मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड November 28, 2024, 12:31 IST
सारांश
Adani Group को शेयर बाजार में राहत मिलने लगी है। गुरुवार को ग्रुप की 11 में से 9 कंपनियों के शेयर्स उछाल के साथ ट्रेड कर रहे थे।
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर्स भी करीब 10% बढ़े
Adani Group की बाजार में लिस्टेड 11 कंपनियों में से नौ के शेयर्स में गुरुवार को सुबह के कारोबार में तेजी रही। BSE पर अडानी टोटल गैस का शेयर 18.58 %, अडानी पावर का 11.44 %, अडानी एनर्जी सलूशन्स का 9.99 %, अडानी ग्रीन एनर्जी का 9.99 %, अडानी एंटरप्राइजेज का 5.32 %, एनडीटीवी का 3.35 %, अडानी विल्मर का 3.17 %, अडानी पोर्ट्स का 2.25 % और सांघी इंडस्ट्रीज का शेयर 2.19 % चढ़ा।
अडानी एनर्जी सलूशन्स और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर ने भी दिन के लिए अपनी उच्च सीमा को छुआ। हालांकि, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर मामूली गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। इस बीच, BSE सेंसेक्स ने 688.82 अंक की गिरावट के साथ 79,545.26 अंक पर और एनएसई निफ्टी ने 222.20 अंक फिसलकर 24,052.70 अंक पर कारोबार किया।
Adani Green Energy Ltd. ने बुधवार को कहा था कि अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। उनपर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जा सकता है।
कंपनी ने कहा कि एजीईएल के तीन अधिकारियों पर केवल प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। आम तौर पर ऐसे आरोपों के लिए दंड रिश्वतखोरी की तुलना में कम गंभीर होते हैं। अडानी ग्रुप ने पिछले हफ्ते सभी आरोपों का खारिज करते हुए कहा था कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी रास्ता अपनाएगा।
AGEL पर आरोप है कि भारत के सबसे बड़े सोलर पावर प्रॉजेक्ट को हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई, जिससे कंपनी को 20 साल की दौरान $2B का फायदा हो सकता था।
इस केस के बारे में जानकारी सामने आने के बाद फ्रांस की कंपनी TotalEnergies ने अडानी ग्रुप में तब तक निवेश न करने की बात कही थी, जब तक वह सभी आरोपों से बरी नहीं हो जाती। कंपनी ने कहा था कि वह भ्रष्टाचार का साथ नहीं देगी।
वहीं, भारत में सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) बाजार में पूछना शुरू किया था कि क्या अडानी ग्रुप ने अमेरिका में चल रहे केस के बारे में भारत के बाजार में जानकारी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर दो हफ्ते की पड़ताल में सेबी को पता चलता है कि ग्रुप ने डिस्क्लोजर के नियमों का उल्लंघन किया है तो वह औपचारिक जांच शुरू कर सकती है।
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