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4 min read | अपडेटेड December 24, 2025, 16:37 IST
सारांश
पिछले एक सप्ताह में अडानी पावर के शेयर .70% यानी कि 1.02 रुपये गिरे हैं, वहीं एक महीने की बात करें तो इसमें 3.55% यानी कि 5.27 रुपये प्रति शेयर तक की गिरावट देखी गई है। पिछले एक साल में अडानी पावर के शेयरों ने 34.99% तक का रिटर्न दिया है, यानी कि प्रति शेयर 37.11 रुपये तक का प्रॉफिट इन्वेस्टरों को मिला है।
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अडानी पावर के शेयरों में आने वाले दिनों में दिख सकती है हलचल
अडानी पावर लिमिटेड ने फाइनेंशियल ईयर 2031-32 तक अपने दीर्घकालिक स्थापित उत्पादन क्षमता (इंस्टॉल्ड प्रोडक्शन कैपेसिटी) टारगेट को बढ़ाकर 41.87 गीगावाट कर दिया है। कंपनी इसमें लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कैपिटल खर्च करेगी। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने देश में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद करने के लिए एक आक्रामक विस्तार योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने FY 2029-30 तक 30.67 (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) गीगावाट का लक्ष्य रखा था। संशोधित लक्ष्य का मतलब है कि कंपनी ने अपना लक्ष्य काफी बढ़ा दिया है। अडानी पावर की उत्पादन क्षमता फिलहाल 18.15 गीगावाट है। इसका मतलब है कि 23.72 गीगावाट क्षमता की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। इसके बारे में कंपनी का कहना है कि परियोजनाओं के लिए जमीन पहले ही ली जा चुकी है, जबकि प्रमुख उपकरणों के ऑर्डर भी दिए जा चुके हैं। अडानी पावर लिमिटेड के शेयर की बात करें तो आज ये .79% गिरकर 143.16 रुपये पर क्लोज हुए। इस तरह से एक शेयर पर 1.14 रुपये की गिरावट देखने को मिली।
कंपनी ने देश में बिजली की बढ़ती मांग के दीर्घकालिक दौर में प्रवेश करने के साथ ही अपनी विकास योजनाओं को गति दी है। इसके तहत क्षमता का विस्तार किया है, बड़े बिजली आपूर्ति अनुबंध हासिल किए हैं और देश की ऊर्जा सुरक्षा में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय किया है। औद्योगिक विकास, शहरीकरण और उच्च खपत के कारण भारत की अधिकतम बिजली मांग में तेज वृद्धि होने का अनुमान है। रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में तेजी से विस्तार हो रहा है, वहीं तापीय बिजली आधारभूत आपूर्ति और ग्रिड संतुलन में सहायक बनी हुई है। भारत की अधिकतम बिजली मांग वर्तमान में लगभग 250 गीगावाट है। उद्योग के अनुमान के अनुसार, इसके 2031-32 तक बढ़कर 400 गीगावाट और 2047 तक 700 गीगावाट से अधिक हो जाने की संभावना है। सरकार ने 2035 तक 100 गीगावाट नई तापीय बिजली क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
अडानी पावर ने साल 2025 में विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लि. के नागपुर के पास स्थित 600 मेगावाट के बिजलीघर (300-300 मेगावाट की दो इकाइयां) का अधिग्रहण कर उत्पादन क्षमता को 17,550 मेगावाट से बढ़ाकर 18,150 मेगावाट कर दिया। कंपनी की इस साल घोषित प्रमुख परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश में लगभग दो अरब डॉलर के निवेश से 1,500 मेगावाट की परियोजना, बिहार में तीन अरब डॉलर के निवेश से 2,274 मेगावाट की परियोजना, मध्य प्रदेश में 21,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1,600 मेगावाट की अत्याधुनिक बिजली परियोजना और असम में 48,000 करोड़ रुपये के निवेश से 3,200 मेगावाट की नई बिजली परियोजना शामिल हैं।
कंपनी ने भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन के साथ 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना के लिए एक समझौते के माध्यम से जलविद्युत क्षेत्र में भी कदम रखा है। ईंधन सुरक्षा के संबंध में, सूत्रों ने बताया कि अदाणी पावर को मध्य प्रदेश के सिंगरौली में स्थित निजी उपयोग के लिए धीरौली कोयला खदान को चालू करने की मंजूरी मिल गई है। इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 65 लाख टन सालाना और भूवैज्ञानिक भंडार लगभग 55.8 करोड़ टन है।
पिछले एक सप्ताह में अडानी पावर के शेयर .70% यानी कि 1.02 रुपये गिरे हैं, वहीं एक महीने की बात करें तो इसमें 3.55% यानी कि 5.27 रुपये प्रति शेयर तक की गिरावट देखी गई है। पिछले एक साल में अडानी पावर के शेयरों ने 34.99% तक का रिटर्न दिया है, यानी कि प्रति शेयर 37.11 रुपये तक का प्रॉफिट इन्वेस्टरों को मिला है। पिछले पांच सालों की बात करें तो अडानी पावर के शेयरों ने 1,251% यानी कि 132.56 रुपये तक का रिटर्न दिया है।
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