचल देखने को मिल सकती है।

शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत में निवेशकों की नजरें तेल और गैस सेक्टर के शेयरों पर टिकी रहेंगी। इसकी वजह है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आया 5% का बड़ा उछाल। गुरुवार रात को ब्रेंट क्रूड और WTI क्रूड, दोनों के ही भाव आसमान छू गए। कच्चे तेल की यह महंगाई कुछ भारतीय कंपनियों के लिए 'खुशखबरी' लाई है, तो कई कंपनियों के लिए 'टेंशन' बढ़ा दी है। आज हम इसी का विश्लेषण करेंगे कि इस 5% की तेजी का ONGC, ऑयल इंडिया, BPCL और इंडियन ऑयल पर क्या असर पड़ेगा।

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क्यों महंगा हुआ कच्चा तेल?

कच्चे तेल की कीमतों में इस 5% की आग लगने के पीछे अंतरराष्ट्रीय कारण जिम्मेदार हैं। अक्सर जब मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) में तनाव बढ़ता है या तेल उत्पादक देशों का समूह OPEC+ उत्पादन में कटौती का फैसला करता है, तो सप्लाई कम होने की आशंका बढ़ जाती है। सप्लाई की इसी चिंता के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं। इस बार भी, जियोपॉलिटिकल टेंशन और सप्लाई में बाधा की खबरों ने क्रूड ऑयल के दाम बढ़ा दिए हैं। जब क्रूड ऑयल महंगा होता है, तो इसका सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ता है, जो अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा तेल आयात करते हैं।

ONGC और ऑयल इंडिया को 'बल्ले-बल्ले'

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें उन कंपनियों के लिए फायदेमंद होती हैं, जो तेल जमीन से निकालकर बेचती हैं। इन्हें 'अपस्ट्रीम' कंपनियां कहा जाता है। भारत में ONGC और ऑयल इंडिया (Oil India) दो सबसे बड़ी सरकारी अपस्ट्रीम कंपनियां हैं। जब क्रूड ऑयल का भाव बढ़ता है, तो इन कंपनियों को अपने तेल की ज्यादा कीमत मिलती है। इससे उनका रेवेन्यू (कमाई) और मुनाफा (प्रॉफिट) दोनों बढ़ता है। इसलिए, आज निवेशकों की नजर ONGC और ऑयल इंडिया के शेयरों पर रहेगी, क्योंकि 5% की यह तेजी सीधे तौर पर इनकी बैलेंस शीट को मजबूत करेगी।

BPCL, HPCL और इंडियन ऑयल की बढ़ी टेंशन

मामला 'डाउनस्ट्रीम' कंपनियों के लिए बिल्कुल उलटा है। डाउनस्ट्रीम यानी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs), जैसे BPCL, HPCL और इंडियन ऑयल (IOC)। इन कंपनियों का काम कच्चे तेल को खरीदना, उसे रिफाइनरी में साफ करके पेट्रोल, डीजल और ATF (जेट फ्यूल) बनाना और फिर उसे बेचना है। जब कच्चा तेल 5% महंगा हो जाता है, तो इनकी लागत (रॉ मटेरियल कॉस्ट) बढ़ जाती है। अगर ये कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ा पाती हैं, तो इनका 'मार्केटिंग मार्जिन' (मुनाफा) कम हो जाता है। भारत में अक्सर सरकारी दबाव या चुनावों के कारण ये कंपनियां तुरंत दाम नहीं बढ़ा पाती हैं, जिससे इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

पेंट और एविएशन सेक्टर पर भी पड़ेगा असर कच्चे तेल का असर

सिर्फ तेल कंपनियों तक सीमित नहीं रहता। पेंट बनाने वाली कंपनियों (जैसे एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स) के लिए क्रूड ऑयल के डेरिवेटिव्स कच्चे माल का काम करते हैं। तेल महंगा होने से इनकी लागत भी बढ़ती है। इसके अलावा, एयरलाइन कंपनियों (जैसे इंडिगो, एयर इंडिया) के लिए ATF यानी जेट फ्यूल सबसे बड़ा खर्च होता है। कच्चा तेल महंगा होने से ATF भी महंगा होता है, जिससे एयरलाइन कंपनियों का मुनाफा घट सकता है। इसलिए, आज बाजार में इन सेक्टर पर भी दबाव देखने को मिल सकता है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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