मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड October 07, 2025, 15:48 IST
सारांश
AMFI द्वारा जारी ताजा डेटा से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड निवेश में महाराष्ट्र सबसे बड़ा गढ़ है। Equity, Debt, Liquid और ETFs/ FoFs चारों कैटेगरी में महाराष्ट्र नंबर-1 बना हुआ है। चलिए पूरी रिपोर्ट पढ़ लेते हैं।
म्यूचुअल फंड निवेश में महाराष्ट्र सबसे बड़ा गढ़ है।
देश के हर हर कोने से शेयर बाजार के साथ म्यूचुअल फंड में भी तेजी से निवेश बढ़ रहा है। यही वजह है कि हर महीने म्यूचुअल फंड का AUM बढ़ता जा रहा है। इस बीच एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने अगस्त 2025 तक का म्यूचुअल फंड निवेश का आंकड़ा राज्यों के हिसाब से जारी किया है। जिससे पता चलता है कि महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा निवेश गढ़ बना हुआ है। चाहे लिक्विड/मनी मार्केट हो, डेट ओरिएंटेड स्कीम हो, इक्विटी ओरिएंटेड फंड हो या फिर ETFs/FoFs, हर कैटेगरी में महाराष्ट्र का दबदबा है।
लिक्विड या मनी मार्केट स्कीमों में महाराष्ट्र का निवेश ₹5,65,671 करोड़ तक पहुंच गया, जो बाकी सभी राज्यों से कई गुना ज्यादा है। दिल्ली यहां दूसरे नंबर पर है, लेकिन उसका निवेश ₹1,05,444 करोड़ ही रहा। गुजरात ₹65,640 करोड़, कर्नाटक ₹62,967 करोड़ और तमिलनाडु ₹51,985 करोड़ के साथ टॉप-5 में हैं, लेकिन महाराष्ट्र की बराबरी दूर-दूर तक नहीं कर पा रहे।
डेट ओरिएंटेड स्कीमों की बात करें तो महाराष्ट्र फिर से नंबर-1 पर है। यहां का निवेश ₹4,55,799 करोड़ रहा। दिल्ली ₹1,49,212 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक ₹85,879 करोड़, गुजरात ₹83,936 करोड़ और तमिलनाडु ₹62,898 करोड़ के साथ सूची में शामिल हैं। ये आंकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली के निवेशक सुरक्षित और निश्चित रिटर्न देने वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स को तरजीह दे रहे हैं।
दिल्ली निवेशकों की सबसे बड़ी कमजोरी Equity Oriented फंड्स में दिखाई दी। यहां महाराष्ट्र ₹13,25,895 करोड़ के साथ सबसे आगे है, लेकिन गुजरात ₹3,82,299 करोड़ और कर्नाटक ₹3,63,548 करोड़ के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। दिल्ली इस कैटेगरी में केवल ₹3,49,371 करोड़ निवेश कर पाई और चौथे स्थान पर रही। उत्तर प्रदेश भी ₹2,95,705 करोड़ के साथ टॉप-5 में जगह बनाने में सफल रहा। यह साफ करता है कि दिल्लीवासी इक्विटी जोखिम से बच रहे हैं और अधिकतर अपना पैसा डेट और लिक्विड स्कीमों में लगाना पसंद कर रहे हैं।
ETFs और फंड ऑफ फंड्स की बात करें तो यहां भी महाराष्ट्र का वर्चस्व कायम है। राज्य ने ₹7,66,716 करोड़ का निवेश किया, जबकि दिल्ली महज ₹25,317 करोड़ पर सिमट गई। कर्नाटक ₹14,814 करोड़, तमिलनाडु ₹12,218 करोड़ और पश्चिम बंगाल ₹10,704 करोड़ के साथ टॉप-5 में हैं, लेकिन सभी का निवेश महाराष्ट्र से काफी कम है।
AMFI के इस डेटा से यह साफ है कि म्यूचुअल फंड निवेश में महाराष्ट्र पूरे देश से काफी आगे है। दिल्ली हालांकि लिक्विड और डेट स्कीमों में मजबूत उपस्थिति रखती है, लेकिन इक्विटी और ETFs में पिछड़ गई है। हालांकि ईटीएफ में वह दूसरे पोजिशन पर है। रही बात इक्विटी कैटेगरी में निवेश कम करने की तो इस रिपोर्ट को देखकर यह समझ में आता है कि दिल्ली वाले कैलकुलेटेड रिस्क के साथ रिटर्न हासिल करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इक्विटी कैटेगरी में एक लिमिटेड इंवेस्टमेंट करना उचित समझा है। वहीं गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्य इक्विटी निवेश में तेजी से बढ़ रहे हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि आने वाले समय में राज्यों की निवेश प्राथमिकताएं बदल सकती हैं और जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
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